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श्रदेय भंवर जी भंवर को शत् शत् नमन। यह कविता भंवर जी भंवर की सबसे प्रिय राजनीतिक व्यंग की कविता है यह कविता उस समय की है जब मोबाइल का इतना वर्चस्व नहीं था न हीं वीडियो बनाए जाते थे इसलिए इस कविता का कोई वीडियो नहीं बन पाया और यह ऑडियो में ही उपलब्ध हुई है इस कवि सम्मेलन का संचालन करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ था जो कि 2003 में कवि सम्मेलन कुचामन नागौर के मंच पर गाई हुई है इस कविता में उन्होंने राजनीतिक चरित्र को उजागर किया है और यह सत्य परख भी है भंवर जी भंवर के गीत बड़े मीठे हैं प्रेरणादायक हैं उनके जितने भी गीत हैं वह सब के सब सहज शब्दावली वह सरल भाषा में गाए हुए हैं और प्रेरणादायक हैं।भवरं जी भंवर की ग्यारह पुस्तके छपी है जो सब के लिए आनन्द दाई साबित होगी।
भंवर जी भंवर को कोटि कोटि प्रणाम।