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बाबा खाटू श्याम का मंत्र सुनते ही बनते हैं बिगड़े काम
#सबसे पावरफुल मंत्र
#खाटू श्याम का महाशक्तिशाली महामंत्र
#हारे का सहारा
श्री खाटू श्याम जी का यह चमत्कारिक मंत्र बहुत ही लाभदाई है। इससे बाबा श्याम जी की कृपा प्राप्त होती हैं और जीवन में सद्मार्ग की प्राप्ति होती है। शारीरिक और मानसिक स्वच्छता के साथ इस मन्त्र का जाप करने/मन में धारण करने से निश्चित सफलता मिलती है। सद्कार्य और नेक कार्यों में सफलता मिलती है। प्रातः कालीन समय में इस मन्त्र के जाप से सम्पूर्ण घर को बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बाबा हारे के सहारे हैं, जो भी जीवन में हार चूका है उसका सहारा बाबा खाटू श्याम जी ही हैं।
इन्हे लखदातार के नाम से भी पूजा जाता है क्योंकि ये अपने भक्तों की झोली को भर देते हैं। बाबा दानी हैं क्योंकि बाबा ने अपना शीश काट कर श्री कृष्ण जी के समक्ष स्वंय ही रख दिया। बाबा को यूँ ही नहीं कहते हैं "हारे का सहारा" इसके पीछे का प्रसंग भी बहुत ही रोचक और महत्त्व रखता है जो संक्षेप में ऐसे है की बाबा (बर्बरीक) ने फैसला किया की महाभारत के युद्ध में जो भी पराजित होने वाला होगा वे उनका ही साथ देंगे।
श्री कृष्ण जी को जब इसका ज्ञान हुआ की ऐसे में युद्ध का परिणाम ही बदल जाएगा तो उन्होंने ब्राह्मण का वेश बनाकर उनसे दान में बाबा का ही शीश माँग लिया। श्री कृष्ण जी ने अपना वास्तविक रूप बाबा को दिखाया और उन्हें वरदान दिया की वे कलयुग में "खाटू श्याम" के नाम से पूजे जायेगें।
मन को एक तंत्र में लाना ही मंत्र होता है। उदाहरणार्थ यदि आपके मन में एक साथ एक हजार विचार चल रहे हैं तो उन सभी को समाप्त करके मात्र एक विचार को ही स्थापित करना ही मंत्र का लक्ष्य होता है। यह लक्ष्य प्राप्त करने के बाद आपका दिमाग एक आयामी और सही दिशा में गति करने वाला होगा। जब ऐसा हो जाता है तो कहते हैं कि मंत्र सिद्ध हो गया। ऐसा मंत्र को लगातार जपते रहने से होता है। यदि आपका ध्यान इधर, उधर भटक रहा है तो फिर मंत्र को सिद्ध होने में भी विलंब होगा। कहते हैं कि 'करत-करत अभ्यास से जडमति होत सुजान। रसरी आवत-जात से सिल पर पड़त निसान॥' इसी तरह लगातार जप का अभ्यास करते रहने से आपके चित्त में वह मंत्र इस कदर जम जाता है कि फिर नींद में भी वह चलता रहता है और अंतत: एक दिन वह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दरअसल, मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध होने लगता है। अब सवाल यह उठता है कि सिद्ध होने के बाद क्या होता है मंत्र के द्वारा हम खुद के मन या मस्तिष्क को बुरे विचारों से दूर रखकर उसे नए और अच्छे विचारों में बदल सकते हैं। लगातार अच्ची भावना और विचारों में रत रहने से जीवन में हो रही बुरी घटनाएं रुक जाती है और अच्छी घटनाएं होने लगती है। यदि आप सात्विक रूप से निश्चित समय और निश्चित स्थान पर बैठक मंत्र प्रतिदिन मंत्र का जप करते हैं तो आपके मन में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही आपमें आशावादी दृष्टिकोण भी विकसित होता है जो कि जीवन के लिए जरूरी है।
#mantra ॐ मोर्वी नन्दनाय विद्महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरिकः प्रचोदयात्।