Рет қаралды 744,286
भक्त नामावली / Bhakt Namavali by VRINDAVAN SANKIRTANIYAS
हमसों इन साधुन सों पंगति
हमसों इन साधुन सों पंगति।
जिनको नाम लेत दुःख छूटत, सुख लूटत तिन संगति।।
मुख्य महंत काम रति गणपति, अज महेस नारायण।
सुर नर असुर मुनि पक्षी पशु, जे हरि भक्ति परायण।।
वाल्मीकि नारद अगस्त्य शुक, व्यास सूत कुल हीना।
शबरी स्वपच वशिष्ठ विदुर, विदुरानी प्रेम प्रवीणा।।
गोपी गोप द्रोपदी कुंती, आदि पांडवा ऊधो।
विष्णु स्वामी निम्बार्क माधो, रामानुज मग सूधो।।
लालाचारज धनुरदास, कूरेश भाव रस भीजे।
ज्ञानदेव गुरु शिष्य त्रिलोचन, पटतर को कहि दीजे।।
पदमावती चरण को चारन, कवि जयदेव जसीलौ।
चिंतामणि चिदरूप लखायो, बिल्वमंगलहिं रसिलौ।।
केशवभट्ट श्रीभट्ट नारायण, भट्ट गदाधर भट्टा।
विट्ठलनाथ वल्लभाचारज, ब्रज के गूजरजट्टा।।
नित्यानन्द अद्वैत महाप्रभु, शची सुवन चैतन्या।
भट्ट गोपाल रघुनाथ जीव, अरु मधु गुसांई धन्या।।
रूप सनातन भज वृन्दावन, तजि दारा सुत सम्पत्ति।
व्यासदास हरिवंश गोसाईं, दिन दुलराई दम्पति।।
श्रीस्वामी हरिदास हमारे, विपुल विहारिणी दासी।
नागरि नवल माधुरी वल्लभ, नित्य विहार उपासी।।
तानसेन अकबर करमैति, मीरा करमा बाई।
रत्नावती मीर माधो, रसखान रीति रस गाई।।
अग्रदास नाभादि सखी ये, सबै राम सीता की।
सूर मदनमोहन नरसी अली, तस्कर नवनीता की।।
माधोदास गुसाईं तुलसी, कृष्णदास परमानन्द।
विष्णुपुरी श्रीधर मधुसूदन, पीपा गुरु रामानन्द।।
अलि भगवान् मुरारि रसिक, श्यामानन्द रंका बंका।
रामदास चीधर निष्किंचन, सम्हन भक्त निसंका।।
लाखा अंगद भक्त महाजन, गोविन्द नन्द प्रबोधा।
दास मुरारि प्रेमनिधि विट्ठलदास, मथुरिया योधा।।
लालमती सीता प्रभुता, झाली गोपाली बाई।
सुत विष दियौ पूजि सिलपिल्ले, भक्ति रसीली पाई।।
पृथ्वीराज खेमाल चतुर्भुज, राम रसिक रस रासा।
आसकरण मधुकर जयमल नृप, हरिदास जन दासा।।
सेना धना कबीरा नामा, कूबा सदन कसाई।
बारमुखी रैदास सभा में, सही न श्याम हंसाई।।
चित्रकेतु प्रह्लाद विभीषण, बलि गृह बाजे बावन।
जामवन्त हनुमन्त गीध गुह, किये राम जे पावन।।
प्रीति प्रतीति प्रसाद साधु सों, इन्हें इष्ट गुरु जानो।
तजि ऐश्वर्य मरजाद वेद की, इनके हाथ बिकानौ।।
भूत भविष्य लोक चौदह में, भये होएं हरि प्यारे।
तिन-तिन सों व्यवहार हमारो, अभिमानिन ते न्यारे।।
"भगवतरसिक" रसिक परिकर करि, सादर भोजन पावै।
ऊंचो कुल आचार अनादर, देखि ध्यान नहिं आवै।।
Stay connected
► Subscribe on KZbin:
/ @vrindavansankirtaniya...
► Like us on Facebook: https / krishnas.home
► Follow us on Instagram: vrindavansankirtaniyas
► For Information on Kathas or Kirtan By Vrindavan Sankirtaniyas Call @ +91 99152 83309