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मुण्डा आदिवासी समुदाय मुंडारी बोली बोलते है ! और आज मोगे त्योहार है जिसमे ये मुण्डा समुदाय मुर्गे को काटकर उसकी बलि दते है और फिर शाम अपनी प्रकृति की पूजा करते है उसके बाद रात में खाना खाने के बाद में नाचते है और शाम में चावल की रोटी कहते है आपको मेने दिखाई थी कि चावल की रोटी पत्ते में सकते है