Dada aapki baat bahut Sundar hai bahut jyada sunte Hain ham aapki baat ko
@OmParkash-br4ii Жыл бұрын
अति सुन्दर व्याख्या पंडित सूरजमल जी व सुधीर जी द्वारा की गई है ❤से धन्यवाद राम राम जी
@BaljeetSingh-m8d Жыл бұрын
Baba ji parnam sudhir bhai ram ram Bahut bahut dhanyawad v shubhkamnaye baba ji kah rhe the pandit ji ek bar aur janm le Hamare liye to pandit ji ne baba surjmal ji ke roop me hi janm liya man liya ki pandit ji ki itani gahri baton ka arth udharan ke sath samjha rhe he jisse ki ye jiv bhavsagar se par uatar jayega Jai bhartiy sanshkirati Dada lakhmi Chand amar rhe Baba surjmal ji jindabad Sudhir bhai jindabad
@deepakmalikmalik353511 ай бұрын
Ase mhanan aatam hamare bahert me huye proud feel krte hai bht kuch sikhne ki jrurt hai humko itna acha Marg drsn hmare ko hamare purwajo ne diya huaa hai
@devendrasinghgurjar763 Жыл бұрын
Ese mahan baba aanad me rahte he chahe jamane me kuch bhi ho radhe radhe
@sunderrani5933 Жыл бұрын
दादाजी आपकी वीडियो बहुत अच्छा लगता है🙏🙏
@SatpalSingh-nb7ku10 ай бұрын
जय दादा लख़्मी की
@jaatsamrajy5777 Жыл бұрын
Bahut badiya
@satyanarayansatyanarayan5169 Жыл бұрын
पंडित जी ने, कहा, बिना मोक्ष, मरज्यागी, बावली।लख्मीचंद नै तंग करकै ।घर की वेदना प्रगट की।
@viswkarmabhajansangrah64 Жыл бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏🙏👌👌
@RohitAntil-d5u Жыл бұрын
भाई कसूती ज्ञान की बात सुन कर मजा आता है। एक एक शब्द समझ आजा है
@OmShivSM Жыл бұрын
गजब है गजब
@dhulldhool90633 ай бұрын
❤❤❤❤❤
@ramkumarmalik3554 Жыл бұрын
Sat sat naman Dada Lakhmichand Ji Ko
@SurinderKumar-q6n Жыл бұрын
Har har Mahadev
@SatpalSingh-nb7ku10 ай бұрын
जय हो दादा की
@jaikumarguliyana8545 Жыл бұрын
Jai Ho
@meenarathour8390 Жыл бұрын
Jai shree Ram jai jai shri krishna ji thau ji
@mustakahmed99006 ай бұрын
🙏🙏
@RaagRaginiSangam5 ай бұрын
राम राम जी, जुडने हेतु आपको साधुवाद
@singerumashankarjoshi7723 Жыл бұрын
Bahut sundar vyakhya karte h dada g, achha kam kr rhe ho sudhir g❤
@dhulldhool90633 ай бұрын
Good job brother❤❤❤❤🎉
@virendersinghjangra9983 Жыл бұрын
Jai dada ki🙏🙏🙏🙏🙏❤
@Suniya-mf4rw2 ай бұрын
Tau ji sb manghadant bat bta rhe hn 🙏🙏
@RaagRaginiSangam2 ай бұрын
जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। भावार्थ:- संसार में जिसकी जैसी भावना होती है प्रभु मूरत उनको उसी प्रकार से दिखाई देती है। जुड़ने के लिए आपका आभार। राम राम जी 🙏🙏
@laxmandalal9353 Жыл бұрын
Gyan,siksha jabardasti kisi ke dimaag main thunsa nahin ja sakta, Kyonki bhagwan ne sabko alag alag karte ke liye bheja hai,ek baar 5,th class mein mere teacher ne sunaya tha,2 students thae,unka naam Jeeta ve Santu tha,unko teacher baar padhne ki kahtey woh 5th class mein kai baar fail ho gye thae,unko ragni gaane ka sonk tha,ek din shaniwar ko prayer main Ragni gayi,Kala rang kudrti ho se,chdgey dusra rang nahi, chahe Barman ne Guru bnaley Jeeta Santu padhey nahin,ragni gaa ke basta thake school se chley gye fir kabhi nahi aaye,ham kathputli nachne wala koi aur hai,karan krawan haar tun ,Aarti ki line hai 🎉
@rajeshsharama7162 Жыл бұрын
दादा जी चरणो में कोटि कोटि प्रणाम
@ramankhatri8497 Жыл бұрын
Vikash pahsoriya ko bhej Diya dada lakhmi Chand ne ji🙏🙏
@haryanvifolkrecord7372 Жыл бұрын
❣️🚩🙏
@gulabsingh430 Жыл бұрын
P lakmichand . Ram avttar the
@aslidehat72464 ай бұрын
लितर गांठ वाली बात से संतुष्टि नहीं बनी गुरु जी
@subhashsharma3281 Жыл бұрын
Sir me Apki sabhi bato se shmat hu. Kayn ki Asa ram or ram rhim mamli many nhi he ye bhi to orate ki vjh se jail me he
आदरणीय श्री वत्स जी से अनुरोध है कि कृपया विस्तार से लिखें किस पंक्ति के विषय में लिखना चाहते हैं?
@jaishreevats2850 Жыл бұрын
@@RaagRaginiSangam Swami Vivekanand Ji ke lin h ye mai tumhare jaisa putr chahti hu ye Shikago America ke gtna thi
@laxmendersharma7376 Жыл бұрын
Kali number 3 Mal ki jagah falWhisky Bell kahen na dhore jaio fal k
@inquil5506 ай бұрын
नेम नही पंडित जी नियम है ।
@kartikSharma-xm6qj Жыл бұрын
कली खोल के नहीं बताते।बस दादा की बढाई करते हैं।
@laxmendersharma7376 Жыл бұрын
पंडित जी लोगों को भ्रमित ना करें सोलह सिंगार औरत के शरीर में प्राकृतिक होते हैं
@RaagRaginiSangam Жыл бұрын
श्रृंगार कृत्रिम होते हैं जी और आवरण प्राकृतिक - धन्यवाद 🙏🙏
@RaagRaginiSangam Жыл бұрын
किसी पर्व, विवाह, मंगल कार्य, शुभ मांगलिक अवसरों पर अक्सर महिलाएं 16 श्रृंगार करती है। करवा चौथ हरियाली तीज पर भी महिलाएं सजती और संवरती हैं। सौभाग्य के लिए किए यह श्रृंगार किया जाता है। सजने-संवरने के लिए महिलाएं कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करती हैं। 1. बिंदी : सुहागिन महिलाओं द्वारा कुमकुम की बिंदी को माथे पर लगाना पवित्र माना जाता है। यह गुरु के बल को बढ़ती है। 2. सिंदुर : सिंदुर से मांग भरी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे पति की आयु वृद्धि होती है। 3. काजल : काजल से आंखों की सुंदरता बढ़ जाती है और इससे मंगलदोष भी दूर होता है। 4. मेहंदी : मेहंदी से हाथों की सुंदरता बढ़ती है। मेहंदी लगाना शुभ होता है। कहते हैं कि इससे पति का प्यार मिलता है। 5. चूड़ियां : चूड़ियां सुहाग का प्रतीक है। लाल रंग खुशी का और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है। 6. मंगल सूत्र : मंगल सूत्र भी सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इसके काले मोती बुरी नजर से बचाते हैं। इसके अलावा गले में नौलखा हार या कहें कि स्वर्णमाला भी पहनते हैं। 7. नथ : इसे नथनी भी कहते हैं। नाक में चांदी का तार या लौंग पहना जरूरी होता है। इससे जहां सुंदरता बढ़ती हैं वहं बुध का दोष भी दूर होता है। 8. गजरा : इसे वेणी या चूड़ा मणि भी कहते हैं। यह बालों में सुंदरता और सुगंध के लिए लगाया जाता है। 9. मांग टीका : यह माथे के बीचोबीच पहना जाता है। यह विवाह के बाद शालीनता और सादगी से जीवन बिताने का प्रतीक है। 10. झुमके : इसे कुंडल और बाली भी कहते हैं। कानों में स्वर्ण बाली या झुमके पनहने से राहु और केतु का दोष दूर होता है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि ससुराल वालों की बुराई करने और सुनने से दूर रहना। 11. बाजूबंद : यह सोने या चांदी का सुंदर सा कड़े की आकृति का जेवर रहता है जो बाजू में पहना जाता है। इससे परिवार के धन और समृद्धि की रक्षा होती है। 12. कमरबंद : इसे तगड़ी भी कहते हैं। यह कमर में पहना जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि सुहागिन आप अपने घर की मालकिन है। यह साड़ी को संभालकर भी रखता है। 13. बिछिया : इसे बिछुआ भी कहते हैं। यह पैरों के अंगुली में पहनी जाती है। यह सूर्य और शनि के दोष दूर करती है और यह इस बात का प्रतीक भी है कि सुहागिन अब हर समस्याओं का साहस के साथ सामना करेगी। 14. पायल : इसे पाजेप भी कहते हैं। पायल और बिछिया दोनों ही चांदी की ही पहनते हैं। 15. अंगूठी : विवाह के पूर्व यह मंगनी के दौरान पति अपनी पत्नी को पहनाता है। 16. स्नान : श्रृंगारों का प्रथम चरण है स्नान। कोई भी और श्रृंगार करने से पूर्व नियम पूर्वक स्नान करते हैं। स्नान में शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन और अन्य कई सामग्रियां मिलाते हैं। तब वस्त्र धारण करते हैं। दुल्हन हैं तो लाल रंग का लहंगा पहनती है, जिसमें हरे और पीले रंग का उपयोग भी होता। इसके अलावा आजकल नेलपेंट और लिपस्टिक का भी प्रचलन हो चला है। हालांकि पौराणिक समय में और भी कई तरह के 16 श्रृंगार होते थे जिसमें अधरों और नख का रंगना, तांबूल आदि कई और भी श्रृंगार की सामग्री शामिल थी।