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गुरु प्रेमियों,
पिछले गुरु स्टोरीज में आप सुन चुके है की मस्तो बाबा बहुत अच्छा सितार बजा लेते थे परन्तु वे इसे जग जाहिर नहीं करना चाहते थे।उन्होंने रजनीश से वादा लिया था की वे इस विषय में किसी से कुछ न कहेंगे।परन्तु रजनीश चाहते थे की बाबा एक बार उनकी नानी के लिए सितार बजाएं। एक दिन मौका पाकर उन्होने बाबा से पूछ ही डाला की क्या यह संभव होगा ? बाबा ने तुरंत हाँ कर दी.
जब बाबा सितार बजाने घर पहुंचे तो एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने रजनीश को भी अचंबित कर दिया। उस दिन को याद करते हुए ओशो कहते है की - उस दिन जो हुआ वह अविश्वसनीय था।परन्तु जो हो रहा था वह सत्य था।
गुरु प्रेमियों, ऐसा क्या हुआ की ओशो को भी ऐसा कहना पड़ा जानने के लिए अवश्य सुने यह रोचक गुरु स्टोरी.
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