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गरीबी और बुढ़ापा जब दोनों साथ मिल जाए तो जिंदगी बहुत कष्टकारी हो जाती है. दादी का कोई नहीं मैंने अपने समर्थ के अनुसार जो कुछ भी मेरे पास था मैंने किया और आगे भी करूंगा दादी बहुत भूखी थी और बहुत रो रही थी. परिवार वालों ने निकाल दिया है और इनका कोई है भी नहीं प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन की फुटपाथ पर रहती है
मेरा आप सभी से निवेदन है कि अधिक से अधिक मेरी इस कार्य का सहयोग करें जिससे ऐसे बुजुर्गों के लिए मैं जल्द ही एक सुरक्षित घर बना सकूं आलोक कुमार सिंह जनपद प्रतापगढ़ 7007928766