Sarva Vidya ka saar hai Naam.....Jai ho....bahut sundar katha...
@dipankarchakraborty79523 ай бұрын
भक्ति लाभ से क्या होता?? इंसान के नजर , सोच चेंज हों जाता!! जब इसी भाव को लेकर इंसान ने कोई भी काम को करता.... उस काम के प्रति पूर्ण समर्पण, निष्ठा, मनोयोग, कंसंट्रेशन अपने भक्त स्वभाव के अनुसार इंसान करने लगता.... चूंकि काम के प्रति सारे भाव ठीक रहता , इसलिए सफलता भी निश्चित है!! यह एक अभ्यास में बदल जाता!! हर इंसान में अकूत संभावना रहता, बस सिर्फ भाव का नियंत्रण और सटीक उपयोग पर ही नजर भी स्वच्छ हो जाता... और सफलता भी निश्चित हो जाता!! विषय नया हो सकता, जो कभी हुआ नही... किंतु यह भी बताईए ईश्वर का स्वरूप किसने किस धर्म में देखा?? ईश्वर अनजान ही रहेगा... जैसे शास्त्र में बोला गया ब्रम्ह अनुछिष्ट!! लेकीन इंसान में वो अनजान ब्रह्म के प्रति अनुरक्ति किसी स्वरूप का आकर्षण और दर्शन का ईच्छा जब जेहन में बैठ जाता.... इसी ईच्छा को जब वो अनजान परिणति का नए सृष्टि के पीछे लगाता.... तो अनजाने चीज भी असफलता के ऊबड़ खाबड़ रस्ते में चलते रहते इंसान को भी नए सृष्टि के सफलता की और ले जाता!! जय सियाराम!!