Bhargav shukracharya and vishvamitra ji both are most powerful 🙏🙏🙏
@ankurkhanikar31782 жыл бұрын
Jai guru biswamit
@teachingwithrj15373 жыл бұрын
जय दैत्यगुरू शुक्राचार्य
@atulnath14543 жыл бұрын
Very nice 👍👌
@durgaram41103 жыл бұрын
ऊंँ गणेशाय नमः शिवाय
@diwanabhaigamer79472 жыл бұрын
गीता अध्याय 8 के श्लोक 16 में स्पष्ट किया है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी लौटकर संसार में जन्म लेते हैं। युद्ध जैसे भयंकर कर्म भी करने पड़ेंगे। जिस कारण से काल ब्रह्म के पुजारियों को न तो शांति मिलेगी, न सनातन परम धाम।
@mayadharsingh62172 жыл бұрын
Good evening sir
@girindrasharma35613 жыл бұрын
Om Nomoh Shivay❤️❤️🙏🙏
@swatithakur66454 жыл бұрын
Jai Shree Ganesha ji🙏🙏🙏🙏🙏
@AADIBAWA4 жыл бұрын
EK time thaa jab log dukhi hote thee to riishi aur baba logo k pass jaa k apni samasya mita te thee,,lekin aaj kal to baba,,maulavi,,paadrii, sab aam janta ka shoshan kar rahe hain,,,,
@antaryamipanigrahi46293 жыл бұрын
iye tumhara dharna galat hai sabhi baba ek jaise nahin hote hain na to kisi ke prati galat drishti se nahin dekhte hain yeh sab hamari tumhaari Or mahilaon ke karan sab galat dharna hote hain👌🙏
@satyaprabhabhatt25193 жыл бұрын
वह इसलिए कि आप सभी जाति के लोग अपना अपना धर्म चलाते हैं खुद बाबा बनेंगे खुद का मंत्र देंगे वेदों से कोई मतलब नहीं होता है किसी को इसीलिए ऐसा हो रहा है
@saliasahoo61693 жыл бұрын
Omm Nama Shivay
@amolgore98133 жыл бұрын
जय माता दी गुरुदेव 🙏🙏🙏
@achenamayajal14 жыл бұрын
Om Shree Ganeshay Nama Namah Pronam Nio Baba Ashirwad Dio Baba
@seemasharma85753 жыл бұрын
Hummm.....
@yogirana67493 жыл бұрын
Today Muslims r Shishyaa of Guru Shukracharya 🙂
@amolshejul59223 жыл бұрын
😎
@omprakashshori69653 жыл бұрын
Jay mahakal
@santsingh9784 жыл бұрын
Jay ma Gayatri
@kashinarayanroy51013 жыл бұрын
अगला भाग भी प्रकाशित करें
@ssvop32413 жыл бұрын
Ok
@MunnaKumar-ny6id4 жыл бұрын
Jay shri Hari Vishnu
@krishanu-d1k3 жыл бұрын
Har Har Mahadev 🙏🏻🙏🏻
@bjmnrbdnm3 жыл бұрын
Shakti hona koi anuchit nahi magar ooska sahi prayog nahi kiya jaaye toh vah atamghati sidh hoti ha
@abhimanyupandey27153 жыл бұрын
Om namah shivaya
@Manojkumar-bn4fm2 жыл бұрын
Anoop
@romiosingha69934 жыл бұрын
Jai Mahakal 🙏🏼😍
@naveensingh50923 жыл бұрын
Y yyyyyyyY
@nishantrajput95473 жыл бұрын
Sabka Aaradhya the greatest - Shivji hi kyu ha
@drprashantmathur51563 жыл бұрын
Kyunki vo bhole bhendare hai.jaldi Khush ho Jate hai
@knowwithsonugola30933 жыл бұрын
Har Har mahadev
@himanshuyadav49673 жыл бұрын
@@drprashantmathur5156 इसलिए उनकी उदारता से उत्पन्न राक्षसों को समाप्त करने के लिए विष्णु भगवान को अवतार लेने पड़ते थे। जय शिव शम्भु जय श्री विष्णु।
@mangalgurung60034 жыл бұрын
गुड इस सिरियल
@sukrukashyap39933 жыл бұрын
Veeri nice
@mahayogirajeshwershivendra91463 жыл бұрын
Wonderful 🌟
@pradeepkumar-qo7nm3 жыл бұрын
विश्वामित्र ब्राह्मण बना और ब्रह्मॠषि बनने के बाद ही शुक्राचार्य को पराजित कर पाया
@abhishekchauhan33283 жыл бұрын
विश्वामित्र एक क्षत्रिय राजा था.. घोर तपस्या के बाद वो ब्रह्मऋषि बना.. ऐसा किसने कहा की सिर्फ ब्राह्मण ही ब्रह्मऋषि बन सकते हैं
@pradeepkumar-qo7nm3 жыл бұрын
@@abhishekchauhan3328 ब्राह्मण ही ब्रह्मर्षि हो सकता है अन्य नहीं ,
@abhishekchauhan33283 жыл бұрын
@@pradeepkumar-qo7nmफिर विश्वामित्र कैसे ब्रह्मऋषि बना बता
@abhishekchauhan33283 жыл бұрын
@@pradeepkumar-qo7nm ऐसा कोन से पुराण मै लिखा है मुझे बता..सबूत दिखा
@pradeepkumar-qo7nm3 жыл бұрын
@@abhishekchauhan3328 कितने पुराण पढ़े हो ?
@DeepakKumar-nz7gc3 жыл бұрын
शुक्राचार्य का दस्यु असुर अरबों से कोई संबंध नहीं नहीं⛔🚫❌❌❌❌ बल्कि आर्यों की जाति राक्षस हब्शी से संबंध था राक्षसों के वे गुरु थे ; देवता समाज आर्यों की एक जाति थी जो स्वभाव से मधुर थी. पामीर मेरु पर्वत जिस पर वैवस्वत मनू और महाभारत काल में ऋषि व्यास का निवास था उसके चारों और के प्रदेश को इलावृत कहते थे. तारिम सीता नदी के एक और ऋषिक दूसरी तरफ तुषार वंश थे दोनों ऋषिक तुषार यूची वंश प्रथम सर्वप्रसिद्ध देवराज इन्द्र के वंश थे , देवराज इन्द्र त्रिविष्टप तिब्बत यानि स्वरृग के देवताओं और आर्यों का सर्वोच्च पद था, देवराज इन्द्र की सभा में 1000 ऋषि थे इसलिए देवराज इन्द्र के 2000 नेत्र थे जो उन्हें राजनीति आदि की सभी समस्याओं का निवार्ण करते थे , इन्हीं प्रदेशों में यम वरुण अग्नि ब्रह्म विष्णु शिव कुबेर आदि की सभाएं भी थी जो महाभारत में वर्णित हैं कुबेर अलकापुरी में रहते थे . नीचे आर्यव्रत और जम्बूद्वीप एशिया में मनुष्य जाति के आर्य थे. देवताओं के साथ गंधर्व अफगानिस्तान में, और साथ में किसी जगह यक्ष थे यक्षों के अनेक वंश पापी प्रवृत्ति के थे उन्हें अलग करके राक्षस जाति बनाई गई देवताओं द्वारा राक्षस अफ्रीका में खदेडे ग ए अफ्रीका में इजिप्ट में भगवान विष्णु की मूर्तियां भी पाई जाति हैं हो सकता है इनको अफ्रीका में भगवान विष्णु ने ही खदेडा हो, इस प्रकार राक्षस आर्यों की ही एक जाति थी जिसका पेशा पशपालन पशुओं की रक्षा खेती बाडी था , स्वामी दयानंद सत्यार्थ प्रकाश प्रथम संस्करण के अनुसार आज के हब्शी ही प्राचीन राक्षस जाति है. सिंहल को श्रीलंका स्वीकार करना कठिन है क्योंकि ये भारत से 20-25 किलोमीटर दूर है बस , जबकि सुमाली राक्षस के देश सोमालिया के पास कहीं प्राचीन लंका थी ये सही जचता है और 100 योजन भी फिट बैठता है, राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य थे , देवताओं और राक्षसों में आपस में वैर हो गया था, राक्षस और देवताओं के युद्ध को देवासुर संग्राम कहा जाता है. अब बात असुरों अरबों की, हरामखोर मादरचोद अनपढ विद्याद्वेषी असुर अरब आरृय नहीं बल्कि दस्यु दुष्ट वर्ग के थे . शुक्राचार्य से अरबों असुरों का कोई संबंध नहीं.🚫❌❌⛔ .
@srawankumarkhandelwal25213 жыл бұрын
llow voice from video
@AnilKumar-ij3wo3 жыл бұрын
Daty guru ki hi den hai jumma
@ganga.martialarts11413 жыл бұрын
Om namo vishwamitra Samjh mai nahin aa raha aaj kal hamare purwaj vishwamitra ko bahut yaad kar rahe ho 🙏
@shashwatdey58614 жыл бұрын
Shukracharya ka bap hai Vishwamitra
@abhishekchauhan33283 жыл бұрын
shi baat
@vivekkumarpatel95713 жыл бұрын
next episode
@PardeepKumar-ni3vc3 жыл бұрын
Uu
@priyankachanel71893 жыл бұрын
Next episode plz
@Rudradrawingart14343 жыл бұрын
Kya mai apke channel ke videos ko facebook me live dikha sakta hu?
@nitishkumar-bf5kh3 жыл бұрын
yes
@fatemarampurawala26143 жыл бұрын
Pehle drone ki bhi jarurat nahi padhti thi
@capitalc77793 жыл бұрын
പ്പ്പ് അത്
@shantirai143 жыл бұрын
Niceapisode
@parthparth19504 жыл бұрын
PARTH DEPANI
@keshabsonowal14514 жыл бұрын
Next episodes
@key4Production3 жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/qYqYoZ-YbaiWmas जाने आदित्य ह्रदय स्तोत्र के बारे में कैसे मिलेगी सफलता