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/ @aksuperclasses
हिन्दी गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय (शुक्ल युग तथा शुक्लोत्तर युग का परिचय।
हिन्दी पद्म के विकास का संक्षिप्त परिचय (रीतिकाल तथा आधुनिककाल)
(क) रस- हास्य एवं करुण रस (परिभाषा उदाहरण एवं पहचान)
(ख) अलंकार (अर्थालंकार) उपमा, रूपक, एवं उत्प्रेक्षा (लक्षण एवं उदाहरण)
(ग) छन्द-सोरठा एवं रोला (लक्षण एवं उदाहरण)
4. हिन्दी व्याकरण
शब्द रचना के तत्व
(क) उपसर्ग-अ, अन्, अधि, अप, अनु, उप, सह, निर, अभि, परि, सु इत्यादि
(ख) समास-द्वन्द्व, द्विगु, कर्मधारय बहुव्रीहि
(ग) तद्भव, तत्सम शब्द एवं पर्यायवाची।
5. संस्कृत व्याकरण- सर्वनाम- तद्, युष्मद् ।
6. वाक्य का स्वरूप।