जितने भी कथावाचक है चाहे वह राम कथा हो या भागवत कथा हो सभी कथावाचक माया मोह से दूर रहने के लिए बोलते हैं और संसार की सारी माया स्वयं इकट्ठा करना चाहते हैं देखिए कितने बड़े-बड़े आश्रम महल नुमा बने हुए हैं और किस प्रकार से इनका इकट्ठा किया हुआ पैसा लोगों पर ब्याज में चलाया जाता है ऐसी लोगों की धारणा है। मैंने किसी कथावाचक को बिना पैसे की कथा करते हुए नहीं सुना है धर्म प्रचार के साथ-साथ धन इकट्ठा करना इनका उद्देश्य हो गया है कोई भी कथा वाचक सनातन धर्म की रक्षा के लिए कुछ नहीं बोलता है कृपया धर्म रक्षा के लिए जनता को जागरुक करिए अन्यथा कोई कथा सुनने वाला भी नहीं बच पाएगा साहस पैदा करिए डराया मत करो। आपके द्वारा सुनाई जा रही कथा अत्यंत सुंदर है मैं भी इसका अनुसरण करता हूं। जय श्री राम