Рет қаралды 92
इन विशेष वीडियो श्रृंखला में श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप के श्लोकों को श्रील् प्रभुपाद जी के तात्पर्य सहित, क्रमबद्द तरीके से पढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
बलं बलवतां चाहं कामरागविवर्जितम् |
धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोSस्मि भरतर्षभ || ११ ||
ये चैव सात्त्विका भावा राजसास्तामसाश्र्च ये |
मत्त एवेति तान्विद्धि न त्वहं तेषु ते मयि || १२ ||
श्रीमद् भगवद् गीता की कक्षा प्रतिदिन ज़ूम के माध्यम से होती है ((ऑनलाइन)। यदि आप ज़ूम के माध्यम से live गीता कक्षा से जुड़ना चाहते हैं तो आप इस नंबर 91933830675 पर Whatsapp से संपर्क कर सकते हैं।
यदि आपने पहले के अध्यायों को नहीं पढ़ा है और आप सार बात समझना चाह रहे हैं, तो आप recommended lectures सुन सकते हैं :
• Recommended Lectures
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम राम हरे हरे