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इस भजन मे त्रिगुणात्मक शक्तियों का विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है।गुरू ही सब कुछ है।सारी सृष्टि का रचनाकार ही ये ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवताओं का नाम ही तीन गुणो का स्वरूप है।इसमे कवि अपनी भक्ति रस मे भावूक होकर कहते है कि आपकी जो शक्तियों का रूप आपमे विध्यमान है उसका अलग नाम शक्ति माया को हमे दर्शाकर हमारा जीवन सफल करे ।तथा हमारी आजकी सतसंग मे आकर हमे ज्ञान गंगा का रस पान करावै।