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Jain Pathshala by Pramanik Samooh
बरसे शोले- ओले पत्थर पानी लेकिन अलोक तपस्या और सहनशक्ति के आगे न चली कमठ की मनमानी। बच्चों को धैर्य और सहनशीलता सिखाने का सबसे उत्तम उदाहरण - कहानी तीर्थंकर पार्श्वकुमार और उनसे 10 भवों तक बैर करने वाले कमठ की।