ओशो ने मांसाहार और शाकाहार पर बहुत सटीक बातें कही हैं।उन्होंने कहा है कि फल और सब्जियाँ रंगदार और खुशबूदार होती हैं, वो आपको मोहक लगती हैं जबकि मांस देखने में भद्दा और बदबूदार होता है।किसी फल के बगीचे में चले जायें तो मन खिल जाता है। एक दो फल तोड़ कर खाने का मन करता है, वहीं किसी कत्लगाह में चले जाएँ तो अच्छा खासा स्वस्थ मन भी खराब हो जाए।फल या सब्ज़ी तोड़ने या काटने पर आपको कोई ग्लानि नहीं होती, उनकी पीड़ा, उनका रोना और चीखना आपको सुनाई या दिखाई नहीं देता, वहीं किसी पशु की हत्या करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता।इसलिए देखा जाए तो प्रकृति ने आपकी इंद्रियों को ऐसा बनाया है कि जिव्हा के अलावा बाकी सभी इन्द्रियाँ मांसाहार के ख़िलाफ़ हैं।इससे आपको समझना चाहिए कि प्रकृति आपको क्या इशारा कर रही है।
@krishnathapa84322 ай бұрын
wwo
@SumanKumari12365Ай бұрын
Thank you
@raviranjan59452 ай бұрын
1 haath se video dono hatjo se chicken banao mdm, yummy lg rha h bhot
@farahkitchensecrets13944 ай бұрын
Wow amazing and delicious recipe ❤🎉best wishes for you 👍