हर भेष मे तू हर देश मे तू । तेरे रूप अनेक तू एक ही है ।। ।। सब का मालिक एक ।। हे मेरे परमपिता परमेश्वर आपके परम पूज्य पावन पवित्र श्री चरणों मे अनंत कोटि कोटि कोटि साक्षात दंडवत प्रणाम है । आपकी कृपा मे आत्मसुख का आनन्द मुझे भी प्राप्त हो । ।। जय बाबा स्वामी ।।