प्याज काटने पर जो आंसू आते है बस वैसी ही हमारी भावनाएँ है ज्यादा अन्तर नहीं है कुछ 😅😅😅क्यूंकि दोनों का कारण रसायन ही है...
@poonamchandyadav10 күн бұрын
आंसू और पसीना दोनों ही शारीरिक है।
@RashmiSaini-g5z5 күн бұрын
Waw ky bat h 👍❤️ Bhut hi badhiya ❤ Bahut achi Book's hai sch me 📚 Sare problems ka solution hai bhagvat gita 🙏
@ashabahansharma22359 күн бұрын
❤nice explanation
@lokendra0110 күн бұрын
भावना, प्रेम, क्रोध, दया - जो भी तुम्हारे विचार, तुम्हारे जज़्बात हैं, देखना कहीं वे सब रसायनों के खेल तो नहीं!
@I_Am_Enough2910 күн бұрын
Nice explanation 🪔💯
@spiritualwithscience10 күн бұрын
❤👍
@Rajmalmuaicfatukada10 күн бұрын
Nice 🎉🎉🎉
@rajendrasharma-y4n10 күн бұрын
चाहिए चाय और लड़ाई कर रहे है तू ने मुझसे ये कह क्यों दिया अरे भाई शरीर मीठा मांग रहा है शरीर को चाय पिला दो सब फिर बदल जाएगा ,फिर आगे कोई झगड़ा नहीं, बाद में पछताओगे की यार गलत लड़ लिया तो फिर अब पछतावा क्या करे निज करनी कर याद.....
@ravijoshi-qo7igКүн бұрын
आचार्य प्रशांत ना रसायन शास्त्री है ना उसने इन सब चीजों की खोज उसने की है। जो अनपढ़ है अग्यानी है उनके लिए ज्ञानी है वो। पढ़ लिख कर यह तो सभी समझते हैं कि क्या चीज कैसे होती है विचार क्या है जीवन क्या है मृत्यु क्या है।
@005abhisheksharma519 сағат бұрын
यह टिप्पणी करने से पहले सही जानकारी जुटाना ज़रूरी है। आपके भ्रम को तथ्यों से साफ़ कर देता हूँ: 1. आचार्य प्रशांत की योग्यता: उन्हें “अनपढ़” या “अज्ञानी” कहना हास्यास्पद है। वह IIT दिल्ली और IIM अहमदाबाद जैसे भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के पूर्व छात्र हैं। इन संस्थानों में दाखिला पाना और वहाँ से निकलना असाधारण बौद्धिक क्षमता की मांग करता है, जो आपकी टिप्पणी से तो गायब लगती है। 2. सिर्फ किताबें नहीं, असली समझ: आचार्य प्रशांत डिग्री और खिताब दिखाने में समय नहीं गंवाते। उनका काम उनके लिए बोलता है। वह प्राचीन ग्रंथों की गहराई को आज की भाषा और जरूरतों में ढालकर करोड़ों लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्हें “नई खोज” करने की ज़रूरत नहीं है-वह शाश्वत और उपनिषद के सत्य को उजागर करते हैं और उन लोगों तक पहुंचाते हैं जो इसे सुनने और समझने का विवेक रखते हैं। 3. समझ बनाम अनुमान: आपका कहना कि “पढ़कर सभी समझ सकते हैं कि जीवन, विचार और मृत्यु क्या हैं,” मासूमियत है। अगर यह इतना आसान होता, तो दुनिया भ्रम, पीड़ा और दुख से भरी न होती। सच्चाई यह है कि लोग समझते नहीं हैं। आचार्य प्रशांत उन्हीं के लिए हैं जो गहराई से जीवन को समझना चाहते हैं। शायद आपको भी उनका सुनना चाहिए, बजाय इसके कि गलतफहमियां फैलाएं। 4. प्रभाव और योगदान: आचार्य प्रशांत का काम केवल बौद्धिक नहीं, बल्कि परिवर्तनकारी है। उन्होंने लोगों को भ्रम, डर, व्यसन, और अर्थहीन जीवन से मुक्त किया है। उनकी शिक्षाएँ उन लोगों के लिए हैं, जो गहराई में जाना चाहते हैं, न कि उनके लिए, जो किनारे खड़े होकर सतही आलोचना करते हैं। यूट्यूब पर इसके भी वीडियो उपलब्ध है। आपके पूर्वाग्रह यह दिखाते हैं कि आपने आचार्य प्रशांत के विचारों और उनके प्रभाव को समझे बिना ही खारिज कर दिया। पूर्वाग्रह अक्सर लोगों को वास्तविकता और गहराई से दूर कर देता है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले तथ्यों को समझने का प्रयास करें।अगली बार कुछ कहने से पहले, उनकी बातों को सुनें या उनकी किताबें पढ़ें।