मान्यवर,बाकी चीजें तो ठीक हैं लेकिन पहाड़ी चावल यदि कच्चा है तो उसे "चौंल" कहा जाता है और जब पक जाता है तो "भात" कहा जाता है,पहाड़ में "चावल" को "झंगोरा" शायद कहीं पर भी नहीं बोला जाता है,"झंगोरा" अलग से अनाज होता है जिसे मैदानी क्षेत्रों में संभवत: सवां या सवाइयाँ कहा जाता है,"झंगोरा" को "झंगोरा" ही कहा जाता है, झंगोरे और चावल के बीजों में बहुत अन्तर होता है,चावल का दाना लम्बाई वाला गोल होता है जबकि झंगोरा का दाना बारीक और गोल होता है,दोनों के पकाने के तरीके में,स्वाद में और उसकी तासीर में भी अन्तर होता है,पहाड़ों में भात को भी "चावल" कहने की परम्परा मैदानी लोगों के कारण और होटलों और ढाबों तथा आधुनिकता के कारण चल पड़ी है, कृपया सोसियल मीडिया पर गलत नहीं सही जानकारी देने का कष्ट करें।
@avaneshpandey4093 ай бұрын
Maidani chhetro me bhat shabd tab prayog hota hai jab chaval me pani ki matra adhik rahti Or chaval pakane per aaps me lapsi ki tarah ho jate hai . Dhyan rahe ki bhat ko hamesha patile me banaya jata hai pressure cooker me nahi. Pressure cooker me bane chaval adihtar kam pani me bhap ki sahyata se bante hai or pakne per dano me koi starch nahi hota. Jab ki bhat me starch or geelapan dono hi rahta hai. Sava ke chaval ki variety hi dusri hoti hai
@DarshanJoshi-n3g4 ай бұрын
मेरे घर पर भी बहुत होती है लेकिन लोग डरते है अगर कोई शराबी गाली गलौज करता है तो पुलिस केस nhi बल्कि सीसुड लगाते हैं
@narendrasinghpangtey35163 ай бұрын
It is also found in Haldwani and Dehradun which are about 1000 ft.
@shailendramall95813 ай бұрын
Ek avashak suchana ye bhi hai:- Ager bachcha padane main kamjhor ho ya padata na ho toh turant bichchhu gaas ko pani main bhigo ker bachche ke pichhwade main lagaye. Bachcha har parikchh uttir asani se kar dega
@kreeba52204 ай бұрын
It's called Reth in Arunachal Pradesh.
@balwantsingh81384 ай бұрын
Bahut pahle Se iska Anand lete Hain main to ise garmiyon mein bhi istemal karta hun 😊😊😊😊😊😊
@bharatsinghbartwal84473 ай бұрын
कंडाली का बीज आज तक हमने देखा ही नही अगर तुम्हे बीज नजर आते है तो 100 ग्राम भेज देना
@S.DUNGRIYALShaludungriyal3 ай бұрын
बहुत आते हैं
@saritachauhan16563 ай бұрын
Bahut bij hote hain humne dekhe h
@shivashankaragarwal283 ай бұрын
ईश घाँस को नेपाल में " सिस्नु" कहते हैं ।
@vishalmanibhatt64363 ай бұрын
बिच्छु घास ( Kanaali)की सब्जी/तरकारी हफ्ते /10 दिन खाने से रक्ताल्पता की बीमारी समाप्त हो जाती है,l
@AmitThapa-q2y4 ай бұрын
Nepali me shisnu kahate he
@DarshanJoshi-n3g4 ай бұрын
मान्यवर 🙏 आपका नो मिल जायेगा क्या आपसे जरूरी बात करनी थी
@dr.rajendraprasadkala13293 ай бұрын
बिच्छु घास 800 फीट से ही मिलनी शुरू हो जाती है, यह anti arthritic भी है , जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है, भात को jhangora नहीं कहा जाता है. Kandali scientific name is Gerardiana heterophylla, आधे अधूरे ज्ञान को मत बताओ,
@virendrasinghrawat53033 ай бұрын
भाईसाहब शायद आपको विश्वास नहीं होगा और हंसी भी आ सकती है जब हम छोटे बच्चे थे तब हमारी माँ जब किसी बात पर गुस्सा होती थीं तो इसी बिच्छू घास ( कंडाली ) से हमारी सिकाई मतलब पिटाई करती थीं और ये बहुत ही ज्यादा कष्टकारक अनुभव होता था और ये आज भी हमारे मस्तिष्क के कोने में आज भी जीवित है !🤣