मैं हतप्रभ हूं कि आदरणीय डॉ पी.सी टंडन जी ने सभी उज्ज्वल कवियों पर अपना मंतव्य प्रकट किया किंतु रविन्द्रनाथ टैगोर अस्पर्शित रह गए। मेरा अनन्य अनुरोध है कि एक सुदीर्घ वीडियो की योजना इस अक्षय-कवि पर बनाए क्योंकि डॉ पीसी टंडन जी को सुनना प्रायः कर्णप्रिय प्रतीत होता है।