Difficult & Complicated Philosophy by J Krishna Murthy
@k.k.90775 ай бұрын
❤❤
@ravindrasingh88315 ай бұрын
यह दुनिया मृत्यु से, जीवन से हमेशा से मुक्त है क्योंकि जिसे तुम देखते हो, जिस शरीर को अपना मानते हो, शरीर को ही अपना बनाकर शादी या सेक्स करते हो, वह होता ही नहीं है क्योंकि तुम सब का शरीर एक दिन मर जाते हो। जब इस धरती पर कोई होता ही नहीं है, फिर किसकी मुक्ति के लिए तुम सब प्रयास करते हो। तुम सब अंधे हो क्योंकि जो होता ही नहीं है उसे भी सच मान लेते हो। यह दुनिया निराकार है लेकिन तुम सब न जाने कैसे इसे आकार में सदियों से देखते हो। तुम सब जब होते ही नहीं हो तो, कैसे अपने को स्त्री - पुरुष, पति - पत्नी, जाति - धर्म, अमीर - गरीब और देश के नाम पर बांट सकते हो। यह दुनिया तुममें ही देखी जाती है पर कभी होती नहीं है। यह दुनिया मुर्दों की बस्ती है क्योंकि तुम सब का शरीर ही मरा हुआ होता है। जब तुम सब का शरीर ही मरा हुआ है तो फिर दुनिया है कहां। इस मरी हुई दुनिया में तुम सब को पढ़ाया जाता है। तुम सब को मरी हुई दुनिया में ही हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इत्यादि बनाकर लड़ाया जाता है और, तेरी मरी हुई शरीर की हत्या दुबारा किया जाता है। तुम सब मरी हुई दुनिया पर शासन करने के लिए वैज्ञानिक, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और पूंजीपति बनते हैं, लेकिन मर जाते हो। तुम सब हमारे पास आओ, अपने निराकार रूप को देखो, और हमारी ज्ञान से हमेशा के लिए निराकार रूप में विराजमान होकर हमेशा के लिए जीवित हो जाओ। तुम्हारा शरीर झूठा है क्योंकि मर जाता है। तुम इस शरीर में रहते हो जिस कारण यह मुर्दा शरीर तुम सब को सच्चा दिखता है। तुम सब एक ही हो। तुम सब शरीर नहीं हो इसलिए तुम सब की मृत्यु कभी हो ही नहीं सकती है। यह दुनिया तुम सब के स्वप्न में दिखती है । स्वप्न की दुनिया कैसे सच्ची हो सकती है। तुम सब स्वप्न में ही शादी करते हो, सेक्स करते हो, बच्चा पैदा करते हैं, प्रधानमंत्री बनते हैं, वैज्ञानिक बनते हैं, पूंजीपति बनते हैं क्योंकि तुम सब का शरीर ही मरा हुआ होता है। तुम सब शरीर कभी होते नहीं हो इसलिए जीवन और मृत्यु से हमेशा मुक्त ही होते हो।