गीत नंबर दो में सूरू के शब्दों में कुछ और कहने की चेष्टा किया लेकिन गीत को पूरा घूमा दिया है
@vijaykumarmuarawan89115 күн бұрын
भाई साहब आप का संगीत बहुत ही सुन्दर है पर गीत एक में बीच के स्थान पर ईश्वर को जोड़ा है और गीत के सूरू और आखिरी में ईश्वर से गीत मेल नहीं खाता है कृपया गीत को ईश्वर के प्रति ज्यादा जोड़े मेहरबानी होगी