जय जोहार जय आदिवासी समाज को एकता बनाना है भाई लोग आदिवासी सरकार बनाना है भाई
@RamLal-qy1jc11 ай бұрын
Jay adivasi ekta jindabad jindabad 💪💪
@jaysanatandharm3 жыл бұрын
बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत की गई है यह खबर, मकड़ाई एक्सप्रेस को बहुत बहुत शुभकामनायें
@sherubamniya77425 ай бұрын
Jai johar jai adiwasi
@pk-tj6hi2 жыл бұрын
सेवा जोहर
@amanparteyxxxx42693 жыл бұрын
Aadivasi. Dan
@pk-tj6hi2 жыл бұрын
जोहार दादा
@KCAHIR13 жыл бұрын
@Rajesh marskole हरदा जिले में रातामाटी, ऊँचाबारारी जैसे 12 वन ग्राम है, जो imperial period में राजाबरारी स्टेट के अधीनस्थ थे। इन वन ग्रामो में अधिकांशतः गौलान यादव, गोंड आदिवासी एवं कोरकू आदिवासी समुदाय के लोग रहते है। देश की आजादी के बाद राजाबरारी स्टेट द्वारा एक समझौते के तहत राजाबरारी स्टेट का सम्पूर्ण आरक्षित वन मय समस्त अधीनस्थ वन ग्राम राधास्वामी सत्संग ट्रस्ट आगरा को 99 वर्ष की lease पर दे दिया गया। यद्यपि यह क्ष्रेत्र आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित है, लेकिन वैधानिक तौर पर शासकीय नही है। लीज अवधि खत्म होने के बाद ही सरकार इन वनों एवं ग्रामो को अपने possesion में ले सकेगी, इसलिए यहां वनग्रामो में रहने वाले ग्रामीणजन की राष्ट्रीयता भारतीय होते हुए भी इनके पास आधारभूत सुविधाओं जैसे आंगनवाड़ी, स्कूल, कृषि आदि के लिए सरकार को योजनाओ के क्रियान्वयन हेतु राधास्वामी संस्था से अनुमति लेनी पड़ती है। एक तरह से राधास्वामी संस्था इन ग्रामो की समानांतर राजतंत्र रूपी सरकार है। ग्रामीण लोग, जिस भूमि पर खेती करते है, वह भूमि भी न तो सरकारी है और न ही अपनी स्वयं की निजी। लेकिन सभी ग्रामो एवं इनके आस पास का जंगल (कुल रकबा 6000 acres) ब्रिटिश समय से ही आरक्षित वन के अधिसूचित होकर राजाबरारी स्टेट द्वारा समझौते के तहत सरकार को न देकर राधास्वामी ट्रस्ट को दे दिया था। इसलिए इन वन ग्रामो में ग्रामीण जिस भूमि पर खेती करते है, उसके मालिक नही कहलाते है। वे अपनी भूमि की बिक्री नही कर सकते। इन वन ग्रामो में राधास्वामी संस्था द्वारा प्रदत अधिकार पत्रो की भूमि में कोई भी काम जैसे tubewell, मकान आदि हेतु राधास्वामी संस्था के चक्कर लगाने पड़ते है। संभवतः ये अपनी अधिकार वाली भूमि पर कोई बैंक loan भी नही ले सकते है। इसलिए यहां आदिवासी लंबे समय से सरकार एवं न्यायालय से यह मांग करते रहते है कि राजाबरारी स्टेट द्वारा राधास्वामी संस्था के साथ की गई 99 वर्ष की lease खत्म की जाए और सरकार सीधा वनों एवं वन ग्रामो पर अन्य वनों व वन ग्रामो की तरह नियंत्रण रखें। राधास्वामी संस्था द्वारा इन वनों से working plan अनुसार tree felling, bamboo felling एवं अन्य वन वर्धनिक कार्य करवाये जाते है। इस हेतु इनके पास अपने वनस्टाफ भी है, जो सामान्यतः सेवानिवृत्त वन कर्मचारियो में से चयन किये जाते है। एक अनुमान के मुताबिक यहाँ हर वर्ष 500 घनमीटर तक सागौन काष्ठ का उत्पादन होता है। वैसे राधास्वामी संस्था द्वारा इन ग्रामो में अपने स्कूल, चिकित्सालय भी खोल रखे है, जहां यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा भी मिलती है। यहाँ से पढ़े हुए विद्यार्थी doctors, engineers तथा अनेक शासकीय सेवाओ में भी चयनित हुए है। आसपास अन्य वन ग्रामो की शासकीय स्कूलों में भी उतनी अच्छी शिक्षा का स्तर नही मिलेगा, जो राधस्वामी संस्था की स्कूलों में मिलता है। संभवतः देश मे आरक्षित वनों की वैधानिक स्थिति का ऐसा उदाहरण केवल हरदा जिले में ही है।
@kesrimalkatarakatara3263 Жыл бұрын
Dada ko khub khub Johar Jay aadiwasi Jay bhilpardesh 🏹🏹💪💪💪💪💪
@govindabhai18453 жыл бұрын
Very good💯💯👋👋👋
@chatarsinghtaroule34053 жыл бұрын
उलगुलान जिंदाबाद, ऐसे ही जोश और जुनून बनाए रखना मेरे भाइयों।।
@guddumuasi8630 Жыл бұрын
Jay Jay Johar
@govindabhai18457 ай бұрын
❤Only gondwana ❤❤❤🔎👀💪💪🤔
@manojmrskole4410 Жыл бұрын
johar dada sahab
@karandawsr23693 жыл бұрын
वाह मेरे शेर किसी से डरता नहीं है शेर के सामने कुत्ते झुक जाते हैं जय जोहार जय आदिवासी
@SantoshYuvne-ih1eu7 ай бұрын
12:49
@NareshKumar-rl2xn3 жыл бұрын
उलगुलान जारी रहेगा।💪✊ जय सेवा जोहार 🙏
@techempowers58253 жыл бұрын
मकड़ाई एक्सप्रेस की लगातार मेहनत को देखकर हर्ष होता है की हमारे छेत्र में ऐसा निर्भीक, कर्मठ संस्थान है जिसपर हमे गर्व है
@jayadivasibhil27143 жыл бұрын
जय जोहार जय आदिवासी
@pravinthakare9393 жыл бұрын
लडो या मरो जय जोहार जय आदिवासी
@mahendrakol17773 жыл бұрын
जय जोहार जय आदिवासी आंदोलन जारी रहे कोई भी आदिवासी जमीन हड़पने ना पाए और अगर कोई हड़पने आए तो उसे उसी जमीन में गाड़ दो
@sukhrajsingh71953 жыл бұрын
Jai johar Jai seva
@kapoorsinghrawat48773 жыл бұрын
बहुत अच्छे आप जाग गए हो जागृति बनाए रखना जय भीम जय जोहार आदिवासी एक समान
@KCAHIR13 жыл бұрын
हरदा जिले में रातामाटी, ऊँचाबारारी जैसे 12 वन ग्राम है, जो imperial period में राजाबरारी स्टेट के अधीनस्थ थे। इन वन ग्रामो में अधिकांशतः गौलान यादव, गोंड आदिवासी एवं कोरकू आदिवासी समुदाय के लोग रहते है। देश की आजादी के बाद राजाबरारी स्टेट द्वारा एक समझौते के तहत राजाबरारी स्टेट का सम्पूर्ण आरक्षित वन मय समस्त अधीनस्थ वन ग्राम राधास्वामी सत्संग ट्रस्ट आगरा को 99 वर्ष की lease पर दे दिया गया। यद्यपि यह क्ष्रेत्र आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित है, लेकिन वैधानिक तौर पर शासकीय नही है। लीज अवधि खत्म होने के बाद ही सरकार इन वनों एवं ग्रामो को अपने possesion में ले सकेगी, इसलिए यहां वनग्रामो में रहने वाले ग्रामीणजन की राष्ट्रीयता भारतीय होते हुए भी इनके पास आधारभूत सुविधाओं जैसे आंगनवाड़ी, स्कूल, कृषि आदि के लिए सरकार को योजनाओ के क्रियान्वयन हेतु राधास्वामी संस्था से अनुमति लेनी पड़ती है। एक तरह से राधास्वामी संस्था इन ग्रामो की समानांतर राजतंत्र रूपी सरकार है। ग्रामीण लोग, जिस भूमि पर खेती करते है, वह भूमि भी न तो सरकारी है और न ही अपनी स्वयं की निजी। लेकिन सभी ग्रामो एवं इनके आस पास का जंगल (कुल रकबा 6000 acres) ब्रिटिश समय से ही आरक्षित वन के अधिसूचित होकर राजाबरारी स्टेट द्वारा समझौते के तहत सरकार को न देकर राधास्वामी ट्रस्ट को दे दिया था। इसलिए इन वन ग्रामो में ग्रामीण जिस भूमि पर खेती करते है, उसके मालिक नही कहलाते है। वे अपनी भूमि की बिक्री नही कर सकते। इन वन ग्रामो में राधास्वामी संस्था द्वारा प्रदत अधिकार पत्रो की भूमि में कोई भी काम जैसे tubewell, मकान आदि हेतु राधास्वामी संस्था के चक्कर लगाने पड़ते है। संभवतः ये अपनी अधिकार वाली भूमि पर कोई बैंक loan भी नही ले सकते है। इसलिए यहां आदिवासी लंबे समय से सरकार एवं न्यायालय से यह मांग करते रहते है कि राजाबरारी स्टेट द्वारा राधास्वामी संस्था के साथ की गई 99 वर्ष की lease खत्म की जाए और सरकार सीधा वनों एवं वन ग्रामो पर अन्य वनों व वन ग्रामो की तरह नियंत्रण रखें। राधास्वामी संस्था द्वारा इन वनों से working plan अनुसार tree felling, bamboo felling एवं अन्य वन वर्धनिक कार्य करवाये जाते है। इस हेतु इनके पास अपने वनस्टाफ भी है, जो सामान्यतः सेवानिवृत्त वन कर्मचारियो में से चयन किये जाते है। एक अनुमान के मुताबिक यहाँ हर वर्ष 500 घनमीटर तक सागौन काष्ठ का उत्पादन होता है। वैसे राधास्वामी संस्था द्वारा इन ग्रामो में अपने स्कूल, चिकित्सालय भी खोल रखे है, जहां यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा भी मिलती है। यहाँ से पढ़े हुए विद्यार्थी doctors, engineers तथा अनेक शासकीय सेवाओ में भी चयनित हुए है। संभवतः देश मे आरक्षित वनों की वैधानिक स्थिति का ऐसा उदाहरण केवल हरदा जिले में ही है।
@mithleshyoutube3 жыл бұрын
आदिवासी समाज अब किसी भी तरह से अत्याचार नहीं सहेगा।
@rajupargidungarpur62623 жыл бұрын
Jay johar 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌
@PavanThakur-te3dr9 ай бұрын
GGP jinda badd
@surendrabhaievane14593 жыл бұрын
🙏🙏
@kamleshdhurvey75062 ай бұрын
👌🙏✊✊✊✊✊
@mithleshyoutube3 жыл бұрын
आदिवासी एकता जिन्दाबाद
@DariyawasinghBondad Жыл бұрын
Adiwasi ki jamino per radhaswami ka kahana Jai adiwasi.....
@siyaramdhruw70933 жыл бұрын
Acchha kar rhe ho bhai aadiwasi
@katare108953 жыл бұрын
Jay bheem jay johar lge rho
@OmPrakash-ek5ft3 жыл бұрын
जय जोहार
@aadiraianju28003 жыл бұрын
Ulgulan jari rahe
@sureshnigwal33303 жыл бұрын
पाद्रीयो को भी हटाओ
@vinayuikey1351 Жыл бұрын
Jai gond wana
@OmPrakash-ek5ft3 жыл бұрын
अवैध रूप से कब्जा नही करना चाहिए था। आदिवासियों ने सही किया।
@KeshkaliSingh-pv7rz5 ай бұрын
Seva johar gowdwana adiwasi dada
@dilipsingh9683 жыл бұрын
Jai aadiwasi
@kishorjawarkar31813 жыл бұрын
जय आदिवासी जंगलं हमार हैं
@siyaramdhruw70933 жыл бұрын
B.j.p.sarkar gumab hai sale badwa
@govindabhai18453 жыл бұрын
AdiWasi,,o ko hi jamin hi 🤔 hai 💯🤔🤔🤔🤔🤔🧐
@PradipKumar-lj4cw3 жыл бұрын
Jay adiwasi
@mukeshdhruv21293 жыл бұрын
सेवा जौहार जयसेवा
@manojmrskole44103 жыл бұрын
aadovasi ki jamin ko koi hadap nahi sakta he to radha svami vale kya kar lenge jai seva
@ramratantote20513 жыл бұрын
Jay johar jay adiwashi
@ayushpradhan87362 жыл бұрын
Jay aadivasi
@deepaktad213 жыл бұрын
जय आदिवासी
@Rajeshkangali7504 ай бұрын
Joharadiwasi
@sheraamalyacomady7043 жыл бұрын
Koi avaidh kabja nahi h, police bhi mili huai h aadivasi se.
@aadiraianju28003 жыл бұрын
Pura abaid kabja he uska patta dekho pehle jiske bad bolo nahi to tum bhi latad diye jaoge adiwasio ke dhwara
@santulsalwan54103 жыл бұрын
@@aadiraianju2800 nakli adivasi wo sala devas ka h tumhara baap jo uchal raha tha gaya jail khatam uski rajneeti
@homosaphien59763 жыл бұрын
@@santulsalwan5410 kon jail gya
@sheraamalyacomady7043 жыл бұрын
Ye news reporter jhut bol rahi h.
@oldskooloffroader51473 жыл бұрын
jese ukhada hai bichare vese hi lgayenge bhi
@akhileshsharan84393 жыл бұрын
Sabko neta bana hai
@mukeshsatsangi71133 жыл бұрын
Bevkoof thoda bolna to seekh lo, Adivasi ke Name pr roti sekhne vaale, vaqt aane pr sachhae samne aa jayegi. Abhi to jimmedari aapki hai,
@mithleshyoutube3 жыл бұрын
कब से तुम्हारी जमीन हो गई हैं
@rajeshmarskole69343 жыл бұрын
Radhasomi sansta ne hameska adiwasiyo k achhai ki liye hi kam kiya hai pr ratamati k log hi radhasomi k jamin me aved rup se kabja karna cahate hai
@aadiraianju28003 жыл бұрын
Bhai ye jamin aadiwasi ki he patta jake patwari se dikhwalo pura aadiwasio ki jamin he 1955-56 ka ricord drkho or koi bhi galat tipni na kare
@rajeshmarskole69343 жыл бұрын
@@aadiraianju2800 acha radhasomi k pas 1919 ka record hai .......tum ho kaha se bhai or kiya jante ho yaha k bare me
@rajeshmarskole69343 жыл бұрын
Me or mera pura family Rajabarari ki hi hai mere dada pr dada sab yahi batate hai ki jamin radhasomi ki hai unk pas 1919 ka record hai or ratamati walo k pas 1956 ka to soch lo jamin kisaki hai faltu bat bilkul nhi
@siyaramdhruw70933 жыл бұрын
Sab galat bol rhe Ho sale trust wale
@gurmaujchhabra49263 жыл бұрын
क्यूँ झूठ बोलते हो दयाल बाग की जमीन है उनके पास जमीनों के पूरे दस्तावेज़ हैं मामला न्यालय मेँ है । दयाल बाग के लोगोँ ने आदिवासियों के विकास के लिये बहुत कुछ किया है और् आगे भी करते रहेंगे ।
@rajeshmarskole69343 жыл бұрын
मैं आपकी बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं
@KCAHIR13 жыл бұрын
@@rajeshmarskole6934 हरदा जिले में रातामाटी, ऊँचाबारारी जैसे 12 वन ग्राम है, जो imperial period में राजाबरारी स्टेट के अधीनस्थ थे। इन वन ग्रामो में अधिकांशतः गौलान यादव, गोंड आदिवासी एवं कोरकू आदिवासी समुदाय के लोग रहते है। देश की आजादी के बाद राजाबरारी स्टेट द्वारा एक समझौते के तहत राजाबरारी स्टेट का सम्पूर्ण आरक्षित वन मय समस्त अधीनस्थ वन ग्राम राधास्वामी सत्संग ट्रस्ट आगरा को 99 वर्ष की lease पर दे दिया गया। यद्यपि यह क्ष्रेत्र आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित है, लेकिन वैधानिक तौर पर शासकीय नही है। लीज अवधि खत्म होने के बाद ही सरकार इन वनों एवं ग्रामो को अपने possesion में ले सकेगी, इसलिए यहां वनग्रामो में रहने वाले ग्रामीणजन की राष्ट्रीयता भारतीय होते हुए भी इनके पास आधारभूत सुविधाओं जैसे आंगनवाड़ी, स्कूल, कृषि आदि के लिए सरकार को योजनाओ के क्रियान्वयन हेतु राधास्वामी संस्था से अनुमति लेनी पड़ती है। एक तरह से राधास्वामी संस्था इन ग्रामो की समानांतर राजतंत्र रूपी सरकार है। ग्रामीण लोग, जिस भूमि पर खेती करते है, वह भूमि भी न तो सरकारी है और न ही अपनी स्वयं की निजी। लेकिन सभी ग्रामो एवं इनके आस पास का जंगल (कुल रकबा 6000 acres) ब्रिटिश समय से ही आरक्षित वन के अधिसूचित होकर राजाबरारी स्टेट द्वारा समझौते के तहत सरकार को न देकर राधास्वामी ट्रस्ट को दे दिया था। इसलिए इन वन ग्रामो में ग्रामीण जिस भूमि पर खेती करते है, उसके मालिक नही कहलाते है। वे अपनी भूमि की बिक्री नही कर सकते। इन वन ग्रामो में राधास्वामी संस्था द्वारा प्रदत अधिकार पत्रो की भूमि में कोई भी काम जैसे tubewell, मकान आदि हेतु राधास्वामी संस्था के चक्कर लगाने पड़ते है। संभवतः ये अपनी अधिकार वाली भूमि पर कोई बैंक loan भी नही ले सकते है। इसलिए यहां आदिवासी लंबे समय से सरकार एवं न्यायालय से यह मांग करते रहते है कि राजाबरारी स्टेट द्वारा राधास्वामी संस्था के साथ की गई 99 वर्ष की lease खत्म की जाए और सरकार सीधा वनों एवं वन ग्रामो पर अन्य वनों व वन ग्रामो की तरह नियंत्रण रखें। राधास्वामी संस्था द्वारा इन वनों से working plan अनुसार tree felling, bamboo felling एवं अन्य वन वर्धनिक कार्य करवाये जाते है। इस हेतु इनके पास अपने वनस्टाफ भी है, जो सामान्यतः सेवानिवृत्त वन कर्मचारियो में से चयन किये जाते है। एक अनुमान के मुताबिक यहाँ हर वर्ष 500 घनमीटर तक सागौन काष्ठ का उत्पादन होता है। वैसे राधास्वामी संस्था द्वारा इन ग्रामो में अपने स्कूल, चिकित्सालय भी खोल रखे है, जहां यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा भी मिलती है। यहाँ से पढ़े हुए विद्यार्थी doctors, engineers तथा अनेक शासकीय सेवाओ में भी चयनित हुए है। आसपास अन्य वन ग्रामो की शासकीय स्कूलों में भी उतनी अच्छी शिक्षा का स्तर नही मिलेगा, जो राधस्वामी संस्था की स्कूलों में मिलता है। संभवतः देश मे आरक्षित वनों की वैधानिक स्थिति का ऐसा उदाहरण केवल हरदा जिले में ही है।
@gurmaujchhabra49263 жыл бұрын
@@KCAHIR1 सही कहा आपने
@krafting53433 жыл бұрын
Achha bhai
@krafting53433 жыл бұрын
To Dayal bagh ka pora itihas PTA he kese kabjaa karte ho Jamin or
@aadarshdongre3 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@manojmrskole44103 жыл бұрын
aadovasi ki jamin ko koi hadap nahi sakta he to radha svami vale kya kar lenge jai seva