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आर्य उपोसथ का पालन करना सत्पुरुष धर्म है। निक्लेश पवित्र जीवन जीने वाले अरहंतों का अनुकरण करने के लिए धारण किये शील गुणों को ही आर्य उपोसथ कहते हैं। ऐसे आर्य उपोसथ का पालन करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य संचित करता है। ऐसा महा लाभी उपोसथ सभी ने धारण करना चाहिए। वह हमारे सभी सुख उत्पाद का कारण बनता है । और वह सच्चा सत्पुरुष का, अरहंत का अनुयायी बनता है। जम्बुव्दीप में मौजूद धन से भी अधिक लाभदायक एक दिन धारण किये आर्य उपोसथ का पुण्य क्यों है? उपोसथ क्यों धारण करना चाहिए? उससे हमें कौन कौन से लाभ मिलते हैं? इसके उत्तर यह प्रवचन सम्पूर्ण सुनने के बाद ज्ञात होंगे।
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