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1993 में हुए बम धमाकों में अब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला दिया है जिसमें संजय दत्त के अलावा दाऊद इब्राहिम और याकूब मेमन को दोषी करार दिया गया है. आइए हम आपको बताते हैं कैसे घटनाक्रम आगे बढ़ा है इस मामले में.
12 मार्च 1993 को मुंबई में सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे. बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे.
12 मार्च 1993 के मुंबई धमाके
257 713
पहला धमाका-दोपहर 1.30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
दूसरा धमाका-दोपहर 2.15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट
तीसरा धमाका-दोपहर 2.30 बजे, शिव सेना भवन
चौथा धमाका-दोपहर 2.33 बजे,एयर इंडिया बिल्डिंग
पाँचवा धमाका-दोपहर 2.45 बजे,सेंचुरी बाज़ार
छठा धमाका-दोपहर 2.45 बजे,माहिम
सातवाँ धमाका-दोपहर 3.05 बजे,झावेरी बाज़ार
आठवाँ धमाका-दोपहर 3.10 बजे,सी रॉक होटल
नौवाँ धमाका-दोपहर 3.13 बजे,प्लाजा सिनेमा
दसवाँ धमाका-दोपहर 3.20 बजे,जुहू सेंटूर होटल
ग्यारवाँ धमाका-दोपहर 3.30 बजे,सहार हवाई अड्डा
बारहवाँ धमाका-दोपहर 3.40 बजे,एयरपोर्ट सेंटूर होटल
इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे.
करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
4 नवंबर 1993 में 10,000 पन्ने की 189 लोगों के खिलाफ प्रार्थमिक चार्जशीट दायर की गई थी.
19 नवंबर 1993 में यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था.
19 अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई आरंभ हुई थी. अगले दो महीनों में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे.
अक्तूबर 2000 में सभी अभियोग पक्ष के गवाहों के बयान समाप्त हुए थे.
अक्तूबर 2001 में अभियोग पक्ष ने अपनी दलील समाप्त की थी.
सितंबर 2003 में मामले की सुनवाई समाप्त हुई थी.
सितंबर 2006 में अदालत ने अपने फैसले देने शुरु किए.
इस मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी. इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और उनके वारिस इस मुकदमा लड़ रहे हैं. इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था.
नवंबर 2006 में संजय दत्त को पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था. लेकिन उन्हे कई अन्य संगीन मामलों में बरी किया गया था.
नवंबर 1, 2011 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई थी जो दस महीने चली.
अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
दाऊद, संजय दत्त हैं अभियुक्त
इन धमाकों के मुख्य अभियुक्त दाऊद इब्राहम को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. पुलिस का यह कहना रहा है कि यह धमाके भारत से बाहर रहने वाले दाऊद ने कराए थे.
साल 2006 में मुंबई की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए जिन लोगों को इन धमाकों के लिए दोषी पाया था उनमें एक ही परिवार के चार सदस्यों भी थे.
इनके नाम थे यकूब मेमन, यूसफ मेमन, इसा मेमन और रुबिना मेमन. इन सभी को साजिश और आंतकवाद को बढा़वा देने के लिए दोषी पाया गया था.
ये सभी टाइगर मेमन के रिश्तेदार थे जिन्हें भी पकड़ा नहीं गया था. संजय दत्त को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 18 महीने जेल में बिताने पड़े थे.
टाइगर मेमन के बारे में यह माना जाता है कि वो मुंबई में एक रेस्तरां चलाते थे और दाऊद के करीबी थे.
इन धमाकों के मकसद के बारे में कहा गया था कि यह उन मुसलमानों की मौत का बदला लेने के लिए किए गए थे जो पिछले कुछ महीनों में हुए दंगों में मारे गए थे.
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