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पौराणिक शास्त्रों के अनुसार,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश की आराध्य देवी माता गायत्री को ही माना जाता हैI सभी देवता भी गायत्री को अपनी आराध्या देवी मानते हैंI
माता गायत्री को त्रिदेवी लक्ष्मी, पार्वती और सरस्वती का एकिकृत अवतार माना जाता हैI और उनहिं से तीनो देवियों का सृजन हुआ ऐसा बतलाया जाता हैI
गायत्री मां से ही चारों वेदों की उत्पति मानी जाती
हैं। इसलिये वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को ही माना जाता है। मान्यता है कि चारों वेदों का ज्ञान लेने के बाद
जिस पुण्य की प्राप्ति होती है अकेले गायत्री मंत्र को समझने मात्र से चारों वेदों
का ज्ञान मिलता जाता है। गायत्री मां को हिंदू भारतीय संस्कृति की जन्मदात्री
मानते हैं।
चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां सभी गायत्री
से ही पैदा हुए माने जाते हैं। वेदों की उत्पति के कारण इन्हें वेदमाता कहा जाता
है, इन्हें देवमाता भी कहा जाता है। समस्त ज्ञान की देवी गायत्री को ज्ञान-गंगा भी
कहा जाता है।
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