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गाज्यो,पांडूजी गोदारा गढ गाज्यो, कड़ूंबैरी कांठल वर्षी सवाई,मामेरा गीत है।यह बीकानेरी (जांगलदेश)के राजशाही पांडूजी गोदारां रे कुटम्ब रो ठिकाणो जो करणीसर रा अचलजी गोदारा जाट क्षत्रिय हा। उणरा बैटा मूमोजी जाट सूं विशनोई हुया जांरे कुल गोदारा रे दड़ींदे रो ओ मामैरागीत 👍यह पली मे बसै मुमोजी रे पुत्र लाखजी री शाखा पीथाणी गोदारा सिरमंडी् वालां रो है। यह मामेरा खिंदैजी रा बेटा धनाणी धड़ा के हिमताणी परीवार की चंदनबाई ने संवत् १९३५ रे करीबन अर्जुनन जी, सार्दूलजी व सिरदारोजी तीनो हिमताणी परिवार व उनके अति निकटत्म काका जैठोजी, शिवजी, प्रभूजी, अर कंवरोजी एवं सागै काकाणी सूरत परिवार गेनाजी व लाखाजी सभी मिल कर अपने अन्य छ:धड़ों के आशाणी ,भूराणी,करमाणी,हदाणी,सांवलाणी,कूंम्भाणी अर मनोहरजी शहीद दादाणी परिवार सहित कड़ूंबै रे साथै सिरमंडी से सांगड़वा चितलवाना सूं तैयार होकर ,बाई चंदण ने हाणियै सूं जाय बसै डावल सांचोरी मे खीचड़ां रे खैड़ै भांत/मायेरो भरियो उण टैमरो गीत गायो जको इतिहास, इण आजरे समय रा साज बाज रे सागे गायर आप सभी भाईसैणा गे आगै ओ प्यारो गीत प्रैषित कियो गयो है।। आज इण सात धड़ों रा परिवार सिरमंडी,मड़ला,खाबड़ा,भिंयाड़िया, कूड़ी,सांगड़वा,सादूलढाणी,चितलवाना,रतनपूरा,कोटड़ा,सैड़ीया, एक घर सरवाना, एक घर बांठागोलिया ,करावड़ी खिरोड़ी,भादरणा, पमाणा, लालासर(डावल), आमली,डडूसण, सिवाड़ा, पूरावा,सोमारड़ी,सोनड़ी सैड़वा, बानणीयां,अगूणा रोहिला,बारासण,ऊंडरी गांवडी,कूकावास जोगाऊ, फूलण ,वायद तथा मनोहरजी शहीद रे परिवार सागै हरियाणा व मालवा मे भी जा बसै हुऐ है।