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महोबा के दो वीर योद्धा की गाथा आज भी गाई जाती है यह बुंदेलखंड के सबसे शक्तिशाली। योद्धा थे इनके राजा परमार थे उन्होंने अपने जीवन काल में अनेक लड़ाईयां लड़ी और सभी में विजय हासिल की उन्हीं का इतिहास आज हम आपको बता रहे हैं इनका जन्म 11 वीं शताब्दी में हुआ था इन्होने पुरे भारत वर्ष में अपना नाम रोशन किया है आज भी माहोबा में उनकी येतेहसिक ईमारत बनी हुई है दोस्तों उनकी याद में कजली मेला महोत्सव मनाया जाता है प्री वर्ष लोंग यहाँ घूमने भी आते है आल्हा आज भी अमर है एसा कहा जाता ह यही के लोगो के जरिये आल्हा की वीरगाथा बहुत ही प्रसिद्ध है और इनकी लड़ाई भी