आपसे अच्छा साइंस जर्नी चैनल पर सबूत के साथ दिखाया जाता है।
@jiojibharke64473 ай бұрын
Tumlog jahil ho jahil
@dipaksubodh621926 күн бұрын
आदरणीय नरेंद्र साहबजी.नमो बुधाय. आप साहबजीने बहुत ही सटिक बात कहीं.खूब साधुवाद.दिपक सुबोध .अहमदाबाद.
@dayashankartripathi392 ай бұрын
अति सुंदर। सादर प्रणाम।
@sunilkast4553 ай бұрын
sanskrit bhashaa phir sindughati sabhytaa main q nahin yaa buddh ke shilalekh woo bhi nahin samrat ashok bhi pali main likwatee thee
@ShrawanSaazOfficial3 ай бұрын
महाशय, बाल्मीकि रामायण की रचना किस सदी में हुई और इस का ऐतिहासिक प्रमाण क्या है?
@saurabhsinghchauhan54823 ай бұрын
बहुत सुंदर...
@RohanKumar-h7p3 ай бұрын
Bahut achhi jankari
@Tathagat1-el3zt19 күн бұрын
मनगढ़ंत कहानी है
@chatararam37783 ай бұрын
प्रमाण सहित तलस्पर्शी विवेचन!!
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
शुक्रिया!
@piyushbhaibhatt73053 ай бұрын
संशोधन पूर्ण आलोचना के लिए धन्यवाद।
@budhprakash92003 ай бұрын
चार कर्म = शिक्षा + सुरक्षा + उद्योग + व्यापार। चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम। चार आश्रम = ब्रह्मचर्य + गृहस्थ + वानप्रस्थ + यति आश्रम। चार मानव गुण = सत + रज + तप + तम। चार मुख्य शरीर अंग = मुख + बांह + पेट + चरण। चार युग = सतयुग + द्वापर + त्रेतायुग + कलयुग। चार वेद = ऋग्वेद + यजुर्वेद + सामवेद + अथर्ववेद।
@psychopantomath3 ай бұрын
महत्वपूर्ण 😊
@maheshmalviya60283 ай бұрын
Since subscribed. Regards
@ramphalgaurgaur53743 ай бұрын
श्री मान जी आपकी विडीयो बहुत ही ज्ञानवर्धक लगी। कृपया अगले विडीयो में ये बताने का कष्ट करें कि वेद कब लिखे गए -रामफल गौड़
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
हार्दिक धन्यवाद! समय और सुयोग रहा, तो कोशिश करूंगा।
@raviranjannilay57443 ай бұрын
प्रणाम गुरुदेव, नेट के सिलेबस के अनुसार वीडियो उपलब्ध कराया जाय ❤
@RajendraKurlikar19 күн бұрын
जैसे की, चीन की भाषा चीनी जपान की जपानी जर्मन की जर्मनी भारत की भारती चाहिए।
@budhprakash92003 ай бұрын
चार वर्ण कर्म विभाग जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कभी नहीं बदलते हैं सदा शाश्वत सदाबहार हैं और आयु के चार आश्रम कभी नहीं बदलते हैं। बस इन चारवर्ण कर्म को करने वाले बदलते रहते हैं यही सत्य सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान है।
@bharatmeena55233 ай бұрын
तद्भव शब्दों से तत्सम बनते हैं।
@Dhoonki3 ай бұрын
Prakrit Language is the sister language of indus valley civilization language.
@nandkishorswarnkar26002 ай бұрын
देवभाषा, वेद भाषा का अंतर स्पष्ट कर अनुग्रहित करेन्।
@rkpathakaubr_mahachitiАй бұрын
इस हेतु चाहें तो यह वीडियो देख सकते हैं - kzbin.info/www/bejne/iqSWZatjg8p9ocksi=ZtwZBr01M2-OZkqZ
@vin293520 күн бұрын
भाई साहब संस्कृत भाषा का पुरातत्व सबूत के साथ बताइए। रामायण कोई पुरातन सबूत नहीं है। रामायण का पांडुलिपि कितना पुराना है? मौर्य और गुप्त काल का संस्कृत (देवनागरी लिपि) में सबूत क्यों नहीं मिलता? संस्कृत भाषा का अपना लिपि, ग्रामर क्यों नहीं?
@Amit_Kumar9853 ай бұрын
महत्वपूर्ण विषय पर विडियो बनाने के लिए आभार सर। मेरा एक प्रश्न है की जब शब्द में से उपसर्ग और प्रत्यय को अलग करते तो उपसर्ग किए हुए प्रायः शब्दों के अर्थ कैसे पहचानेंगे सर??
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
प्रश्न को थोड़ा और स्पष्ट करते हुए मेरे मेल या whatsapp पर भेजें।
@Amit_Kumar9853 ай бұрын
@@rkpathakaubr_mahachitiसर जैसे 'प्रहार' एक शब्द है जिसका उपसर्ग ' प्र ' हुआ तो प्रत्यय हार हुआ तो इसमें मुझे हार का मतलब समझ आ रहा है परंतु प्र का मतलब नहीं समझ आ रहा है। और यह किस स्थिति में शब्दों के साथ उपयोग होता है ये भी जानकारी चाहिए थी सर कृपया प्रकाश डालने की कृपा करें।
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
ठीक है।
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
अमित जी! प्रहार में 'प्र' उपसर्ग है, पर 'हार' कोई प्रत्यय नहीं। हिंदी के अनुसार रूढ़ शब्द है, संस्कृत के अनुसार यौगिक। पर, प्रहार जैसे शब्द अथवा प्र जैसे उपसर्ग केवल हिंदी की व्याकरण-प्रक्रिया से ठीक से समझ में नहीं आएंगे। कारण, प्रहार आदि संस्कृत से हिंदी में सीधे आये हुए शब्द यानी कथित तत्सम शब्द हैं। ऐसे शब्दों की रचना को पहले संस्कृत में समझ लें, तो अधिक बेहतर रास्ता होगा। जैसे - प्रहार: = प्र (उपसर्ग)+ हृ (धातु) + घञ् (प्रत्यय)। ..... प्र, परा आदि उपसर्गों के संभावित अर्थों की सूची किसी प्रतिष्ठित व्याकरण या कोश में आप देख कर स्मरण कर लें, तो बेहतर है। (जैसे - कामताप्रसाद गुरु के 'हिंदी व्याकरण' में प्र उपसर्ग का अर्थ दिया हुआ है - अधिक, आगे, ऊपर।
@rkpathakaubr_mahachiti3 ай бұрын
उपसर्ग विषयक इसी चैनल के पीछे के एक वीडियो को भी आप देख सकते हैं।
@yogeshkrohit16523 ай бұрын
Aapki bate manyatayon ke aadhar par he Par pali pakit bhasha jo sanskrit ya vedik sanskrit ki mool bhasha he Uske saboot sarvatrik roop se mojood he Or jin bharatmuni ki aap bat kar rahe ho unka janm ya stahan aapko pata v nhi he Jabki pali/pakit se sanskrit ko banane ka kam Ashwagosh ne kiya tha jo ki doosri sadi ke budhism ki mahayan sakha ke gyani or kavi the Jinke v dhero saboot he itihas me To aapki bate tathyagat na hokar keval kalpit he Par 1 bat to aap v mante h ki sanskrit sabse purani bhasha nhi he Reply v de
@saurabhsinghchauhan54823 ай бұрын
वास्तव में हिन्दी पाली और फारसी से बनी है, जिसका संस्कृतकरण करने की कोशिश जारी है.
@budhprakash92003 ай бұрын
आप्तधर्म का मतलब क्या होता है ? जानना चाहिए। अधर्म का मतलब क्या होता है वो भी जानना चाहिए और धर्म का मतलब क्या होता है वो तो जानना ही चाहिए। धर्म, अधर्म और आप्तधर्म तीनो परिस्थिति अनुसार धर्म लक्षण नियम पर चर्चा बातचीत वार्तालाप करनी चाहिए। उदाहरणार्थ- खान पान विषय में आपातकाल में आप्तधर्म अनुसार जीने के लिए शाक नहीं होने पर मांस को भी आपत्ति काल में जीने के लिए सेवन करना कहा गया था उसी की जरूरत पडती थी आजकल भी विपत्ति काल में जीने के लिए जरूरत हो जाती है। इसलिए पूर्व काल में मांस खाना विधि-विधान नियम अनुसार पूजा करके शुद्धता के साथ सिखाने के लिए विज्ञानमय धर्म सम्मत जोड़कर बताया गया था।
@budhprakash92003 ай бұрын
शूद्रं का मतलब उत्पादक निर्माता उद्योगण। अशूद्र का मतलब व्यभीचारी नपुसंक जुआरी चाटुकार। क्षुद्र का मतलब पाशविक सोच रखने वाला।
@RameshSharma-sn5vk3 ай бұрын
Kuch kitaab ka naam dikhaye jo pali or sanskrit ka time ka v pata chale
@AnilKumar-bv8uv3 ай бұрын
इन भाई साहब को बताना चाहिए की संस्कारी संस्कृति की लिपि कौन सी है।😂😂
@budhprakash92003 ай бұрын
शूद्रं का मतलब उत्पादक निर्माता उद्योगण। अशूद्र का मतलब व्यभीचारी नपुसंक जुआरी चाटुकार। क्षुद्र का मतलब पाशविक सोच रखने वाला।