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सारण के संत महाप्रभु जगन्नाथ दास
सारण जिला के महान संत कवि स्वामी जगन्नाथ महाप्रभु का समाधि स्थल सारण प्रमंडल के महेन्द्र नाथ मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर पश्चिम ग्राम बखरी,सिसवन सिवान (आनंदबाग ) में अवस्थित है। यह स्थान बहुत ही शांत, रमणीक और मनमोहक है।नदी के किनारे चारो तरफ से घिरे आम के बगीचे के बीच अवस्थित है बाबा स्वामी जगन्नाथ दास जी की समाधि।
यहाँ हर वर्ष सावन पुर्णिमा के दिन एक आध्यात्मिक मेला लगता है जिसमे देश के कोने कोने से हजारों की संख्या में भक्तगण आते है,भजन कीर्तन गाते हैं और संतों के सत्संग का लाभ उठाते हैं। स्वामी जगन्नाथ दास जी द्वारा रचित महान ग्रंथ "सतगुरु सागर" भोजपुरी भाषा का एक महान आध्यात्मिक ग्रन्थ है जिसमें गुरु की महिमा,आत्म तत्व, आदर्श जीवन और सत्संग की अपूर्व व्याख्या है।
कल इस आश्रम में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मेरे विद्यार्थी डॉ मृणाल आनंद, नेहा कुमारी सिंह,डॉ श्याम मोहन शाही ,चंदन कुमार दुबे ने भी इस पवित्र स्थल का दर्शन किया।
इस जागृत मठ के मठाधीश स्वामी वल्लभ दास उर्फ स्वामी जंगली दास जी महाराज से संत कवि जगन्नाथ दास जी की काव्य रचनाओं पर आधारित एक वार्तालाप भी हुयी जिसका वीडियो चंदन कुमार दुबे और नेहा सिंह ने किया जिसको आप यूट्यूब पर देख सकते हैं(यूट्यूब पर Amar Nath Prasad लिखें और क्लिक करें)
स्वामी जगन्नाथ दास जी महाराज की जय।