मनुष्य कितना भी बड़ा योद्धा हो लम्बी बीमारी ठीक होने का नाम न ले टूट जाता है यही प्रारब्ध के भोग हैं I सुदेश शुक्ला
@aarajeev2 күн бұрын
भाग्य तभी काम करता है जब आप अपनी तरफ से कोशिश करते हैं। मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ आप अपने भविष्य को स्वयं रच सकते हैं।
@SudhansuBaral-h2pКүн бұрын
छिन्नोऽपि चन्दनतरुर्न जहाति गंधं बृद्धोऽपि वारणपतिर्न जहाति लीलाम्। यन्त्रार्पितो मधुरतां न जहाति चेक्षुः क्षीणोऽपि न त्यजति शीलगुणान् कुलीनः।। जैसे काट देने पर भी चन्दन अपने गंध को नहीं छोड़ता, बृद्ध हो जाने पर भी हाथी अपने कामुकता को नहीं छोड़ता, कोल्हू में पेर देने पर भी गन्ना अपनी मिठास को नहीं छोड़ता, वैसे हि अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों में फंस कर भी कुलीन अपने सदाचारों को नहीं छोड़ता है।