Рет қаралды 14,690
दांतो में फिलिंग करवानी है तो जानिये कोनसी फिलिंग है सबसे बेस्ट ? दांतो की फिलिंग कितने प्रकार की होती है और क्यों जरुरी है ?
अगर दांत में कोई छेद,कैविटी,या फिर कही से ब्लैक हो जाय तो हो सकता आपका दांत आगे चलकर ख़राब हो जायेगा,और दांत में सदन हो जाएगी,अगर इसी समय इस काले पोरशन को साफ़ करके,या अगर कैविटी है तो उसको क्लीन करके दांतो में फिलिंग नहीं करते है तो दांत में इन्फेक्शन हो सकता है,दांत टूट सकता है,दांत में दर्द हो सकता है तो छोटी सी कैविटी को ही फइलल करवा लें ताकि आपके दांत में कोई मेजर प्रॉब्लम ना हो।
तो चलिए सबसे पहले जानते है दांतो की फिलिंग क्या होती है ?
दांतो में फिलिंग ?
दांतो में फिलिंग एक टाइप का मटेरियल होता है जो आपके खराब या कीड़े लगे हुए दांत में भरा जाता है जिस से आपके दांत में आगे चलकर कोई इन्फेक्शन नहीं होता है क्योंकि जिस जगह पे छेद हुआ है है उस जगह को क्लीन करके वहां मसाला भर दिया जाता है और दाँत को एकदम पहले जैसे कर दिया जाता है तो इसी को डेंटल फिलिंग कहते है।
दांतो की फिलिंग के प्रकार
दांतो की फिलिंग बहुत टाइप्स की होती है उसमे से हम लोग सिर्फ उन फिल्लिंग्स के बारे में जानेगें जो जनरली डेंटिस्ट अपने रेगुलर डेंटल क्लिनिक में उपयोग करते है।
१ अमलगम
इस फिलिंग को सिल्वर फिलिंग या चांदी भरना भी कहते है, ये दांत के रंग की नहीं होती है ,इसमें मरकरी होती है।
बहुत सरे लोग सिल्वर फिलिंग भरवाना पसंद करते है और बहुत सरे डेंटिस्ट ये फिलिंग करते है क्योंकि इसकी स्ट्रेंथ बहुत अच्छी होती है।
ये जो अमलगम फिलिंग है ये पोस्टेरिअर टीथ यानी की पीछे की जाड़ों में ज्यादा भरी जाती है क्योंकि हम खाना हमारी जाड़ों से ही खाते है इसलिए वो मजबूत होनी जरुरी होती है।
ये लम्बे समय तक चलती है। ये क्लास २ कैविटी में भी अच्छी मजबूती देती है इसलिए बहुत सारे लोगो की ये पसंद होती है लेकिन इसके भी कुछ नुक्सान है इसी वजह से इसी वजह से इसको सरकार ने बन कर रखा है ,इसमें मर्करी टॉक्सिसिटी की वजह से कुछ लोगो में एलर्जिक रिएक्शन देखा गया है और साथ ही एक स्टडी में इसके साइड इफेक्ट्स में किडनी और ब्रेन के लिए भी सही नहीं पायी गई लेकिन ये बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से या इसको गलती से निगलने की वजह से होता है।
2 ग्लास आइनोमर सीमेंट (GIC)
ये सीमेंट दांत के कलर की होती है , ये ज्यादातर छोटी कैविटीज में इस्तेमाल की जाती है जहाँ ज्यादा स्ट्रेंथ की जरुरत नहीं रहती है ,ये सीमेंट फिल करने में आसान होती है , दांतो पे अच्छे से एडजस्ट हो जाती है साथ ही दांत के रंग की भी होती है। अगर दांत सेंसिटिव हो तो ग्लास आइनोमर सीमेंट भरा जाता है , इसके साइड इफेक्ट्स में यही है की इसकी स्ट्रेंथ थोड़ी काम होती है ,ये masticatory फाॅर्स से निकल सकती है।
3 कंपोज़िट फिलिंग
कंपोज़िट फिलिंग को लाइट क्योर फिलिंग,या फिर लेज़र फिलिंग भी कहते है, क्योंकि ये लेज़र लाइट्स से क्योर की जाती है।
ये दांत की कैविटी में भरने के बाद नेचुरल लुक देती है, इसमें अलग अलग शेड होते है आपके दांत के कलर के हिसाब से, अगर दांत a1 शेड का है यानी की ज्यादा सफ़ेद तो फिलिंग भी उसी कलर की कर दी जाती है, अगर सामने के दांत में कैविटी है,टुटा हुआ है,क्रेक है तो इन सभी सिचुएशन में कंपोज़िट फिलिंग की जाती है इसकी स्ट्रेंथ भी अछि होती है।
सामने के दांत की फिलिंग के लिए अलग कंपोज़िट आता है वही पीछे वाली जाड़ों के लिए अलग कंपोज़िट फिलिंग आती है ,पीछे वाले जाड़े यानी की मोलर्स के लिए पोस्टीरियर कंपोज़िट आते है जिनकी स्ट्रेंथ बहुत अच्छी होती है।
इसकी सबसे ख़ास बात ये है ये उसी समय लाइट क्योर से हार्ड हो जाती है और आप फिलिंग करने के तुरंत बाद खाना खा सकते हो और पानी पी सकते है।
ये फिलिंग करने में भी इजी होती है और पेशेंट्स को ये बहुत ज्यादा पसंद आती है।
ये जो तीन फिल्लिंग्स या मसाले है जो दांतो में सबसे ज्यादा भरे जाते है इनके अलावा भी कुछ फिल्लिंग्स आती है जैसे इनले ,ओंनले,मिरेकल मिक्स,गोल्ड फिल्लिंग्स etc
अब जानते है की दांतों में फिलिंग क्यों जरुरी है ?
अगर आपके दांत में कैविटी है या ब्लैक हो गया है तो उसमे फिलिंग करवानी चाहिए अगर फिलिंग या मसाला नहीं भराते है तो कैविटी में खाना फास जाएगा और फिर उस खाने से बैक्टीरिया डेवलप हो जायेगे जो उस कैविटी को और बड़ा कर देंगे जिस से दांत की कैविटी पल्प तक पहुँच जाएगी और एकबार पल्प तक कैविटी डीप हो गई है तो फिर आपके दांत में दर्द हो जायेगा साथ ही सूजन आ सकती है फिर अगर आप फिलिंग करवाना भी चाहोगे तो भी दांत का दर्द सही नहीं होयेगा सो इसके लिए आपको रुट कैनाल ट्रीटमेंट करना पड़ता है लेकिन अगर समय रहते ही अगर कैविटी में फिलिंग भर दी जाती है तो फिर रुट कैनाल ट्रीटमेंट की जरुरत नहीं पड़ती है।
इसके अलावा अगर दांत की फिलिंग नहीं होती है तो दांत टूट जाता है फिर वो दर्द करता है तो उसको निकलवाना पड़ता है तो अगर आप फिलिंग करवा लेते हो तो दांत को टूटने से बचा सकते हो।
इसी तरह अगर सामने दांत में कोई कालापन है तो आप उसमे फिलिंग नहीं करवाते हो तो फिर देखने में बुरा लगता वही अगर दांत की फिलिंग हो जाती है तो दांत अच्छा दिखने लग जाता है इसलिए दांतो की फिलिंग करवानी जरुरी होती है।
तो अगर आपके दांत में कैविटी है तो आप डेंटिस्ट के पास जाइये और उसमे फिलिंग करवा लीजिये।
बेस्ट डेंटल फिलिंग
अब ये जानते है चलो कैविटी है और उसमे फिलिंग करवानी है लेकिन फिल्लिंग्स तो अलग अलग तरह की होती है तो कैसे पता करे की कोनसी फिलिंग बेस्ट है।
तो चलिए जानते है।
If you need dental related and any help you can email me
smileonenly.business@gmail.com
follow me on Instagram
...
#dentalfilling #best #filling #toothfilling #toothcavity #toothfilling #dentalcare #viral #viraldentist #viralvideo