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मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित यह घाट एक शांत तीर्थ स्थल है। इस नदी के किनारे इस स्थान कोभगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण के साथ संत गोस्वामी तुलसीदास का साक्षात्कार स्थल माना जाता है। यह चित्रकूट के प्रमुख घाटों में से एक है जहाँ अध्यात्मिक व धार्मिक गतिविधियों के कारण भीड़ बनी रहती है।
कामदगिरी चित्रकूट धाम का मुख्य पवित्र स्थान है। संस्कृत शब्द 'कामदगिरी' का अर्थ ऐसा पर्वत है, जो सभी इच्छाओं और कामनाओं को पूरा करता है। माना जाता है कि यह स्थान अपने वनवास काल के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का निवास स्थल रहा है।
ऐसा कहा जाता है कि जब हनुमान ने लंका को आग लगाने के बाद अपनी पूंछ की आग बुझाने यहीं आए थे। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में जाने के लिए 360 सीढ़ियां बनी हैं। हनुमान जंयती और हर मंगलवार इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं।