बहुत ही सही और भी कुछ भेजते रहें जय भीम नमो बुद्धाय
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@YashiSrivastava-r7g19 сағат бұрын
Right sir
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@rajniviveka772615 сағат бұрын
बहुत ही सटीक और तार्किक video banaya h aapne shi जानकारी देने के लिये धन्यवाद आपको ऐसी ही video banaya kre aur video ka intjar rhega NAMO BUDDHAY JAY BHIM 🙏🙏
@BahujanAteet115 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@SatendraSingh-qf8zb14 сағат бұрын
मगर कोई मनचाहा सपना कैसे देख सकता है यहां सपना नहीं ध्यान में बैठ कर घटनाओं को देखना और बुद्ध के दर्शन करना ही संभव होगा
@R.R.Yadav995 сағат бұрын
अद्यात्म विद्या मे मनचाहा सपना देखना बहुत सामान्य बात होती है, वैसे जो भी अर्थ लेना चाहे, नमो बुद्धाय।
@BANSHNARAYANSINGH-h1s19 сағат бұрын
Jai Buddha. Namo Buddhay🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@kakrannaresh818917 сағат бұрын
सही
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@JanardanJadhav-kc8etКүн бұрын
Very nice. Namobudhay.
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@AnuWankhede-z3h20 сағат бұрын
Namo buddhay 🙏👍❤️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 jay bhim Sir 🙏🙏🙏🙏💙
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@D.rHindraj19 сағат бұрын
Manuvadilogo ko mirchi Lagegi Aisi Jankari ke Liye Sadhuwad
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@omprakashkushwaha-ye7zr17 сағат бұрын
👍 🎉great
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@ChandraprakashMahale15 сағат бұрын
नमो बुध्दाय
@BahujanAteet115 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@ajaymane2224Күн бұрын
JayBhim NamoBudha JaySavidhan JayBharat 💙💙💙🙏🙏🙏
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@Enki-l6b17 сағат бұрын
Continue your channel
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@NavneetkumarG-m6f9 сағат бұрын
प्रथम मानव/मनुष्य की उत्पति तक aur उससे भी आगे तक ऐसे ही निरन्तर यह चैनल चलता रहे ऐसी कामना करते है सधन्यवाद ❤
@r.sakhiahirwar7619Күн бұрын
बहुत अच्छा है
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@PannaLal-vz4sf17 сағат бұрын
Jai bhim namo budhay
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@vijaynalawade2782Күн бұрын
Aapka bhot bhot dhanyavad sirji .
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@nivruttipatil5500Күн бұрын
बहुत बढीया जानकारी
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@rajshreeshahuraje1910Күн бұрын
सिर्फ ढेड औकाती विकृत सोच 😂😂@@BahujanAteet1
@VilasVK-i3j18 сағат бұрын
@rajshreeshahuraje1910 रामायण महाभारत बुद्धा की जातक कथाओं से ही निकले है। लेकिन ये कथाएं है जो काल्पनिक है। आप उन्हें सच मान बैठे हो। जैसे चाणक्य फर्जी है। वैसे ही राम और कृष्ण भी फर्जी है।
@VinodKumar-gv3hw12 сағат бұрын
Very nice 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 in this BSP vote support
@jayvardhansingh2777Күн бұрын
Namo Buddha ji jai samrat ashoka Maurya 🙏🙏🙏❤️👍👆💪
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@ramlakshandasramlakshan861215 сағат бұрын
Krantikari ke film namo buddhay bahut hi shandar aapane aitihasik baat batai hai manuvadi aur galat kar sakte hain per ham log vicharak Hain Shravan hai Ham sacchai ko jante Hain Man ki Katha aur bhi jyada Se jyada Janna chahte Hain
@BahujanAteet115 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@SiddharthSinghShakya15 сағат бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@BahujanAteet115 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@SiddharthSinghShakya15 сағат бұрын
@BahujanAteet1 नमो बुद्धाय जय जिनेन्द्र जय मौर्य वंश जय सम्राट जय भीम 🙏🙏🙏🙏
@ariseenviro112Күн бұрын
Good 👍❤️🙏 good जानकारी
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@TRUTHOFWORLD-cf9csКүн бұрын
Educative
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@bedbai599516 сағат бұрын
हमें बोध धम्म
@BahujanAteet115 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@bharatregar16614 сағат бұрын
Jai Bhim
@BahujanAteet13 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@ShivamSingh-bi5thКүн бұрын
Namobuddhay sirji
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@RajendraMarkande-r2j6 сағат бұрын
Very good sir
@Sanjy527ywhw13 сағат бұрын
Namo Buddhay
@BahujanAteet112 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@vijaytelang5726Күн бұрын
☸️♐☸️ Namo bhudhai...
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@Shishram-ny5ol19 сағат бұрын
😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
@sonalilokhande5490Күн бұрын
शर्मा ने लिखा...मतलब 100% मिलावट है पुस्तक में... original दिखाये
@XyzAbc-sm7eh19 сағат бұрын
Jai Shree Raavan 🇱🇰
@DimpalJaijanya22 сағат бұрын
Sabhi moolniwashio ko krantikari jai bheem namo búdhay jai bharat
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@warriorintruder721315 сағат бұрын
Tum log moolniwaasi ki baate karte ho be lekin Babasaheb ne toh apni book "who were the shudras" mein Aryan invasion theory ko debunk kia hai aur bakwas bola hai . Tum log Babasaheb ka naam kharab mat karo
@SandeepYadav-gx3nj5 сағат бұрын
मूलनिवासी काले होते थे क्या
@drsantoshkumar37119 сағат бұрын
Name Bhudha
@BahujanAteet18 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@ramsachcheshakya2023Күн бұрын
Namo budday ji
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@AnilAmbani-ix7ze7 сағат бұрын
Shiv kalpnik hai 🎉🎉🎉🎉🎉
@BahujanAteet17 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@user-po1mp4cn7lКүн бұрын
In modern era, "Budha and his Dhamm" book written by DrBR Ambedkar is only authentic extract of budha teaching. Other budha literature might have been adultrated/ mixedby manuwadis Namo budha. Jaibhim.
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@VilasVK-i3j18 сағат бұрын
@@user-po1mp4cn7l other books is founded in other countries and its only jatak stories not reality.
@jayrajkushwaha7 сағат бұрын
इसमें बृहमणवाद मिलाया गया है।
@BahujanAteet16 сағат бұрын
@@jayrajkushwaha नमो बुद्धाय
@PremChand-vh7kjКүн бұрын
प्रणाम सर 🙏 चमार जाति की किस वंशावली से सम्बंधित है और उसका संस्थापक कौन है प्लीज सर 🙏
@BahujanAteet1Күн бұрын
हम जल्द वीडियो लाने का प्रयास करेंगे
@PremChand-vh7kj21 сағат бұрын
@BahujanAteet1 🙏🙏🙏
@superxindia523319 сағат бұрын
जातिवाद को नहीं छोड़ सकते अपनी जाति में गर्व ढूंढ रहे हो जाति में ऐसा कुछ भी नहीं है जो गर्व करने लायक हो
@VilasVK-i3j18 сағат бұрын
@superxindia5233 हर किसी को अपना अतीत जानना होता है। लोगो की अपना इतिहास जानने की प्यास मनुवाद की जड़ें खोद रही है। बात गर्व की नहीं है। बाबासाहेब ने कहा था जो अपना इतिहास नहीं जानता वो अपना भविष्य भी नहीं बना सकता। इसीलिए लोग अपना इतिहास ढूंढ रहे है।
@PremChand-vh7kj11 сағат бұрын
@superxindia5233 सभी को अपने पुर्वजों का इतिहास जानना चाहिए
@aryankarki7900Күн бұрын
Please 🙏 Study and practice Tibetan Buddha Dhamma.
@BahujanAteet1Күн бұрын
नमो बुद्धाय
@KIM_JONG_UN_MOTA_BHAI1008Күн бұрын
Tibetan bhudism me wo sab hae jise tum log hindu dharm me pakhand batate batate thakte nahi ho
@budhprakash9200Күн бұрын
संस्कृत भाषा का अविष्कार प्रथम कृतयुग में राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज ने ज्ञान को सुरक्षित रखने के लिए किया था । जिनकी राजधानी कनखल हरिद्वार उत्तर भारत उत्तराखंड में आज भी है जंहा से शिवभक्त गंगाजल लेकर कांवर लाते हैं ।
@VilasVK-i3j18 сағат бұрын
@@budhprakash9200 उससे पहले देवी देवता इशारों में बात करते थे क्या?
@PramodKumarBinjhwar-m3h6 сағат бұрын
कुछ लोग रावण को अपना बाप मांलेते मगर राम और रामायण को शिकार नहींकरेंगे
@vinodgandharv613317 сағат бұрын
Sir kya Gautam Budh hi ram hai kya
@BahujanAteet116 сағат бұрын
नहीं
@VilasVK-i3jКүн бұрын
शर्मा पे भरोसा नहीं। जिसने अनुवाद किया।
@surinderpalsingh878217 сағат бұрын
Kia Ravan ik kalpanic patar to nhi hai
@BahujanAteet116 сағат бұрын
हां
@AshishRao-j3i13 сағат бұрын
Aap bahujanon ka itihas bata rhe hai to bahujanon ke dwara likhi books sunaiye ye sb baaton me koi schhai nhi hai
@budhprakash9200Күн бұрын
राष्ट्र राज धर्म- सनातन दक्षधर्म। कृतयुग दक्षलोक वर्णाश्रम संस्कार। हिंदी भाषा भावार्थ- जो मानव जन गृहस्थाश्रम में होकर भी ब्रह्मचर्य आश्रम में रहकर जीते हैं और वे अंतिम यतिआश्रम आयु वाले भी नहीं होते हैं। तो वे सम्पूर्ण आश्रम के फलो से वर्जित होते हैं। अर्थात आश्रम का कर्तव्य दायित्व छोड़कर परिवार का नुकसान करके जीवन में असफल रहते हैं। चारो आश्रमो का अनुलोम होता है प्रतिलोम नहीं होता है। अर्थात एक बार बीता हुआ आयु समय काल फिर से वापस नहीं आता है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। इसलिए हरएक मानव को ग्रहस्थ आश्रम में आने पर अपने परिवार के प्रति कर्तव्य दायित्व निभाना चाहिए और माता, पिता और गुरुओ का ऋण उतार अंतिम यतिआश्रम में प्रभु स्मरण कर मोक्ष प्राप्त करना चाहिए। संस्कृत भाषा श्लोक - यो गृहाश्रमस्थाय ब्रह्मचारी भवेत्पुन:। न यतिर्न वनस्थश्र्च स सर्वाश्रमवर्जित:। त्रयाणामानुलोम्यं हिं प्रातिलोम्यं न विद्यते। प्रातिलोम्येन यो न तस्मात्पापकृत्तम:। पौराणिक वैदिक सनातन सतयुग दक्षधर्म शास्त्र ।। दक्षलोक कृतयुग वर्णाश्रम संस्कार। जय विश्व राष्ट्र प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम्। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। एक भारत- श्रेष्ठ भारत। जय हिंद।। ॐ ।।
@UttamKumar-ty9zd22 сағат бұрын
Ravan satya insan maha purush tha
@News-2046 сағат бұрын
Ek baat bata budh k samay to 483 BC rawan ka samay 8000 BC to phir kaise samwad.
@BahujanAteet15 сағат бұрын
वीडियो पूरा देखे
@JugantaBarikКүн бұрын
Jay Bheem namo buddhay aapko kuchh jankari nahin hai
@BahujanAteet1Күн бұрын
साधुवाद
@DimpalJaijanya22 сағат бұрын
Jagó sc st OBC moolniwashio jago
@BahujanAteet118 сағат бұрын
नमो बुद्धाय
@patelkantu512918 сағат бұрын
Bharat ka original Naam Jumbo dip hai Bharat Desh ka galat itihaas likha gaya Fir se Bharat ka itihaas likhna hoga
@SukhdevSingh-m3z5i14 сағат бұрын
Hindi mae bahut privartan h
@jayrajkushwaha7 сағат бұрын
यह सत्य नहीं है 100% झूठ है।
@budhprakash9200Күн бұрын
हे मनुष्यो ! यह अकाट्य सत्य शाश्वत ज्ञान जीवन पर्यन्त स्मरण रखें कि जन्म से सबजन बराबर होते हैं कियोंकि जन्म से सबजन दस इंद्रिय समान लेकर जन्म लेते है इसके साथ साथ हरएक मानव जन समाज के चार वर्ण कर्म विभाग के समान चार अंग समान लेकर पैदा होते हैं। वेद दर्शन शास्त्र विधान ज्ञान अनुसार सबजन को समान अवसर उपलब्ध किया गया है। अतः गर्व से हरएक मानव जन याद रखें कि मैं मुख समान ब्रह्मण हूँ, बांह समान क्षत्रिय हूँ , पेटउदर समान शूद्रण हूँ और चरण समान वैश्य हूँ। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वितरण वाणिज्य आढ़त क्रय विक्रय वैश्य वर्ण कर्म होता है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत नियम है । स्मरण करें कि जब शिक्षण वैद्यन पुरोहिताई संस्कार विभाग ( ब्रह्म वर्ण ) में कर्म करता हूँ तो ब्रह्मण हूँ, जब शासन रक्षण न्याय विभाग ( क्षत्रम वर्ण ) में कर्म करता हूँ तो क्षत्रिय हूँ, जब निर्माण उत्पादन उद्योग विभाग ( शूद्रम वर्ण ) में कर्म करता हूँ तो शूद्रण हूँ और जब व्यापार वितरण ट्रांसपोर्ट वाणिज्य आढ़त वित्त क्रय विक्रय (वैशम वर्ण) में कर्म करता हूँ तो वैश्य हूँ तथा जब पांचवेजन वेतनभोगी कर्मी हूँ तो जनसेवक नौकरजन दासवर्गजन के रूप में चारो वर्ण (विभाग) में किसी में भी कार्यरत होकर सहयोग करता हूँ। हे धार्मिक मानव जनो ! पांचजन = दासजन × ( अध्यापक + सुरक्षक + उत्पादक + वितरक ) । हम श्रेष्ठजन ,आपस में मित्रगण होकर प्रिय अच्छे लगने वाले कार्य करें l जिसके प्रति हम प्रेमपूर्ण व्यवहार करते हैँ उसके प्रति हम प्रिय कर्म करने वाले पात्र बनें l संस्कृत वेदमंत्र - ॐ प्रियं मा दर्भ कूणु ब्रह्मराजन्याभं शूद्राय चार्याय च l यस्मै च कामयामहे सर्वस्मै च विपश्यते l (अथर्ववेद संहिता ) l चार वर्ण। कर्म चार। पांचजन। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन । जय सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म l जय अखण्ड भारत l जय वसुधैव कुटुम्बकम। 🕉 l
@VilasVK-i3j18 сағат бұрын
@@budhprakash9200 manuwadi spotted....! 😂 😂
@ChhotuKachhi-p7t18 сағат бұрын
Achha h kabhi santrampal ke sisyo se mat takra jana
@DilipViswakarma-f2p17 сағат бұрын
PahLe aapne bap ka nam pata kar lo
@BahujanAteet115 сағат бұрын
यही तो हम कह रहे हैं
@budhprakash9200Күн бұрын
डाॅ भीमराव अम्बेडकर ने वर्ण व्यवस्था प्रबंधन पर क्या कहा ? और हमने इस पोस्ट में क्या कहा? दोनो की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर पोस्ट कर सकते हैं और चार वर्ण कर्म विभाग का अंतर मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। चार वर्ण = चारकर्म = शिक्षण + शासन + उद्योग + व्यापार । चार वर्ण = ब्रह्म + क्षत्रम + शूद्रम + वैशम। ब्रह्म वर्ण = ज्ञान वर्ग मुख समान । क्षत्रम वर्ण = ध्यान वर्ग बांह समान। शूद्रम वर्ण = तपस वर्ग पेट समान। वैशम वर्ण = तमस वर्ग चरण समान। राजसेवक = दिल राजन्य समान। चार आश्रम = ब्रह्मचर्य + गृहस्थ + वानप्रस्थ + यतिआश्रम। 1- अध्यापक चिकित्सक = ब्रह्मन 2- सुरक्षक चौकीदार = क्षत्रिय 3- उत्पादक निर्माता = शूद्रन 4- वितरक वणिक = वैश्य इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत = राजसेवक/दासजन/ सेवकजन/नौकरजन ह्वदय दिल राजन्य समान। यही है चतुरवर्ण कर्म विभाग वर्ण व्यवस्था। सबजन को किसी भी वर्ण कर्म विभाग को मानकर नामधारी और कर्मधारी वर्ण वाला बनकर बताकर जीने का समान अवसर उपलब्ध है । जो मानव जन वर्ण कर्म विभाग जीविका प्रबन्धन विषय को लेकर दुविधाग्रस्त रहते हैं वे बतायें कि चार वर्ण कर्म जैसे कि शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उत्पादन-शूद्रम, वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए बिना जीविकोपार्जन प्रबन्धन कैसे होगा?मेरे प्रश्न के उत्तर दो। निष्पक्ष सोच अपनाकर दिमाग सदुपयोग कर - बताओ दस इंद्रिया जन्म हरएक मानव जन के अंदर होती हैं या नहीं ? बताओ मुख, बांह, पेट और चरण जन्म से हरएक मानव जन के होती हैं या नहीं? बताओ समाज में कम से कम चार वर्ण कर्म विभाग जैसे की शिक्षण-ब्रह्म, सुरक्षण-क्षत्रम, उद्योगण-शूद्रम और वितरण-वैशम वर्ण कर्म किए जीविकोपार्जन हो सकता है क्या? बताओ ज्ञान ब्रह्म वर्ण कर्म शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान कर्म मुख के बिना हो सकता है क्या? बताओ ध्यान चौकीदार कर्म क्षत्रम वर्ण कर्म सुरक्षण कार्य बांह बिना होता है क्या? बताओ उत्पादन निर्माण उद्योग कर्म शूद्रम वर्ण कर्म ब्लड संतान उत्पन्न निर्माण उद्योग कर्म पेट के बिना होता है क्या? बताओ व्यापार वितरण ट्रांसपोर्ट वाणिज्य चरण पांव चलाए बिना होता है क्या? बताओ राजसेवक जनसेवक नौकरजन दासजन बिना वेतन भोजन दिये होता है क्या? सवालो के जवाब दाखिल करें जो चार वर्ण पांचजन सामाजिक प्रबन्धन का मतलब समझने में नाकाम साबित हो रहे हैं? धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले द्विजनो (स्त्री-पुरुषो) ! धर्म संस्कार विषय पर वार्तालाप करते समय - धर्म, अधर्म, आप्तधर्म, पुराणिक इतिहास और समय काल इन पांचो विषय पर बातचीत करनी चाहिए। पांचो परिस्थिति धर्म, अधर्म, आप्तधर्म, पुराणिक इतिहास और समय काल इन पांचविषय पर निष्पक्ष सोच रखकर विधान विज्ञान सम्मत मानव हित की करनी चाहिए। समय समय पर पैदा हुए साम्प्रदायिक पन्थगुरुओ का फालोअर भक्त होकर मत परिवर्तन करने जीने वालो को इन पांचो विषयों पर विश्लेषण करना चाहिए। जय विश्व राष्ट्र राज प्राजापत्य दक्ष धर्म सनातनम् । जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम् ।।ॐ।।