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ब्रह्म मुहर्त में 21 दिनों तक ये करें, आपकी हर मनोकामना, इच्छा बहुत जल्द पूरी होगी
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ब्रह्म मुहूर्त में कितने बजे पूजा करनी चाहिए?
आइए जानते हैं सुबह-सुबह कौन से दो काम अवश्य करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ये काम करना शुभ माना जाता है, क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में भगवान भी जगते हैं। बता दें कि सुबह करीब 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट के बीच तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। 300 से 400 के बीच में नींद खुलती है तो क्या होता है?
सुबह 3 बजे से 4:30 के बीच का समय देवी देवताओं का समय माना गया है. इसे ही ब्रह्म मुहूर्त भी कहा जाता है. मानयता है कि अगर आपकी रोजाना अपनेआप इसी समय पर नींद खुलती है, तो इसका अर्थ है कि दिव्यशक्ति चाहती है कि आप इस समय उठें. बस 5 मिनट करें ये होगी हर इच्छा पूरी
ज्योतिष के मुताबिक ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच होता है। इस समय 4:00 बजे उठकर आपको जिंदगी में जो भी कुछ चाहिए या फिर आपको जिस चीज की भी इच्छा है। वह चीज अपने इस देवता को याद करके बिल्कुल निर्विचार होकर कम से कम 5 मिनट तक अपने मन में दोहराए और उस चीज पर पूरा यकीन रखें। आपको वो चीज जरूर मिलेगा। क्योंकि विश्वास से बड़ी कोई चीज नहीं होती है। ऐसा आपको हर दिन करना पड़ेगा। दरअसल, अगर मन में कुछ ठान लिया तो वो सच्चे मन से हासिल किया जा सकता है। इससे आप वो चीज भी पा सकते हैं जो आपके भाग्य में नहीं है। आप धीरे-धीरे देखेंगे जो आप चाहते हैं वह चीज आपकी जिंदगी में घटित होना शुरू हो जाएगी। क्योंकि ब्रह्ममुहूर्त अपने आप में एक बहुत बड़ी ताकत होती है।
अभ्यास से पहले स्थान करना जरूरी
ज्योतिष के मुताबिक, अभ्यास में बैठने के पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान जरूर करना चाहिए। क्योंकि अगर आपका तन साफ रहेगा और जैसा वातावरण रहेगा बिल्कुल वैसे भी शक्ति आपकी जिंदगी में काम करेगी। साफ सफाई का अपना विशेष महत्व है। इसलिए स्नान करके अच्छे से तैयार होकर ही अपने ईस्ट देवता पास बैठे। बस 5 मिनट का यह अभ्यास आने वाले 6 महीने में ही आपको फर्क नजर आने लगेगा। ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र का जाप करने से इच्छा पूर्ति होती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद आसन पर बैठ जाएं।
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानुः शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु ॥
इस मंत्र का आंख बंद करके जाप करें। इसके बाद जल हाथ में लेकर मनोकामना मांगें और जल छोड़ दें।
ब्रह्म मुहूर्त में जाप करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और कार्य में आ रही बाधा भी दूर होती है।
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