Рет қаралды 268
इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन थॉट, सीएसडीएस
आपको व्याख्यान के लिए आमंत्रित करता है
स्त्री, स्वाधीनता और तुलसीदास
वक्ता: बजरंग बिहारी तिवारी
अध्यक्षता: रविकान्त
शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023, 4 बजे शाम
सेमिनार रूम और ज़ूम पर
Link: bit.ly/3Mxgyh4
Meeting ID: 85197826292
Passcode: csdsdelhi
(चाय : शाम 3 :30 बजे)
तुलसीदास की आत्मछवि एक कवि की है। प्रबंधकाव्य रचना में उनकी अद्भुत गति है। उनकी रचनाओं में तरह-तरह की स्थितियाँ हैं और भाँति-भाँति के पात्र हैं। विचारों की बड़ी संश्लिष्ट उपस्थिति और टकराहट उनके यहाँ दिखाई देती है। एक तरफ़ विविध परंपराओं से आए हुए विचार हैं तो दूसरी तरफ़ उनके समय के नए विचार हैं, तीसरी तरफ़ तुलसी के अपने विचार हैं। आशय यह कि उनके बारे में कोई राय बनाते समय इस बारीकी का, इस जटिलता का संज्ञान लेना आवश्यक है। स्त्री और स्वाधीनता पर इस कवि का मंतव्य समझने की कोशिश प्रस्तावित व्याख्यान में की जाएगी।
पूर्वी उत्तरप्रदेश के गोंडा जनपद में पले-बढ़े बजरंग बिहारी तिवारी ने उच्च शिक्षा इलाहाबाद तथा दिल्ली से हासिल की। ‘भक्ति-संवेदना और सत्ता-प्रतिष्ठान’ पर पीएच. डी. उपाधि हेतु शोधकार्य किया। भारतीय दलित आंदोलन और आंबेडकरी साहित्य के अध्येता के रूप में उनकी पहचान बनी। दिल्ली के देशबंधु कॉलेज में अध्यापक हैं। उनकी नई किताबें हैं हिंसा की जाति, केरल में सामाजिक आंदोलन दलित साहित्य तथा दलित साहित्य : एक अंतर्यात्रा ।
रविकान्त सीएसडीएस में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं।