बहुत सुन्दर विश्लेषण आचार्यश्री प्रणाम धन्यवाद शुभ दीपावली🙏💐
@sunitabhakuni23382 ай бұрын
Dhanyawad Guruji 🌹🌹
@RuchiSharma-sq6oq2 ай бұрын
Many thanks 🎉
@Vanshika_priya-h2f2 ай бұрын
Jay Ho.
@rajkumarhsharmaa15942 ай бұрын
आपने असमंजस दूर कर दिया है आचार्य जी। बहुत बहुत धन्यवाद❤
@trivenipandey8312 ай бұрын
।।जय जय सादर जय जय।।निश्चित में कहां है
@shobharani83672 ай бұрын
जय गुरुदेव 🙏 जय मां गायत्री 🙏 जय मां भगवती 🙏 सादर प्रणाम गुरु जी 🙏
@sarojtrivedi14502 ай бұрын
Prnam guru ji 🙏 Sahi kaha aapne shashtra kathan hi manna chahiye.
@Sanskrit-Gurukul-Kumbhraj2 ай бұрын
सादर प्रणाम आदरणीय गुरूजी 🙏🏻🌺🚩
@lovepreetsinghrajput9802 ай бұрын
😢😢
@pushkar1432ramjoshi2 ай бұрын
आपका मार्गदर्शन असमंजस और संशय में डालने वाला है।
@samarthmishra63662 ай бұрын
Waah waah kya baat hai 🌹🙏
@yuvrajrajoriya2 ай бұрын
सत्य वचन
@krushanchandrapatil89142 ай бұрын
Jai Ho Guruji Pranam
@DhirendraJoshi48902 ай бұрын
Deepawali/Lakshmi Pujan 31st Oct ko hi kare
@akshatgupta92042 ай бұрын
One can do Laxmi puja on any date 31 oct or 1 nov. Both day have Pradosh Muhurat
@ariesmoonintuition24522 ай бұрын
Lakshmi pujan 31 ko karenge tou agle din pitr pujan karna galat hoga. Isliye jaisa acharya ji ne kaha aur bahut se vidwano ne bhi kaha hai ki 1 ko hee deepavali poojan sahi hai🙏🏻
@DhirendraJoshi48902 ай бұрын
@@ariesmoonintuition2452 pitra pujan nahi hota central region me
@akshatgupta92042 ай бұрын
@@ariesmoonintuition2452 why to fight you have 2 dates and both are suitable to do Diwali Pujan. Celebrate it on any day
@ariesmoonintuition24522 ай бұрын
@@DhirendraJoshi4890 in the morning of Amavsya the basic is offering of water to peepal tree Anyways, whether pooja is done on 31 or 1 , May Mata Rani ji bless everyone .
@HemRaj-qz6mg2 ай бұрын
🙏🙏🙏
@ArvindShukla-t1u2 ай бұрын
Ram Ram ji
@sktsinghal2 ай бұрын
Par Laxmi ji amavsya ki raat ko bhraman par niklegi jo ki 31 October ki sham se lekar agle din yaani 1 Nov ke Surya uday tak ka samay hai isi beech sabse behtreen muhurat yaani singh lagna bhi technically 1 Nov ki ratri ko 01:11 am se 03:25 tak hi rehta hai. Aur rahi baat Surya uday se din manne ki toh uske liye 1 Nov ka pura din hai Lekin Laxmi pujan to amavasya ki ratri ko hi hoti hai kyu ki diwali ratri ko manaya jaane wala parv hai. Diwali ka deepak amavasya ki ratri ko prajwalit kiya jata hai. Aur 1 Nov ko toh 06:18pm par pratipada 1 tithi lag jayegi. Isliye 31 Oct ki sham se 1 Nov ke sham tak diwali hai.
@akshatgupta92042 ай бұрын
Diwali puja pradosh kal ke samay ki jati hai aur yeh samay dono din 31 & 1st ko mil rha hai. So one can celebrate it on 1st also. And aisa kahi nahi hai Maa Laxmi Amavas ki Raat ko hi brahman pe nikenlgi if you are quoting shastra then plz do share where it's written.
@sktsinghal2 ай бұрын
@@akshatgupta9204 वैदिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 तारीख को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है और यह तिथि 01 नवंबर को शाम 5 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। माता लक्ष्मी अमावस्या तिथि में प्रदोष काल और निशिथ काल में भ्रमण करती हैं इसके कारण माता की पूजा प्रदोष काल और निशीथ काल में करने का विधान होता है। पंचांग के मुताबिक 31 अक्तूबर, गुरुवार के दिन पूरी रात्रि अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल और निशीथ मूहूर्त काल भी है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार 31 अक्टूबर के दिन दीवाली का पर्व और लक्ष्मी पूजन करना सबसे अधिक फलदाई होगा क्योंकि दिवाली का पर्व तभी मनाना उत्तम रहता है जब प्रदोष से लेकर निशिथा काल तक अमावस्या तिथि रहे।
@sktsinghal2 ай бұрын
दीपावली पर देवी लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) और स्थिर लग्न में किया जाना चाहिए। अमूमन दिवाली पर स्थिर लग्न जरूर मिलता है। दिवाली पर जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए।क्योंकि ये चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती हैं। स्थिर लग्न के समय माता लक्ष्मी की पूजा करने से माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहरती हैं। प्रदोष काल का समय हर दिन सूर्यास्त होने से 2 घड़ी यानी 48 मिनट तक रहता है। दिल्ली के समय अनुसार 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट पर सूर्यास्त होगा। यानी 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो चुकी होगी और प्रदोष काल अमावस्या तिथि पर रहेगी। ऐसे में 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट के बाद दिवाली लक्ष्मी पूजन आरंभ कर दें। वहीं दूसरी तरफ 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी और सूर्यास्त 05 बजकर 36 मिनट होगा। इस तरह से 01 नवंबर को भी प्रदोष काल और अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी। यानी 01 नबंवर को शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर अमावस्या तिथि के समापन 06 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजन के लिए करीब 40 मिनट का ही शुभ मुहूर्त मिलेगा। इसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी।
@akshatgupta92042 ай бұрын
@@sktsinghal Ji mujhe pta hai tabhi bola hai ki dono mei se kisi bhi din kr skte hain, jisko jaise krna hai woh kr skta hai
@SantoshChoube-rn1kk2 ай бұрын
Deepawali 1/11/2024 sahi hai kalayug apko sahi samay deepawali nahi banane nahi dega
@kgsharmabhopal20442 ай бұрын
आप लोग एक होकर पूरे सनातंन को हिंदू समाज को एक राह क्यों नहीं दिखाते। शास्त्र एक ही हैं लेकिन व्याख्या अपने अपने ज्ञान अनुरूप करके दो दो दिन के त्योहार बताकर समाज को बाँट देते हैं। हर त्योहार के लिए बैठकें हों, on line चर्चाएं हों और एक दिन नियत करके स्पष्ट संदेश समाज को दें तो बड़ी मेहरबानी होगी। पंचांग भेद का जुमला छोड़ना भी जरूरी होगा। 🙏🙏
@ranjanpandey83742 ай бұрын
Pitro ka tarpan nahi karna hai dipawali karna hai /shard purnima keyo nahi kar liye the