उस दिन से सामड़ देवासी ओर भूत भाणीया दोनों भाई भाई
@ranveerdewasi621 Жыл бұрын
Ha ji
@UrsOd6 күн бұрын
भाईयो ये सब मनगढ़ंत कहानीया हे देव+वासी = देवासी,हरी+जन=हरिजन,मेघ+वाल=मेघवाल इन में अर्थ एक ही हे शब्द अलग है अगला शब्द ईश्वर के नाम पर पिछे का शब्द वासी ,जन,वाल शब्द अलग अर्थ एक कुछ जातियों के नाम बाप के पिछे कुछ जगह पर कुछ मनगढ़ंत भगवान का अर्थ पंच तत्व से जो मनुष्य शरीर बना हे वही भगवान हे इसलिए ईश्वर एक रुप अनेक यही रुप भगवान बने कोई जाती नहीं हे सभी की एक ही जाति सनातन 600 साल पहले कोई जाती नहीं थी वंश व्यवस्था थी उसमें चार वर्ण थे वर्ण भी स्थर नहीं थे सनातनी बनो जाती को दुर भगाओ