Hujur shaikhul islam jindabad Allah inki umr me barkate ata farmaye aur din ki khimadat farmaye.
@mrserachallindia2199 Жыл бұрын
O bhai shab kiya bolo takrir salam baba
@Shortsgaming402 жыл бұрын
शेर-A-इस्लाम जनाब हासमी मिया ❤️
@sayedabbubakar4914 Жыл бұрын
Beshaq 💚 SubhanAllah
@AfjalKhan-hm1yo Жыл бұрын
Mashallah Subhanallah Bahut Khoob
@amjadhussain9836 Жыл бұрын
سبحان الله
@singlebhai44602 жыл бұрын
Meri jan hai hasmi
@Rahmatali-ix9uj Жыл бұрын
Galat baat hai
@islamicrazvibyan5537 Жыл бұрын
MASAALLAH BAHUT KHOOB HJRAT
@malekalfaj55032 жыл бұрын
Haq Sunni Yaa Sunni Haq Madni Yaa Madni Haq Hasmi Yaa Hasmi
@moshinkhan6188 Жыл бұрын
mashallah
@zakirrathod19852 жыл бұрын
SubhanAllah SubhanAllah mashallah kya byan hai mashallah
@ahmedhussainahmedhussain3311 Жыл бұрын
Subhan Allah
@merajalam74972 жыл бұрын
Allah apko salamat rakhe
@belimjainulaabedin75522 жыл бұрын
माशा अल्लाह बहुत खूब
@mekram41932 жыл бұрын
Labbaik ya Rasulullah
@shaikhnaseem1361 Жыл бұрын
Bahut khoobsurat bayan hai
@al-ansarimohammadrais4419 Жыл бұрын
Masa Allah subahan Allah. Allah aap ki umar me barkate atafarmayen. Deen ki San hai aap.
@uveshrajaa30342 жыл бұрын
Masha allah bahot khub
@mdashu59352 жыл бұрын
SubhanAllah💚 SubhanAllah💙 SubhanAllah🧡 Huzoor Gazi-e-millat zindabad Allah paak Aapko khoob lambi umr Ata kare Aur aapko be sumar ilm Ata farmaye Aameen summa Aameen🥺🤲🏻❤❤❤❤❤❤❤❤
@antariksh2770 Жыл бұрын
Allah hashmi miya ki ummer me ilm me barkat atta kare amin
@dilshadjaneta45452 жыл бұрын
ماشاءاللّٰه
@mohammadirshadshaikh33732 жыл бұрын
Mashallah subhanallah huzoor gaziymillat zinda bad
@mahmed45812 жыл бұрын
Allah k siwa koi madadgar Nahi hai 🙏
@saiyedriazhusainmirsabmiya3328 Жыл бұрын
Subhan Allah Masha Allah Tajdar e Khitabhat zindabad....
@muzammilpathan3433 Жыл бұрын
Bahot khoooob 💐
@hasrataliali87622 жыл бұрын
Masha Allah
@nazamshaikh132 жыл бұрын
subhanallah ❤️🧿
@nazeerpathan5975 Жыл бұрын
Mashallah
@aejazahmed87172 жыл бұрын
Mashallah
@emamiyt7580 Жыл бұрын
Allah ap pe or tamam iman walo pe allah jalla shanuhoo khair farmaye apne habib sallallahu alihe wasallam ke sadqe tufail
@killarboy6262 жыл бұрын
माशाअललाह जबरदस तकरीर कया इलमहै सूबहानललाह
@mohammadsaleemdar560 Жыл бұрын
Allah ho akbar ho allah Yarasull allah sallalho alæhi wasalm Tajdare khatme nabuwat zinda bad
@AnasKhan-wm9ru2 жыл бұрын
Suban Allah❤
@salimshah7898 Жыл бұрын
You are,sunnaty,king,in,this,time
@Rahmatali-ix9uj Жыл бұрын
Mera hajrat hai ustad hai
@jalalansari27492 жыл бұрын
ये है सुनियो का असली 🐯 टाईगर
@lalitmohanpandey55712 жыл бұрын
मैंने youtube पर किसी अन्य पोस्ट के जवाब में ये निम्न बातें लिखी हें। कृपया इन पर गौर करें:- मजहब पर प्रवचन करना तो अच्छा है पर कहीं पर भी या टी वी चैनल पर ज़बाब सवाल और बहस बन्द होनी चाहिये। कोई भी धर्म हो वह बहस का विषय नहीं है। धर्म विश्वास का विषय है, मानने का विषय है न कि बहस करने का। बहस से क्या होता है की जो लोग चालाक होते हैं और जो लोग सही बात को गलत और गलत बात को सही साबित करने की क्षमता रखते हैं, वे लोग आपके धर्म पर उंगली उठा कर और उसमें खामियां निकालकर उसका पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार कर देते है। पवित्र कुरान में सब कुछ अच्छा है। पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से आजादी मिलनी चाहिये, क्योंकि वर्तमान समय कानून और व्यवस्था का है। हिजब तो चलेगा। हिन्दुओं में भी घूंघट और दुपट्टा है। तीन तलाक भी सही है। पर तीन तलाक लेने की वर्तमान ब्यवस्था में बदलाव की जरूरत है, अन्यथा इससे मुसलमान पुरुषों के सम्बन्ध में दुनिया का नजरिया और मुसलमान पत्नियों का नजरिया खराब होता है और मुसलमान पत्नियों की इस्लाम के प्रति नाराजगी पैदा होती है। तीन तलाक के बाद तलाक देने वाले ब्यक्ति का शादी का अधिकार समाप्त होना चाहिए। या फिर तीन तलाक देने वाला ब्यक्ति कोर्ट में भी तलाक की प्रार्थना दे। और कोर्ट-कचहरी से तलाक लेकर शादी कर ले। या उसकी तलाकशुदा पत्नी उसको शादी करने का अधिकार दे दे, तो फिर दूसरी शादी कर ले। तीन तलाक के बाद अगर ब्यक्ति अपनी तलाक दी हुई पत्नी से ही शादी करना चाहे तो हलाला में कुछ बुराई नहीं है। इससे तलाक देने वाले को सबक मिलता है। इदुल अजहा का त्योहार पवित्र है, पर इस पवित्रता को जानवरों की कुर्बानी से मुक्ति दो। क्योंकि इन पवित्र त्यौहारों में जानवरों की कुर्बानी से मुसलमानों के सम्बन्ध में नजरिया खराब होता है। हां परमात्मा अल्लाह के रास्ते में अगर अल्लाह/परमात्मा को जरूरत पड़ें तो ब्यक्ति अपनी कुर्बानी दे सकता है। शेष और दिनों में आप भी हिन्दुओं की तरह मांस खा सकते हो। गोल टोपी अच्छी लगती है। दाढ़ी रखना या न रखना ब्यक्ति विशेष की मर्जी पर निर्भर होना चाहिये। दाढ़ी रखने पर और लोग आपके उपर उग्रवादी का लेवल लगा देते हें। या फिर लम्बी न रख कर छोटी दाढ़ी रखिये। आपके लोग भी आपको पसन्द करेंगे। आप ये बताओ कि क्या उपरोक्त बातों से परेशानी महसूस कर लोग इस्लाम छोड़ रहे हें? अगर हां तो आप उपरोक्त बातों को मानकर सुधार करो। आप अपने धर्म में सही हें पर आपके धर्म और और आपके धर्म के मानने वालों के बारे में कई बातों को लेकर गलतफहमी पैदा की जा रही है और बोला जा रहा है कि इस्लाम में महिलाओं को दबाया जा रहा है, शोषण किया जा रहा है तो सामाजिक प्राणी होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि कुछ ऐसा करें कि ऐसा बोलने वालों को आपकी इमेज को खराब करने का मौका न मिले। आपकी इमेज अगर खराब होगी तो आपके लोग भी आपसे नफरत करेंगे। जहां तक मेरा ज्ञान है, कुरान में भी उपरोक्त बातों के लिये कोई बिरोध नहीं है। अगर कहीं विरोध आ रहा है तो वह हमारे गलत विश्लेषण से है। कुरान गलत नहीं है। कुरान तो अल्लाह/परमात्मा ने लौहे महफूज में लिखी है और देवदूत जिब्रील के द्वारा मुहम्मद साहब को बतायी गयी है। कुरान मानवता के लिए अल्लाह/परमात्मा की हिदायत है।
@saddamansarisaddamansari89552 жыл бұрын
@@lalitmohanpandey5571 mmmmmmmmmmmmmmm
@saddamansarisaddamansari89552 жыл бұрын
Moy m@@lalitmohanpandey5571
@saddamansarisaddamansari89552 жыл бұрын
@@lalitmohanpandey5571 mm
@saddamansarisaddamansari89552 жыл бұрын
@@lalitmohanpandey5571 ম
@fayazmirza7762 Жыл бұрын
Sahensah e Khitabaat Huzoor Gazhie e Millat Zindabad..... Tere Nasal e paak me hai Bacha bacha NOOR ka tu hai aahne noor tera saab gharana noor ka .....
मैंने youtube पर किसी अन्य पोस्ट के जवाब में ये निम्न बातें लिखी हें। कृपया इन पर गौर करें:- मजहब पर प्रवचन करना तो अच्छा है पर कहीं पर भी या टी वी चैनल पर ज़बाब सवाल और बहस बन्द होनी चाहिये। कोई भी धर्म हो वह बहस का विषय नहीं है। धर्म विश्वास का विषय है, मानने का विषय है न कि बहस करने का। बहस से क्या होता है की जो लोग चालाक होते हैं और जो लोग सही बात को गलत और गलत बात को सही साबित करने की क्षमता रखते हैं, वे लोग आपके धर्म पर उंगली उठा कर और उसमें खामियां निकालकर उसका पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार कर देते है। पवित्र कुरान में सब कुछ अच्छा है। पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से आजादी मिलनी चाहिये, क्योंकि वर्तमान समय कानून और व्यवस्था का है। हिजब तो चलेगा। हिन्दुओं में भी घूंघट और दुपट्टा है। तीन तलाक भी सही है। पर तीन तलाक लेने की वर्तमान ब्यवस्था में बदलाव की जरूरत है, अन्यथा इससे मुसलमान पुरुषों के सम्बन्ध में दुनिया का नजरिया और मुसलमान पत्नियों का नजरिया खराब होता है और मुसलमान पत्नियों की इस्लाम के प्रति नाराजगी पैदा होती है। तीन तलाक के बाद तलाक देने वाले ब्यक्ति का शादी का अधिकार समाप्त होना चाहिए। या फिर तीन तलाक देने वाला ब्यक्ति कोर्ट में भी तलाक की प्रार्थना दे। और कोर्ट-कचहरी से तलाक लेकर शादी कर ले। या उसकी तलाकशुदा पत्नी उसको शादी करने का अधिकार दे दे, तो फिर दूसरी शादी कर ले। तीन तलाक के बाद अगर ब्यक्ति अपनी तलाक दी हुई पत्नी से ही शादी करना चाहे तो हलाला में कुछ बुराई नहीं है। इससे तलाक देने वाले को सबक मिलता है। इदुल अजहा का त्योहार पवित्र है, पर इस पवित्रता को जानवरों की कुर्बानी से मुक्ति दो। क्योंकि इन पवित्र त्यौहारों में जानवरों की कुर्बानी से मुसलमानों के सम्बन्ध में नजरिया खराब होता है। हां परमात्मा अल्लाह के रास्ते में अगर अल्लाह/परमात्मा को जरूरत पड़ें तो ब्यक्ति अपनी कुर्बानी दे सकता है। शेष और दिनों में आप भी हिन्दुओं की तरह मांस खा सकते हो। गोल टोपी अच्छी लगती है। दाढ़ी रखना या न रखना ब्यक्ति विशेष की मर्जी पर निर्भर होना चाहिये। दाढ़ी रखने पर और लोग आपके उपर उग्रवादी का लेवल लगा देते हें। या फिर लम्बी न रख कर छोटी दाढ़ी रखिये। आपके लोग भी आपको पसन्द करेंगे। आप ये बताओ कि क्या उपरोक्त बातों से परेशानी महसूस कर लोग इस्लाम छोड़ रहे हें? अगर हां तो आप उपरोक्त बातों को मानकर सुधार करो। आप अपने धर्म में सही हें पर आपके धर्म और और आपके धर्म के मानने वालों के बारे में कई बातों को लेकर गलतफहमी पैदा की जा रही है और बोला जा रहा है कि इस्लाम में महिलाओं को दबाया जा रहा है, शोषण किया जा रहा है तो सामाजिक प्राणी होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि कुछ ऐसा करें कि ऐसा बोलने वालों को आपकी इमेज को खराब करने का मौका न मिले। आपकी इमेज अगर खराब होगी तो आपके लोग भी आपसे नफरत करेंगे। जहां तक मेरा ज्ञान है, कुरान में भी उपरोक्त बातों के लिये कोई बिरोध नहीं है। अगर कहीं विरोध आ रहा है तो वह हमारे गलत विश्लेषण से है। कुरान गलत नहीं है। कुरान तो अल्लाह/परमात्मा ने लौहे महफूज में लिखी है और देवदूत जिब्रील के द्वारा मुहम्मद साहब को बतायी गयी है। कुरान मानवता के लिए अल्लाह/परमात्मा की हिदायत है।
@afzalansari5942 жыл бұрын
mashaAllah huzoor ghaziye millat zindabad aale rasool zindabad
@mdguddukhan21272 жыл бұрын
Allah aap iilm aur Umar me khub rakat ATA farmay
@lalitmohanpandey55712 жыл бұрын
मैंने youtube पर किसी अन्य पोस्ट के जवाब में ये निम्न बातें लिखी हें। कृपया इन पर गौर करें:- मजहब पर प्रवचन करना तो अच्छा है पर कहीं पर भी या टी वी चैनल पर ज़बाब सवाल और बहस बन्द होनी चाहिये। कोई भी धर्म हो वह बहस का विषय नहीं है। धर्म विश्वास का विषय है, मानने का विषय है न कि बहस करने का। बहस से क्या होता है की जो लोग चालाक होते हैं और जो लोग सही बात को गलत और गलत बात को सही साबित करने की क्षमता रखते हैं, वे लोग आपके धर्म पर उंगली उठा कर और उसमें खामियां निकालकर उसका पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार कर देते है। पवित्र कुरान में सब कुछ अच्छा है। पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से आजादी मिलनी चाहिये, क्योंकि वर्तमान समय कानून और व्यवस्था का है। हिजब तो चलेगा। हिन्दुओं में भी घूंघट और दुपट्टा है। तीन तलाक भी सही है। पर तीन तलाक लेने की वर्तमान ब्यवस्था में बदलाव की जरूरत है, अन्यथा इससे मुसलमान पुरुषों के सम्बन्ध में दुनिया का नजरिया और मुसलमान पत्नियों का नजरिया खराब होता है और मुसलमान पत्नियों की इस्लाम के प्रति नाराजगी पैदा होती है। तीन तलाक के बाद तलाक देने वाले ब्यक्ति का शादी का अधिकार समाप्त होना चाहिए। या फिर तीन तलाक देने वाला ब्यक्ति कोर्ट में भी तलाक की प्रार्थना दे। और कोर्ट-कचहरी से तलाक लेकर शादी कर ले। या उसकी तलाकशुदा पत्नी उसको शादी करने का अधिकार दे दे, तो फिर दूसरी शादी कर ले। तीन तलाक के बाद अगर ब्यक्ति अपनी तलाक दी हुई पत्नी से ही शादी करना चाहे तो हलाला में कुछ बुराई नहीं है। इससे तलाक देने वाले को सबक मिलता है। इदुल अजहा का त्योहार पवित्र है, पर इस पवित्रता को जानवरों की कुर्बानी से मुक्ति दो। क्योंकि इन पवित्र त्यौहारों में जानवरों की कुर्बानी से मुसलमानों के सम्बन्ध में नजरिया खराब होता है। हां परमात्मा अल्लाह के रास्ते में अगर अल्लाह/परमात्मा को जरूरत पड़ें तो ब्यक्ति अपनी कुर्बानी दे सकता है। शेष और दिनों में आप भी हिन्दुओं की तरह मांस खा सकते हो। गोल टोपी अच्छी लगती है। दाढ़ी रखना या न रखना ब्यक्ति विशेष की मर्जी पर निर्भर होना चाहिये। दाढ़ी रखने पर और लोग आपके उपर उग्रवादी का लेवल लगा देते हें। या फिर लम्बी न रख कर छोटी दाढ़ी रखिये। आपके लोग भी आपको पसन्द करेंगे। आप ये बताओ कि क्या उपरोक्त बातों से परेशानी महसूस कर लोग इस्लाम छोड़ रहे हें? अगर हां तो आप उपरोक्त बातों को मानकर सुधार करो। आप अपने धर्म में सही हें पर आपके धर्म और और आपके धर्म के मानने वालों के बारे में कई बातों को लेकर गलतफहमी पैदा की जा रही है और बोला जा रहा है कि इस्लाम में महिलाओं को दबाया जा रहा है, शोषण किया जा रहा है तो सामाजिक प्राणी होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि कुछ ऐसा करें कि ऐसा बोलने वालों को आपकी इमेज को खराब करने का मौका न मिले। आपकी इमेज अगर खराब होगी तो आपके लोग भी आपसे नफरत करेंगे। जहां तक मेरा ज्ञान है, कुरान में भी उपरोक्त बातों के लिये कोई बिरोध नहीं है। अगर कहीं विरोध आ रहा है तो वह हमारे गलत विश्लेषण से है। कुरान गलत नहीं है। कुरान तो अल्लाह/परमात्मा ने लौहे महफूज में लिखी है और देवदूत जिब्रील के द्वारा मुहम्मद साहब को बतायी गयी है। कुरान मानवता के लिए अल्लाह/परमात्मा की हिदायत है।
@ishaquekhan98432 жыл бұрын
@@lalitmohanpandey5571 पाँडे महाराज इसमें संशोधन करने का अधिकार हमें नहीं है l ये आपकी अपनी सोच है l इस्लाम कहता है आप इस्लाम में पुरी तरह दाखिल हो जाओ l यदि दाखिल नहीं होना चाहते तो इस्लाम छोड़ दो l आपका नज़रिया है आपकी सोच है l जनवर की क़ुर्बानी नहीं होनी चाहिये l ये खुदा का हुक्म है खुदा के हुक्म का इंकार करने वाला इस्लाम से बाहर हो जायेगा l ऐसे ही इनकार करते रहे तो इस्लाम ही ख़त्म हो जायेगा l यहाँ अपनी सोच समझ नहीं चलती l जो क़ुरान है इसमें हर वाक्य अल्लाह ही का है इसमें सिर्फ़ संशोधन करनेका अधिकार अल्लाह को ही है l क्यूँ की पूरा क़ुरान अल्लाह का ही संदेश है l इसका इंकार करने वाला इस्लाम से बाहर हो जायेगा l क़ुरान में संशोधन हुए है नहीं हुए ऐसी बात नहीं है l जैसे शराब पे पहले पाबंदी नहीं थीं l फिर अल्लाह का हुक्म हुआ शराब पीना हराम है l तो शराब पीना बन्द कर दिये l इसी तरीक़े से २६ आयत का खूब ज़ोर शोर है भारत में , ये सब आयत के पहले की आयतों हटा दिया गया बीच बीच से २६ आयत को चुना गया है l जैसे शराब जायज़ थी उसमें बुराईयाँ होते दिखी लोग मदहोश हो के बुराइयाँ करने लगे तो अल्लाह ने बन्द करवा दिया l अब क़ुरान में शराब जायज़ है l इसे निकाल के बताया जाएगा l और पाबंदी खुदा ने लगाया इसे नहीं बताया जायेगा l इसी तरीक़े से २६ आयतों को दिखाया जाता है और कारण को छुपा दिया गया वसीम रिज़वी द्वारा l
حضور سيد ہاشمی میاں جیسا مقرر الحمداللہ پورے ورلڈ میں نہیں ملے گا
@maishadrazakhan6642 Жыл бұрын
Mashallah subhanallah
@pakistanzindabad32472 жыл бұрын
Labbak ya rasool allha hag g
@shafeeqBhai3442 жыл бұрын
Masha allah
@mdmanzaralam1425 Жыл бұрын
Very nice
@skfazlu5401 Жыл бұрын
Bemisaal laajawab hain hajrat
@malekalfaj55032 жыл бұрын
Yaa Khuda Hasmi Wa Madni Salamat Rahe
@sktalhazaffarnaimi91592 жыл бұрын
Zindabad zindabad zindabad
@sultanalikhan39352 жыл бұрын
Mashaallah subhanallah haq h
@SNSongs7612 жыл бұрын
Beshak Haq hai
@ImranShaikh-nj6gr2 жыл бұрын
Subhanallah.veri.good
@chefaveshfoodblogger7442 жыл бұрын
Allah sb ko hidayat de
@sajidali88132 жыл бұрын
Lajawab 💐
@MKHAN-tt4jg2 жыл бұрын
Subhanallah
@SameerShaikh-co8sq2 жыл бұрын
Masaallah
@shafeeqBhai3442 жыл бұрын
Bahot khub sayyad sahab
@zahidansari9022 Жыл бұрын
SUBHANALLAH
@Vfghvffgbkiyg Жыл бұрын
Mashaallah
@mdistiyakalam96862 жыл бұрын
❤️❤️❤️❤️❤️subhanALLAH
@AbC-js9nb Жыл бұрын
Subhanallha
@shekhhasim12882 жыл бұрын
javab nahi hai Hazrat apka Allah apko salamat rakhe...
@sktalhazaffarnaimi91592 жыл бұрын
Bahot khub bahot khub
@mohammedkarim52732 жыл бұрын
💞
@pakistanzindabad32472 жыл бұрын
Masha allha g
@mahmed45812 жыл бұрын
Mushkil kusha sirf Allah👌💯
@sonuniyazi84772 жыл бұрын
दोपहर में पढ़े हो क्या
@mdashu59352 жыл бұрын
ALLAH PAAK AAPKO HUZOOR-E-PAAK KE SADQE TUFAIL SE ILM SEEKHNE AUR ILM PE AMAL KARNE KI NEQ TAUFEEQ ATA FARMAYE AAMEEN🥺🤲🏻
@naimiworldofficial12172 жыл бұрын
Ameen summa ameen
@masudkhankhan58542 жыл бұрын
Subhanallah
@rafikkovadiya28612 жыл бұрын
amin
@AnasKhan-wm9ru2 жыл бұрын
Masha Allah❤
@mohdhanif7940 Жыл бұрын
Asi takrersunne se imaan taja ho jata he
@emamiyt7580 Жыл бұрын
Alhamdolillah
@sktalhazaffarnaimi91592 жыл бұрын
Masha Allah masha Allah
@HaidarAli-np1nu2 жыл бұрын
Subhanallaha...🤩🤩
@AbC-js9nb Жыл бұрын
Mashallha
@farhatkhan53912 жыл бұрын
सुभानअल्लाह
@merajkhanmerajkhan5151 Жыл бұрын
Allah salamt rakhkhe aap ko
@VRBABA9652 жыл бұрын
_MASAALLAH_
@FlankarTheOfficial2 жыл бұрын
❤️❤️
@sktalhazaffarnaimi91592 жыл бұрын
Subhan Allah subhan Allah
@iloveindia59072 жыл бұрын
Mashallah Allah Hu Akbar
@noorichannel-dy3ti2 жыл бұрын
mashaallah
@rafikkovadiya28612 жыл бұрын
subhan allah
@safikulsekh7760 Жыл бұрын
লা জওয়াব হাই
@ImranAhmad-ql6qk Жыл бұрын
Ameen
@aivajkhan63372 жыл бұрын
Subhan allah allah rabbul izzat aapke ilm me or barkat ata farmae or aapke apne habeeb ke sadqe me or ham gunahgaro ki magfirat farmae or hame Islam ko bachane ki ziyada se ziyada tofeeq ata farmae amin summa ameen
@asheerraza96412 жыл бұрын
Great 👍
@mdsalamatansari99682 жыл бұрын
Bahut achcha
@skrohit6017810 ай бұрын
❤❤❤❤❤
@naushadnaushad20062 жыл бұрын
Aamni
@mdrajukhan8916 Жыл бұрын
Very, Very, Nice
@IrfanKhan-hk4rd2 жыл бұрын
beshk
@maamirrajapahat3555 Жыл бұрын
Subhanallah mashallah ❤️❤️❤️❤️
@meryjewelrygame59312 жыл бұрын
Beshak..
@mdmajruddin80012 жыл бұрын
Ji bilkul sahi
@riyazansari33752 жыл бұрын
Beshak
@salimkachchhi6791 Жыл бұрын
Masaallah lajwab bayan lekin sound efect ne mayus kiya