ओउम् आचार्य जी 🙏 आपकी कृपा से मेरे भी आज 1000 सब्सक्राइब पूरे हो गए हैं 🙏 में भी वेदों के मार्ग पर चलने की कोशिश कर रहा हूं ,🙏🚩 ओउम् कृणवन्तोविश्मार्यम् 🚩
@strongpp240Ай бұрын
Aacharya Ji,I am impressed with the in depth knowledge you have. Can you please start series on explaining each Sholak of vedas with their actual meaning 🙏 This series might not get instant views for time being but that content would become Golden mine for generation to come
@gurjarsena6306Ай бұрын
ॐ नमो नमो
@rajubawa4372Ай бұрын
ओम् नमस्ते भाई जय सनातन
@Harshrajput-w2yАй бұрын
Bhut bhut dhanyawad ji 🕉️
@pitabassahoo7318Ай бұрын
बहत ही सुंदर तर्क था आचार्य जी। सादर 🙏 ओ३म
@sudkrishna5703Ай бұрын
अज्ञान का प्रणाम ❤❤❤
@kamleshmalimali597Ай бұрын
Om . Aacharya ji.
@amarrathore0001Ай бұрын
आचार्य जी प्रणाम
@nilotpalsarmahsarma8344Ай бұрын
जय सनातन संस्कृति की
@SoneramSharma-x5kАй бұрын
त्रिमूर्ति को सादर नमस्तेजी ❤
@brahma_varchasАй бұрын
Om
@darshnikvicharАй бұрын
🙏
@Zishu-uv4pvАй бұрын
मेरे हिसाब से गीता में जो कुल वंश आदि की जो आप चर्चा कह रहे हैं ये भी दर्शन ही है, क्योंकि व्यक्ति को जीने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इन्हीं में से होकर गुजरता पड़ता है, इसलिए मेरे हिसाब से यह भी एक दर्शन ही है, लेकिन इसे सामाजिक दर्शन कह सकते हैं, अगर इसको ठीक से समझ लिया इस दर्शन की मूल साइंस को जान लिया जो मन के भीतर का मूल दर्शन खुलेगा यानि अंदर और बाहर की यात्रा एक साथ शुरू होती है और अंत में आत्म तत्व ही शेष रहता है और व्यक्ति भीतर और बाहर विद्दया अविद्दया से मुक्त हो जाता है, और जबतक जीता है परम मुक्ति में जैसे श्री कृष्ण साम्यिक दृष्टि जहां ना किसी चीज का विरोध है ना अविरोध, बुल्ला मैं की जाना मैं कौन।
@0__-_-..._-.Matter._-_._-_-._Ай бұрын
😅
@NishantKumar-ry9rpАй бұрын
समाधि क्या होता है ?
@jyotiswaroop9436Ай бұрын
Read Sattarth Prakash written by Maharshi dayanand saraswati for the answrs to all these questions.
@DunammapayaTiwariАй бұрын
Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram Jay shree Ram
@ओम-ईश्वरकामुख्यनामАй бұрын
ओम सादर नमस्ते
@naveenwordАй бұрын
जी ❤प्रणाम सभी ❤ प्रणाम । अच्छी बात दिवार पर भी लिखि हो । उसे मान लेनी चाहिए । दिवार का भला हो ना आपका होगा । मालिक हमें सद्बुद्धि दे ।
@AshishKumar-jb6slАй бұрын
🙏🙏🙏
@-trk..Ай бұрын
🙏🏼🙏🏼😊💐
@AmolakSingh-c4oАй бұрын
🕉 namaste 🙏 ♥️
@jitendrakushwaha9117Ай бұрын
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
@tiktokerboys1781Ай бұрын
Bhai manusmriti pr vid bnao n plz
@anusingh191Ай бұрын
यह बात सही है कि वह दो बातें नहीं करता लेकिन मांसाहार की बातों में विरोधाभास इंसानों के खुद के विचार से है जबकि पुराने समय में मांसाहार को वर्जित नहीं माना जाताथा लेकिन ब्राह्मणों के लिए यह वर्जित था क्योंकि शिकार उसे समय हुआ करते थेऔर शिकार को भोजन के रूप में ही किया जाताथा
@InstitutionGame19 күн бұрын
Masahaar ek Tamsik bhojan H Jisse Tamo guni Loog Krte h . Eska esse koi lena dena ni Ki phle loog kia krte thee Aur ab Virodh krte h . Tamo guni Insaan Kbi Mukt Ni Ho skta Vo Yugoyugo Tk Dukh se lipta rhta h . Insaan Ko Tamo Se uthkar Satvik tk uthna chaiye . Aur Satvik Insaan Koi b uss chj k sewan ni krta jo Bhagvan Na kha skee . Although Mukt Hnee K lye ya bhagvan k darshan K liye hmme Satvik Se upr Uthna hta h .
@InstitutionGame19 күн бұрын
gyan , Yog , Taap , Jaap , Varagya , Tyaag Sb Bhakti se automatic Bhakt k andr Anee start ho jaate h . Geeta or Bhagvatam m Bhagvan Khud khte h Mje Gyan se smj Pana Bht mushkil h . Bhakt Sbse Uttam Marg H Jispe Chlke Tm Mje jaan Skte ho . Hn Aj Ki jo Bhakti h Vo dikhave jyada h. pr Bhakti marg he uttam H . Baki Nam Likhna , Jaap Krna Ye Ek Bhakti k lakshan b hta h As Bhakt k Jubaan haar samay Bhagvan k nam he hta h.
@DevanshbajpaithstarrollnoАй бұрын
भक्तियोग के लिए केवल अपने इष्ट के प्रति श्रद्धा और विश्वास आवश्यक है आप चाहे नाम लिखो या नाचो या सारे संसार के सभी भोगों को इष्ट का दिया हूआ प्रसाद मानों, केवल कोरा ज्ञान भी रावण जैसे अभिमान को ही बढाता है और काकभुशुण्डि जैसी भक्ति जीवन तार देती है, अनंत भक्तों को भवसागर से तरते देखा है पर ज्ञानी को अपने ज्ञान के अभिमान से पतित होते देखा है, कितनी ही बड़ी बड़ी ज्ञान की बातें कर लो या योग करलो बिना मायापति जगदीश्वर की कृपा के उनकी प्रबल माया नहीं छोडती, कोरी ज्ञान की बातें मनोरंजन ही है🙏
@gauravpandey9003Ай бұрын
Satya bola apne
@ankitpal-op1znАй бұрын
बिना ज्ञान के क्या क्या कार्य कर सकता है के अनपढ़ व्यक्ति कंप्यूटर पर कार्य कर सकता है जिसको अक्षरों का ज्ञान नहीं हो किताब पढ़ सकता है।
@ankitpal-op1znАй бұрын
सत्य यह है दुनिया में ज्ञानी बहुत है लेकिन ज्ञान मार्ग का पालन करना सबके बस्की बात नहीं ।
@gauravpandey9003Ай бұрын
@@ankitpal-op1zn pal ji kaisi baate karte ho ..gyan marg ko saksharta se jod rahe ..gyan marg ka arth shastro ke swadhyay se hai ...unpe chalna to karm yog ho gya ..khud ko uska karta na manke ishwar ko samarpit karna bhakti yog ho gya aur ishwar me rame rehna dhyan yog ho gya ..sab chiz interlinked hai ...koi alag jaise marg nhi hota ..jada ya kam ho sakta ..but sab interlinked hai bhai
@ankitpal-op1zn28 күн бұрын
@@gauravpandey9003 आपने सही कहा लेकिन मेरा कहने कर अर्थ आपने गलत समझा मेरा कहने का मतलब है स्वाध्याय करने के बाद कर्म में नहीं लाए तो उसका फायदा क्या ईश्वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए मेरे अनुसार यही भक्ति है
@TheAnuvsАй бұрын
As long as people eating meat ..Bali pratha is fine. People who eat meat do not have right to raise and does not make sense. Make video on Muslim's kurbani right or wrong. Christians eating meat during their religious celebrations right or wrong . Dislike for making video only on Hindu.
@Harshitc07Ай бұрын
Bali pratha is absolutely wrong. If u want to commit any sin or paapkarm then do it at your own. Don't involve ishwara in this. Do read ur scriptures(authentic one). Then blabber
@skcbrahmart6172Ай бұрын
ग्यानमार्ग सत्य है बाकि सब कथा कहानी ! ये कथा कहानी ग्यान मार्ग की ओर प्रेरित करते हैं लेकिन मुर्ख कथावाचक इसी में फँस जाते हैं !
@InstitutionGame19 күн бұрын
Aap Glt raste m Fass chuke h . Gyan marg k Alava b Marg h . saare Marg Bhagvan Ki aur le jaate h Bs Depend Person To person Krta h Usse Kn sa Marg Apnana h . Baki Aap Agr geeta ya bhagvatam Pdooge Toh Bhagvan ne Bhakti mrg ko uttam marg Btaya Untk pahuchne k . Kuki Bhakti Marg Se gyan , Tyaag , Vara gya apne aaap aa jaate h. Hope Its clear . You also Read Some purans for Deep Knowledge.
@shiva_ji_ka_daashАй бұрын
ये ब्राह्मण नही है इसकी बातों से ही पता चलता है जो शास्त्रो को बदलने की बात करे आर्यनामजी व्व ब्राह्मण कहा? जय मनुदेव की🙏🚩
@Harshitc07Ай бұрын
Tumhare manudev ki raksha bhi ye hi aryanamazi karte Hain . Manudev ko to har saal bheemte jalate hain. Tumne kya ukhaad liya doosron ko aryanamazi bolke be😂😂
@Neuralcreativeofficial_Ай бұрын
Advaita
@civilengineeringclasseswit78629 күн бұрын
कितना भी ज्ञानी हो लेकिन अपने धंधे के लिए आँख बंद करनी ही पड़ती है जैसे वेद अपौरूषेय है ? कोई भी पुस्तक कैसे अपौरूषेय हो सकती है? ऐसे तो क़ुरआन भी कहने को अपौरुषेय है ? दोनों की अपनी मजबूरी है 😂😂😂
@shiva_ji_ka_daashАй бұрын
बिना एक अच्छे गुरू से दीक्षित हुए जब शास्त्रो की बात करेंगे तो ऐसे ही मूर्खता भरे बनोगे
@sanskratАй бұрын
तो आप माँस खाओ। दो बलि यज्ञ में।
@shiva_ji_ka_daashАй бұрын
@@sanskrat लगाए मनु महाराज की फ़ोटो और ज्ञान रत्ती भर का नही इंटरनेट के हिन्दू🤡
@NishantKumar-ry9rpАй бұрын
उन्होंने तो तार्किक बात की है । शायद आप आँख बंद करके आचार्यो को मानते हो ।
@shiva_ji_ka_daashАй бұрын
@@NishantKumar-ry9rp इसी लिए बोलये अच्छे गुरु की आवश्यकता है वरना नही समझ पाओगे की क्या वास्तविकता नारायण🙏
@NishantKumar-ry9rpАй бұрын
@@shiva_ji_ka_daash और जब आचार्य ही अपनी बातें सिद्ध करने में लिए कुतर्क करने लगे तो ?
@KindPersanАй бұрын
Has all ज्ञानी found मुक्ति? भक्ति is simplest Don't say भक्त is lesser than ज्ञानी जो ज्ञानी है vahi भक्त है and vice-versa
@0__-_-..._-.Matter._-_._-_-._Ай бұрын
ज्ञान हीं मुक्ति की प्रथम ओर अंतिम सिढ़ी है, ज्ञान से कर्म सुधरेंगे, ज्ञान से हीं योग होगा उससे आगे मोक्ष मे भी ज्ञान हीं मिलेगा,, आजकल की भक्ति से तो कर्म भी नही सुधरते योग,मोक्ष तो कहा होगा।
@gauravpandey9003Ай бұрын
@@0__-_-..._-.Matter._-_._-_-._ Tum Krishna ji ko ye baat Bata do .. shayad Geeta me sab marg ko aise hi Bata diye .. tümse consult nhi kiye 😅
@gauravpandey9003Ай бұрын
Ye ekdum abrahmic soch hai ki ye marg hi sahi h .. wo Marg se Kuch nhi ho sakta hai ..sanatan me aisi soch sahi nhi hai.. eslam aur cristanity jaisi baat ho gyi ki bas ye marg hi sahi h .. ram ram jo likh raha hai aur uska bhav hai aur likhte waqt wo use man me Dohra raha to ise Bhakti hi kahenge.. Waise gyani aur dhyani marg ke baare me ye kaha gya hai ki unka ahankar unhe jaldi bhatkata hai .. par iska ye matlab nhi ki bas Bhakti marg me nachne gane se Samsar chalega .. karm , yog , Dhyan , gyan , Bhakti sab yog ka Samagrata honi chaiye … sab interlinked hai.. Bhagwan ne to Geeta me sab yog ko Bataya hai to hum Kaun hai ek choose karke Usko Sabse ucha Manne wale