जैन मुनि ने PM Modi को 'चक्रवर्ती' की उपाधि दी, समाज में भारी बवाल। Loksabha Election | Rahul Gandhi

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Пікірлер: 1 400
@malaybarupal
@malaybarupal 4 ай бұрын
अधिकतर हिंदुओं में बीजेपी के प्रति उदासीनता को देखते हुए अब जैन राष्ट्र की बारी है।
@BiswaMitra-sd9mz
@BiswaMitra-sd9mz 4 ай бұрын
🤣🤣🤣🤭🤭🤭
@nikunjsolanki8717
@nikunjsolanki8717 4 ай бұрын
😂😂😂
@user-tq6ui5sx8s
@user-tq6ui5sx8s 4 ай бұрын
😂😂
@Manthan525
@Manthan525 4 ай бұрын
😂😂😂😂
@sambhavjain-yp2eu
@sambhavjain-yp2eu 4 ай бұрын
मैं जैन समाज से हूँ और मुझे लगता है कि इस कार्यक्रम में सभी साधू, साध्वियों ने मर्यादा का उल्लंघन किया है। एक तरह से मोदी के पक्ष में फतवा जारी किया है।
@baldevsinghbaldevsinghmakk5615
@baldevsinghbaldevsinghmakk5615 4 ай бұрын
ਨੰਗ ਧੜੰਗ ਜੈਨੀ ਸਿਆਸਤਦਾਨ ਨਹੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ? ਕਿਸ ਤਰਾਂ ਜੈਨੀ ਹੈ ਜੋ ਮਹਾਨ ਟੁਚੇ ਨੂੰ ਮੂੰਹ ਲਗਾ ਰਹੇ ਹਨ .
@avinashbhati596
@avinashbhati596 4 ай бұрын
Right 👍👍👍
@guddu6424
@guddu6424 4 ай бұрын
इन नंगे लोगों के पीछे क्यों पड़े रहते हो, माना कि महावीर दिगंबर थे और बहुत महान इंसान थे लेकिन नकल करने से कोई महान नहीं बन जाता इसलिए इन नंगे नकलची बंदरों का पीछा छोड़ो, हां अपना धर्म अपने विश्वास अपनी परंपराओं को जरूर मानो और उन्हें फॉलो करो ।
@revantajain5030
@revantajain5030 4 ай бұрын
नंगे मुनि महाराज नहीं है तुम जैसे उनकी निंदा करने वाले अपने विचारों से दिमाग से नंगेहो पहले उनके बारे में पुरी जानकारी लो उसके बाद में कुछबोलो फालतू की बकवासमत करो
@gajenderkumar4496
@gajenderkumar4496 4 ай бұрын
Kya log dare hu a hein !
@lovely54yahoo
@lovely54yahoo 4 ай бұрын
जिन्होंने अपने घर का त्याग कर दिया उनको अपने आपको संयम से रखना चाहिए इनको राजनीति से क्या लेना-देना है
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@mahendrasurve1581
@mahendrasurve1581 4 ай бұрын
जो घर का त्याग करते हैं, वे लोग ही दूसरों के जीवन और देश की राजनीती मे हस्तक्षेप करते हैं....
@shameemara2075
@shameemara2075 4 ай бұрын
Bhai Yogi ko dekhkar har Muni ki atma bhatakne lagi h
@banwarilalsharma3323
@banwarilalsharma3323 4 ай бұрын
इतने महान जैन संत ।मुझे जैन धर्म के प्रति सबसे ज्यादा आदर है लेकिन जैन मुनि के ऐसे विचारों से बहुत आघात पहुँचा है।
@tejshirambhia5830
@tejshirambhia5830 4 ай бұрын
जैन समाज एसे साधु भगवंत से दुरी करना चाहिए।
@DevendrakumarJainBijoliya
@DevendrakumarJainBijoliya 4 ай бұрын
यह साधु नही है ।साधु और भगवंत शब्द का प्रयोग ऐसे चाटुकारों के लिए उपयुक्त नहीं
@user-un9ex9tt7j
@user-un9ex9tt7j 4 ай бұрын
आपके विश्लैषण से आपने जो जैन समाज को मोदी का परिवार बताकर मोदी को चक्रवर्ती से सम्बोधित करना मुझे नहीं लगता कि जैन संयम पथ पर चलने वाला मुनि अपने गुरू द्वारा दशवैंकालिक सूत्र की पालना करना ही मुनिबन सकता है जिसके कई कठोर नियम है तात्पर्य यह है कि जैन दीक्षा मनुष्य अपने कल्याण अर्थात मोक्षगामी बनाने के लिये ही है शेष समय में वह मानव समाज के कल्याण के लिये भगवान महावीर के पांच महाव्रतों का बोध कराना होता है, यह कार्यक्रम मोदी के प्रचारार्थ किसी अंधभक्तों के योजनाबद्ध या मुनि की मानसिकता में राजनीति का भूत हो सकता है अन्यथा चक्रवर्ती जैसी उपाधि दी ही नहीं जाती जो बचकाना है,
@sachinjain8607
@sachinjain8607 4 ай бұрын
ऐसे साधुओं को तुरंत कपड़े पहनना देना चाहिए
@alishaikh2287
@alishaikh2287 4 ай бұрын
शरीर पर कपड़े नही दिमाग पर पर्दा पड़ा है पागल लोग बीमार बुद्धि
@amrapali-gs3co
@amrapali-gs3co 3 ай бұрын
Ye sadhu nahi businessman hai
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
मैं जैन हूँ और मुनि जी के इस वक्तव्य की भर्त्सना करती हूँ| ये धर्मसंगत नहीं है, तर्कसंगत तो है ही नहीं|
@prithvirajjain632
@prithvirajjain632 4 ай бұрын
नमिता जी आपने सही फरमाया ,ये महावीर जन्म जयंती का कार्यक्रम था या चुनावी सभा। ये मुनि समाज को कहा ले जाना चाहते है ,ऐसे साधूओ की वजह से आज समाज अपने असली सिद्धांतो से भटक गया है । ये सभा scripted आयोजित की गई है ऐसा लग रहा है। जैन समाज के लिए ये एक सोचनीय विषय हो गया है।
@jagannathdas3321
@jagannathdas3321 4 ай бұрын
नमिता जी लगता है आप के पास रत्ती भर भी सम्यक ज्ञान नहीं है।
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
@@jagannathdas3321 आप मुझे मेरा धर्म न सिखाइये|
@jagannathdas3321
@jagannathdas3321 4 ай бұрын
@@namitajain68 मेरी इतनी औकात कहाँ की मै आप जैसी महाराज सा. के चरित्र मे दोष देखने वाली को धर्म सिखाऊ?आप तो आचार्यो की भी आचार्य हो
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
@@jagannathdas3321 जब साधु अपनी चर्या की मर्यादा तोड़ता है तो हमारा धर्म श्रावक को आलोचना का अधिकार देता है| आगे आपकी बुद्धि, प्रत्युत्तर का जवाब नहीं मिलेगा| जय जिनेन्द्र|
@pradeeptiwari5388
@pradeeptiwari5388 4 ай бұрын
देश को लूटने वालों मे जैन समाज का भी हाथ है। इतनी अमीर कौम है, कि अपने व्यापार के लिए देश को भी चुना लगा देते हैँ
@jitendrajain6949
@jitendrajain6949 4 ай бұрын
Ek sadhu ki vajah se pure jain par aarop lagana galat he jain logo ne desh ke vikash me bahut yogdaan he aaj har pardesh me jain college school hospital bhojnalay banaye he jis me kisi tarah ka bhedbhaav nahi bahut kam paise liye jaate he Ek baat jain samaj ne kabhi desh nahi luta apne mehnat se amir banta he koi paidaisi amir nahi hota
@pareshshah1166
@pareshshah1166 4 ай бұрын
जैन समाज से जोड़ा जाना नहीं चैहिए मैं भी एक जैन हु । मै इस मुनि की बातों का विरोध कर ता hu
@anilmishra399
@anilmishra399 4 ай бұрын
आपके विचार को मेरा प्रणाम
@liberalManifesto68
@liberalManifesto68 4 ай бұрын
Hi, I am Hindu but very much influenced by Jain philosophy and highly regard Mahavir Swami. I would like to know what is Jain's view on Hindutva and the philosophy of Savarkar? it will be great if you can enlighten me.
@vishnuleua8866
@vishnuleua8866 4 ай бұрын
I Personally believe in Jainism but what a wonderful that he is declared Chakraborty by jain Muni.Even thou you are great Muni you can't identify reality of Politics.Muniji Speak on our woman wrestler, Manipur, Lakhimpur,............... Bhagwan Mahavir believe in non violence and what is reality...... Can Bhagwan Mahavir Swami will be happy to listen such types of messages by his followers.
@rohitjain6616
@rohitjain6616 4 ай бұрын
​@@liberalManifesto68we worship mahavir swami but do not follow what he said. Mahavir swami gave the philosophy of pluralism. God lives in everybody. Savarkar on the other hand was a treacherous motherfkr. JJ
@omprakashsharma1622
@omprakashsharma1622 4 ай бұрын
हम लोग तो जैन समाज को बहुत महान समझते थे। पर ये तो अंध भक्तो कि भिड़ ही थी।
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
क्या है इनके ऐडियोलजी? इतना महान समझने केलिए। ज्यादा तर धर्म या पन्थो में विश्वासी/चेले गूरू के जैसा बनना चाहता है। लेकिन इनके गूरू कपड़े नहीं पहनते हैं पर चेले,चेली लोग तो ऐसा नहीं करते। कहने के मतलब मरणोपरांत मोक्ष प्राप्त कर ने केलिए वस्त्र त्याग जरूरी है तो बाकी लोगों को भी होना चाहिये था।यह एक confused धर्म है।
@smtariq8046
@smtariq8046 4 ай бұрын
लगता इन जैन मिनी साहब को मोदी के कर्नाटक वाले मोदी के परिवार का 3000 महिलाओं के नंगे वीडियो और व्यभिचार के बारे में ज्ञान नहीं है 😊
@rohitjain6616
@rohitjain6616 4 ай бұрын
वैसे बात गलत तो नही की है। लेकिन थोड़ा सैयाम बनाये रखें। चांद सूरज और सत्य ज़्यादा देर नही छुप सकते।
@user-by7gj4kl8k
@user-by7gj4kl8k 4 ай бұрын
वस्त्र नहीं पहनते, शायद दिमाग भी नहीं रखते
@rohitjain6616
@rohitjain6616 4 ай бұрын
@@user-by7gj4kl8k जी आप तो दिमाग रखते हैं, फिर क्यों कटवा लिया आपने ? शब्दों में बड़ी ताकत होती है
@HarishChand-lh7zh
@HarishChand-lh7zh 4 ай бұрын
चक्रवर्ती वही हो सकता है पढ़ा लिखा, योग्य हो,जो महिलाओ जनता की हालात की रक्षा, गरीबो का कल्याण, महगाई पर लगाम लगाता हो यह गुण शायद हमारे p. M. मे हजारों कोसो दूर तक मिलते ही नहीं जय भीम जय कांग्रेस
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@nilimashah11
@nilimashah11 4 ай бұрын
ये संत नही है.... ये मोदी के प्रचारक है। इनके ट्रस्टों की जाँच की जाये तो सारे के सारे पर्दे उठ जायेंगे।
@shafimohammad6946
@shafimohammad6946 4 ай бұрын
ISI dar se to Muni Maharaj ne isko Chakravarti ka hai Varna iski uplabdhi ka bataen koi Modi ki jisse Chakravarti kah rahe hain usko
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
हमारे यहाँ ट्रस्ट साधु के अंतर्गत नहीं होते| साधु के नाम या पास कोई सम्पत्ति‌ नहीं होती| ट्रस्ट समाज चलाता है|
@sanjayjain8964
@sanjayjain8964 4 ай бұрын
चाहे शरीर रूप में आज यह संत हैं. किंतु व्यक्ति के रूप में उनकी कुछ दबी हुई राजनीतिक इच्छाएं हैं जो ऐसे उपदेश के लिए इन्हें विवश करती है
@alishaikh2287
@alishaikh2287 4 ай бұрын
Kya acting hai ( modi)
@gupteshwarbaitha8118
@gupteshwarbaitha8118 4 ай бұрын
कैसे इसको संत कहा जायेगा ।सोचो चक्रवर्ती किसे कहा जाता था।धन्य हो अंध भक्त।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@narayanpandey7946
@narayanpandey7946 4 ай бұрын
अगला देश का प्रधानमंत्री यही मुनी जी बनने वाले है
@LalaramYadav-cq8rw
@LalaramYadav-cq8rw 4 ай бұрын
यह धार्मिक आयोजन नहीं था यह तो चुनावी सभा थी
@sushilakhandelwal3650
@sushilakhandelwal3650 4 ай бұрын
चुनावी सभा में संतो का क्या काम। आप कह रहे है ये चुनावी सभा थी तो स्पष्ट है कि संत राजनितिक हो ग‌ए है।
@sanjaymalani4205
@sanjaymalani4205 3 ай бұрын
तुम्हारी टोपी मुस्लिम जमात के चरणों में नतमस्तक हो।
@rajeshgupta-lc3he
@rajeshgupta-lc3he 4 ай бұрын
आज की तारीख में बाबे सबसे ज्यादा फ्रॉड हैं
@murari2247
@murari2247 4 ай бұрын
लोगों को इस मुनि के कार्यक्रम में शामिल नही होना चाहिए जो अच्छे और बुरे मे फर्क करना नही जानता हो। ये बीजेपी का आयोजन ही है
@satpaltaneja9431
@satpaltaneja9431 4 ай бұрын
आज समझ आया कि यह प्रजाति विलुप्त क्यों हो रही है ।
@sanjaymalani4205
@sanjaymalani4205 3 ай бұрын
आपको हिंदू विरोधी कार्यप्रणाली में खड़े देख रहा हूं।
@govindraghav5236
@govindraghav5236 3 ай бұрын
​@@sanjaymalani4205जैन तो खुद को हिंदू नही मानते फिर तुम्हारे पेट में ऐसी मरोड़ क्यों हो रही है?
@ravisithaliya6155
@ravisithaliya6155 4 ай бұрын
शाबाश 🤣🤣🤣लगे रहो देश को चूना लगाने मैं 😂😂इनको भी टिकट दे देना चाहिए 🤣🤣
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@bhagwangore6303
@bhagwangore6303 4 ай бұрын
इतिहास जब जब पढा जायेगा, जैन समाज को अपने दायित्व से चुकने पर लज्जित होना पडेगा
@MrGulabJain
@MrGulabJain 4 ай бұрын
बहुत शर्म की बात। बहुत दुख हुआ। प्रज्ञसागर से मुनि पद छीन लेना चाहिए।
@DevendrakumarJainBijoliya
@DevendrakumarJainBijoliya 4 ай бұрын
सही है
@yennk3603
@yennk3603 4 ай бұрын
आप में तो उनके सामने की भी हिम्मत नहीं है। और फतवा दे रहो हो कि उनसे पद छीन लिया जाये?..आप पर क्या अधिकार है?
@yennk3603
@yennk3603 4 ай бұрын
​@@DevendrakumarJainBijoliya वेतन छाप सोनगढ़िया हो , सो तुरंत हां कर दी।..सारे सोनगढिये धूर्त बल्ले-बल्ले करने में लगे हैं।..
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
क्या मूनी पद सबसे श्रेष्ठ है? कपड़े नहीं पहनना ही श्रेष्ठता है? नंगे व्यक्ति कि तरफ देखना भी पाप है। ईसाईयों के बाईबल में लिखा है कि तूम बलि वेदी का सीढियां इतना ऊंचा नहीं बनाना कि तूम बेदी पर चढ़ते हैं तो तेरी नंगापन दिखाई दे। यहां तो पूरा नंगा घूम रहे हैं। और श्रेष्ठ धर्म कहते हैं।
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
@@yennk3603 इनको यह पद किसने दिया? इस पद का इतना महत्त्व क्या है?
@RakeshJain-ho4cj
@RakeshJain-ho4cj 4 ай бұрын
जैन मुनि कभी भी आगम के विरुद्ध इस तरह की क्रिया नहीं करते ये जैन मुनि रहने लायक नहीं इन्हें तत्काल जैन मुनि पन छोड़ देना चाहिए अध्यक्ष अखिल भारतीय पल्लीवाल जैन महासभा शाखा ग्वालियर
@balchandgarasiya5478
@balchandgarasiya5478 4 ай бұрын
महात्मा जी दिन मे चार बार कपडे बदले ऐसे क़ो सम्राट कहना की तपस्या क़ो लानत है
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@farooqshaikh795
@farooqshaikh795 4 ай бұрын
Sabse bdi bat jo hm jante Aur sunte aye hai jain dharm ko muni aur saadhvi bhot tapasya krke sadhvi aur muni bante hai aur kitne muni aur sadhviji ne kitni dhandaulat tyag krke bne hai inko moh maya tyag krte hai Aur ye mu ni ji to moh maya ki pravachan de rhe the vo bi jin pm ne mahila ok bare me kya mahol bna hua hai ye Thik nhi hai sata kisi ki ho dharm ko sath na jode kripya
@gdjain9193
@gdjain9193 4 ай бұрын
क्या Jain मुनि को फिर से आत्म चिंतन करना चाहिए?? जैन मुनि बनने के नियमो को दोबारा समझना चाहिए, अपना आचरण स्वयं देखना चाहिए।
@tikaramy
@tikaramy 4 ай бұрын
जैन मुनिश्री, मुनिश्री नही मोदी जी के प्रवक्ता की तरह प्रवचन कर रहे है।धन्य है। किसी धर्म के मुनिश्री ने राजनैतिक बाते नही करना चाहिए।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@jagdishnandagawli4374
@jagdishnandagawli4374 4 ай бұрын
आज पता चला हमारे मुनियों साध्वीयो को जैन धर्म के ज्ञान की कितनी कमी है।लगता है अगली बार इन्हे टिकट जरुर मिलेगा।भगवान महावीर आज अपने आप पर दु:खी हो गए होंगे।मन मे बहोत पिड़ा हो रही। धन्यवाद
@dr.gajendrajain9020
@dr.gajendrajain9020 4 ай бұрын
महावीर तो मुक्त हो चुके गुणातीत कालातीत। इन्हीं विडम्बनाओं से मुक्त होने के लिए तो वे मुनि बने थे।
@mahipalsinghrawat8935
@mahipalsinghrawat8935 4 ай бұрын
मनी लगता है मेंटल बैलेंस खो गया। जिन्हें दिन दुनिया का पता नहीं होता है वह मोदी के बारे में क्या जानता है कैसे जानता है और किस प्रकार अपना आकलन देता है। मुनि जी जनता में आक्रोशित भावना मत पैदा करो।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@maheshjain8689
@maheshjain8689 4 ай бұрын
परम पूज्य मुनिराज को चरण वंदना मैं निवेदन करता हूं आप के माध्यम से सभी साधु साध्वी भगवंत का समाज के हित में ना हो ईशा निर्णय ऐसा बयान न दे
@LalaramYadav-cq8rw
@LalaramYadav-cq8rw 4 ай бұрын
बड़ी बात यह है कि जैन समाज इन जैन मुनियों और साध्वी को सजा देगा
@kamalkothari3719
@kamalkothari3719 4 ай бұрын
महावीर वाणी आगम के ज्ञाता केलाशराज जी को साधुवाद जिन्होंने स्पष्ट गलत के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई की चक्रवर्ती से सुशोभित करना गलत है वह भी तथ्यों के साथ बताया। ओम् अर्हम
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@rajeevdiwakar2863
@rajeevdiwakar2863 4 ай бұрын
जैन व्यापारियों से व्यापार से दलित पिछड़े मुस्लिम आदिवासी समाज दूर रहें जो देश को कमजोर कर कर रहा हो जिस प्रधानमंत्री ने देश को कमजोर किया है वह कैसे चक्रवर्ती हो सकता है
@pratibudh
@pratibudh 4 ай бұрын
देश को कमज़ोर किया है ? जो भी मोदी जी की तारीफ करे उसे देश को कमज़ोर करना पसंद है जो मोदी को गाली दे और इमरजेंसी लागू करने वालें पार्टी को वोट दे वो एक महान और सच्चा डेमोक्रेटिक देशभक्त है जो भी मोदी सरकार की तारीफ करे वो फेक है कांग्रेस में भ्रष्टाचार फुल मोड में है। ये सब कोर्ट से साबित घोटाला है इंदिरा गांधी चुनाव धोखाधड़ी (1975): तेल घोटाला 1986 - बोफोर्स (1987): 2जी घोटाला (2008): नोट के बदले वोट घोटाला (2008): राष्ट्रमंडल खेल (2010): देवास-एंट्रिक्स घोटाला 2011 कोयला घोटाला (2012): चॉपर घोटाला (2013): ये सब घोटाले भी फेक है ये सब घोटाले ने देश को कमज़ोर नही किया है 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को 1976 में 42वें संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया था। यह परिवर्तन आपातकाल (1975-1977) की अवधि के दौरान प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लागू किया गया था। ये धोखे से संविधान में जबरन डाला गया है इमरजेंसी के समय। Congress कांस्टीट्यूशन से खेले तो ठीक दूसरा अगर बदले तो बचाओ बचाओ चिल्लाना शुरू और मोदी जी तानाशाह और डिक्टेटर है बोलना शुरू। खांगरेसा ने राम मंदिर बनवाने से रोका खांगरेस ने भगवान राम को काल्पनिक बताया कांग्रेस ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमान का है कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया जो इंडी एलायंस का मेंबर है वो 1962 में चीन के आर्मी के लिए रक्त दान कर रही थी और भारतीय सेना के लिए नही । आज भी कम्युनिस्ट पार्टी चीन को सपोर्ट करती है इंडिया को नही। देश में इमरजेंसी लाने वाली पार्टी और देश के दुश्मनों को सपोर्ट करने वाली पार्टी को वोट देना डेमोक्रेसी को स्थापित करने के बराबर है ? देश की जनता को बेवकूफ समझा है क्या।
@user-rb2jx9zd6q
@user-rb2jx9zd6q 4 ай бұрын
बड़े शर्म की बात है जैन मुनियों को राजनीति से दूर रहना चाहिए प्रधानमंत्री को चक्रवर्ती कहना चक्रवर्ती का अपमान है।
@Nutritionclub-js8or
@Nutritionclub-js8or 4 ай бұрын
मैं प्रज्ञ सागर जी आपकी इस चापलूसी से व्यथित हुआ हूं।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@sumatjain7400
@sumatjain7400 4 ай бұрын
लगता है महाराज श्री बीजेपी में शामिल हो गए हैं,, ऐसे राजनीतिक भाषण से दूर रहना चाहिए,, सभी मानव उनके लिए एक समान होना चाहिए,,
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@RajendraJain-oe9oc
@RajendraJain-oe9oc 4 ай бұрын
आगम को छोड़ दिया है मुनिश्री ने
@user-kj4if4vs7n
@user-kj4if4vs7n 4 ай бұрын
राइट 💯 है
@RammilanYadav-sg8hq
@RammilanYadav-sg8hq 4 ай бұрын
धर्माचार्यों को अपने अपने धर्म की अच्छाइयों से समाज को आईना दिखाना चाहिए लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ तथाकथित धर्माचार्य दिमाग से भी नंगा हो गये हैं शर्म आनी चाहिए ऐसे धर्माचार्यों को ये समाज के लिए कलंक है।
@rajendradas9186
@rajendradas9186 4 ай бұрын
नरेंद्र मोदी पनौती है
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@sanjayjain8964
@sanjayjain8964 4 ай бұрын
देश भर के भक्त और पंगु लोगों के बीच में.. एक अकेला राहुल गांधी और उनका इंडिया गठबंधन ही है. जो पनौती को चुनौती है
@akjain18749
@akjain18749 4 ай бұрын
BJP join करके भाजपा के प्रवक्ता बन गए। मुनि को यहां पर गिरनार, पालीताना, श्री सम्मेद शिखर जी पर भाजपाई अतिक्रमण पर बोलना चाहिए था।
@yehmeraandaman
@yehmeraandaman 4 ай бұрын
और कोई अवार्ड बचा है तो दे देना चाहिए प्रधानमंत्री जी को।😅😅😅
@abdulsattarmotiwala5866
@abdulsattarmotiwala5866 4 ай бұрын
Worlds most corrupted PM.....desh ko 50 years pichey daal diyah ..sari desh ki sampati bechdali .....desh ko kangal kardiyah aur Debt mein daal diyah....
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी*
@AshnaHaarisbilalAnsaari
@AshnaHaarisbilalAnsaari 4 ай бұрын
😂😂😂
@bhavyajain3414
@bhavyajain3414 4 ай бұрын
Modi ka parivar
@ratnakarpimple7961
@ratnakarpimple7961 4 ай бұрын
नंगे से खूदा डरे। एक कहावत है। खटमल संग से हीरा भंग होता है।
@ashwinsontakke3775
@ashwinsontakke3775 4 ай бұрын
मुनि श्री का सम्मान करते हुए यह अत्यंत ही निराशाजनक है कि इन्हें ऐसे फरेबी, नौटंकीबाज,नाटकबाज, कपटपूर्ण नीति,षडयंत्रकारी,अहंकारी राजनेता का गुणगान कर उन्हे उपाधि से विभूषित किया है.. धन्य है यह देश की जनता सच ना समझ कर झूठ पर आंखे बंद कर विश्वास करती है ...देश एक घोर कलयुग कि और बढ़ रहा है...🙏🙏
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@yennk3603
@yennk3603 4 ай бұрын
जब तक गज्वा-ऐ-हिंद नहीं हो जाता और फिर से पाकिस्तान नहीं बन जाता, आप जैसे लोगों की तकलीफ़ खत्म नहीं होगी। पाक में केवल ७५ साल पहले ही २५० जैन‌ मंदिर खत्म हो चुके हैं, उस पर कभी आप जैसे लोगों के मुंह से चूं तक नहीं निकली। आपका नेता पप्पू जब लालू से मांस पकाना सीखता है और शान से पत्रकारों को बताया है, सो आपको कोई तकलीफ़ नहीं होती?..
@dravinashingle2
@dravinashingle2 4 ай бұрын
कितने शर्म की बात है कि, जिओ और जीने दो का मंत्र देनेवाले भगवान महावीर स्वामी के नाम से ही उनके अनुयाई गोधरा, हाथरस, उन्नाव के हत्याकांडों को जायज ठहरा रहे हैं।
@rajendradubey8379
@rajendradubey8379 4 ай бұрын
एक वक्त था 2014 में बाबा रामदेव जी ,श्री श्री,रविशंकर जी नजर नही आ रहे 2024 में अब देखे सम्माननीय जैन मुनी जी को प्रणाम ।। 4 जून 2024 को बर्तमान सत्ताप्रमुख को हिंदुस्तान की जनता सत्ता से विदा कर रही है ।। ।। अब महिमा मंडन का वक़्त गया ।। ।। अब नक्षत्र सत्ताप्रमुख की विदाई के बन गए है ।।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@sumerchordia5485
@sumerchordia5485 4 ай бұрын
इन संतो की तो यह भंयकर भूल है ही। लेकिन यह सब करने और करवाने का आधार बनाया इस कार्यक्रम के आयोजको ने। इन आयोजको को न संयमाचार की जानकारी है, न उनकी इसमें श्रध्दा है। इन आयोजको का एकमात्र लक्ष्य आयोजन करना और फोटो वीडियो में बने रहना है।
@RajendraJain-oe9oc
@RajendraJain-oe9oc 4 ай бұрын
हम शर्मसार हैं क्योंकि जैन मुनियों का यह पथ नहीं है 😢
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@purnimajain9901
@purnimajain9901 4 ай бұрын
शर्मनाक
@indermalviya5968
@indermalviya5968 4 ай бұрын
इस आदमी ने जनता के साथ सन्तों की भी बुद्धि हर ली हैं
@prakashchandrawanshi4833
@prakashchandrawanshi4833 4 ай бұрын
जैन मुनि श्री भी आज जैन धर्म को पाखंड सिद्ध कर दिया। चाटुकार, दलू, पाखंडी जैन मुनि छी,,,।
@jineshshah5516
@jineshshah5516 4 ай бұрын
इतना घटिया राजनेता संसार में हुआ नही है और ऐसे इंसान को ये साधु चक्रवर्ती की उपाधि दे रहा है।
@raviduttsharma7120
@raviduttsharma7120 4 ай бұрын
Jo admi chunav me khud ko chokidar kahta vo admi chakrvarti nhi ho sakta jisne kabhi sach nhi bola us jhoothe admi ka mahima mandan krna muni shri ke liye ashobhniya he
@vishalgayakwad770
@vishalgayakwad770 4 ай бұрын
यह महावीर स्वामी जी के विचारों के समर्थक नहीं है यह भाजपा के प्रचारक एजेंट है
@BiswaMitra-sd9mz
@BiswaMitra-sd9mz 4 ай бұрын
Mil gaya hoga shayad!!!😊😊😊
@user-ig7gr4fs9i
@user-ig7gr4fs9i 4 ай бұрын
Sahi
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी*
@shaileshjain8361
@shaileshjain8361 4 ай бұрын
modi shraman shaskriti ka sab se bada dushman hi
@shaileshjain8361
@shaileshjain8361 4 ай бұрын
kuch bi kar lo is bar modi ki vidhayi hi 180 seat ayegi
@omprakashsharma1622
@omprakashsharma1622 4 ай бұрын
ऐसे मुनी बीजेपी का प्रवक्ता हे। 👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
हम शर्मिंदा हैं कि हमारे समाज के एक साधु ने ऐसा कृत्य किया|
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@premnarayangarothia1501
@premnarayangarothia1501 4 ай бұрын
Right sir
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
थोड़ा बतायेगा कि क्या इस धर्म के ideologyहै? हर धर्म मरणोपरांत मोक्ष पाने केलिए तरह तरह का कर्म काण्ड वगैरह करतें हैं। आप लोग ईश्वर को नहीं मानते हैं फिर आप लोग यह पूजा पाठ आराधना,प्रवचन करते, सुनते हैं किसका करते हैं?उस से क्या लाभ जब कोई ईश्वर ही नहीं है? तो मोक्ष का प्राप्ति कौन देगा?गूरु लोग कपड़े नहीं पहनते followers कपड़े पहनते हैं। विरोधाभास नहीं लगते?
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
@@sasikv4255 हमारे यहाँ अपने कर्मों की निर्जरा करना ही मोक्ष पाने का रास्ता है| अच्छे कर्मों का फल भोग लिया, बुरे कर्मों का फल भुगत लिया| बैलेंस ज़ीरो हो गया तो जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल गयी| ऐसी आत्मा फिर मृत्यु पश्चात मोक्ष पाती है| हम जिनकी आराधना करते हैं वे संसार के रचयिता या संहारक नहीं हैं, वे भी हम जैसी ही आत्मायें थीं जिन्होंने अपने कर्मों का क्षय किया, मोक्ष पाया|
@namitajain68
@namitajain68 4 ай бұрын
@@sasikv4255 केवल दिगम्बर परम्परा में साधु कपड़े नहीं पहनते| अन्य तीनों जैन धाराओं - श्वेताम्बर मूर्तिपूजक, श्वेताम्बर स्थानकवासी और तेरापंथ - में साधु धोती- चादर पहनते हैं| सभी परम्पराओं में साध्वियां कपड़े पहनती हैं| मैं स्थानकवासी हूँ और मुझे भी नग्न साधु आज के युग में उचित नहीं लगते| पर यह उनके यहाँ की प्रथा है तो है|
@kritijain1909
@kritijain1909 4 ай бұрын
यह नीच व्यक्ति जैन संत नहीं हो सकता है
@lovely54yahoo
@lovely54yahoo 4 ай бұрын
ये इनकी विचार धारा होगी बाकी जैन समाज तो सब देख ही रहा है
@tpwnewspunjabi9913
@tpwnewspunjabi9913 4 ай бұрын
Jain...muny.....to....baopary....hai
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@anantparkash2013
@anantparkash2013 4 ай бұрын
टुच्चे आदमी द्वारा टुच्चे आदमी का प्रशंसा गाना
@Manilal45
@Manilal45 4 ай бұрын
This Jain Muni, is not Muni, but pretending to be Muni. In Janism, no one is allowed this. Manilal Shah
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@HemnidhiPatel-pd8ql
@HemnidhiPatel-pd8ql 4 ай бұрын
इस नंगे को देश की हालत दिखाई नहीं दे रही है ।
@kalkaprasad2379
@kalkaprasad2379 4 ай бұрын
एक पाखंडीबनिया दूसरे पाखंडी बनिया को महिमा मंडित कर रहा है एक नंगा दूसरे नंगा की तारीफ कर रहा है
@sachinjain8607
@sachinjain8607 4 ай бұрын
मुनीपना का नाश कर दिया
@rajaramkushwaha6607
@rajaramkushwaha6607 4 ай бұрын
अब तो मोदी जी इस मुनि को टिकट देकर पार्लियामेंट में ले जाएं जिससे वहां ऐसे धार्मिक आयोजन हो सके और ऐसे ही मोदी मोदी के जयकार करके देश के लोगों को भ्रमित किया जा सके, देश बहुत जल्दी विश्वगुरु बन जायेगा। वाह मेरा देश महान
@sudhirjadhav4705
@sudhirjadhav4705 4 ай бұрын
ये झुटे जैन साधु महावीर को भुला दैंगे.
@mukeshkapadia2418
@mukeshkapadia2418 4 ай бұрын
मोदी जी खुद जैन संतो को झुक झुक कर नमन कर के प्रसंशा पाने का माहौल बनाते है । शायद अमित शाह द्वारा सबकुछ प्रि प्लान हो सकता है ,क्योंकि चुनाव का समय है ।
@sumerchordia5485
@sumerchordia5485 4 ай бұрын
आदरणीय श्री कैलाश राज जी सिंघवी सा आगमिक तथ्य बता रहे है। भगवान की वाणी यानि आगम वाणी के प्रति अवहेलना आगम शास्त्रो के ज्ञाता संत सतिया जी और पदो के भूखे श्रावकगण सरेआम करते है। श्री सिंघवी जी सा ने अपनी बात रखकर आम जनो में जागरूकता लाने का प्रयास है। आप श्री का आभार।
@subhashchandjain9318
@subhashchandjain9318 4 ай бұрын
जो मुनि राजनति ke साथ वह मुनि नही है
@sushilakhandelwal3650
@sushilakhandelwal3650 4 ай бұрын
आज देश का यही दुर्भाग्य है कि साधु सन्त राजनीतिज्ञों का चारण गान करने लगे है वो जैन हो या सनातनी हिन्दू हो जबकि हमारे शास्त्र बताते है कि समय-समय पर जब राजा महाराजा की प्रजा की अवहेलना करने पर संत राजाओं को दण्ड देने का अधिकार रखते थे जब राजा ठीक राज्य नही करते तो संत महात्मा सत्ता अपने हाथों में ले लेते थे। बहुत ही दुखद 29:20 है संतों की चाटुकारिता देखकर।
@raisahmad1778
@raisahmad1778 4 ай бұрын
इसमें जैन धर्म की जानकारी या उनके महापुरुषों से अधिक मोदी जी की प्रशंसा की है इससे यह सम्मेलन धार्मिक समारोह न होकर मोदी की प्रशंसा के साथ भाजपा का चुनावी भाषण अधिक।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@user-by7gj4kl8k
@user-by7gj4kl8k 4 ай бұрын
हर व्यक्ति का मंगल होना चाहिए था, परंतु बुधवार और गुरुवार हो गया.
@laxminaraynvyas204
@laxminaraynvyas204 4 ай бұрын
इस देश का भगवानी मलिक
@basheerahmed8383
@basheerahmed8383 4 ай бұрын
किसी की इतनी चाटूकारिता करणे की केउं जरुरत पडी हमारे दिव्य जैन समाज को . हमारा जैन समाज बहोत ही संपन्न , सुशिक्षित और आत्मनिर्भर है .
@mpmishra2880
@mpmishra2880 4 ай бұрын
जैन मुनि जी तो भाजपा के नेता जैसे जैसे प्रवचन कर रहे हैं
@abdulgaffarrizvi2220
@abdulgaffarrizvi2220 4 ай бұрын
हद कर दी है धर्म गुरु ने महावीर जयंती को बीजेपी के प्रचार प्रसार कर चुनाव आचार संहिता का भी उल्लंघन किया है
@dr.harishankarverma937
@dr.harishankarverma937 4 ай бұрын
सब तेल लगाने मे लगे है जिसका लग जाय
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@manojganava6259
@manojganava6259 4 ай бұрын
चक्रवर्ती उपाधि क्या है? ज्यादा फ़ेकने, झूठ बोलने, समाज में हिंसा उकसाने के लिए दिया जाता है? फ़िर भगवान महावीर के मुलमन्त्र ?
@Viralvedio.7
@Viralvedio.7 4 ай бұрын
लोगों का यूं ही नहीं ऐसे पाखंडीयो से विश्वास उठ रहा है।
@rsdhakad9456
@rsdhakad9456 4 ай бұрын
अभी तक तो हिन्दू धर्म के साधु संत ही राजनीतिक सुख सुविधाओं के लिए तपस्या की जगह राजनीत करते थे अब तो जेन मुनि भी चापलूसी करने लगे मतलब अब कोई भी बाबा संत भरोसेमंद नहीं हे
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@vbbharadwaj165
@vbbharadwaj165 4 ай бұрын
जैन धर्म पर जैन समाज पर कम बीजेपी मोदी वोट कार्यक्रम ही माना जाएगा।
@vijaymall2258
@vijaymall2258 4 ай бұрын
देश में ढोंगियों की कमी नहीं है। जय भारत, जय संविधान।
@user-xm7bl4uj1s
@user-xm7bl4uj1s 4 ай бұрын
बिल्कुल सही उपाधी दी है चक्कड़ +वर्दी वाह वाह
@sureshkumarjain6331
@sureshkumarjain6331 4 ай бұрын
Jain Sadhu ko is tarah ke vichar vyakt nahin karni chahie
@user-xm7bl4uj1s
@user-xm7bl4uj1s 4 ай бұрын
@@sureshkumarjain6331 ये कैसे संत या मुनी हैं जो राजनितिक लोगों का गुणगान कर रहे हैं लगता है चापलूश हैं
@sanjayjain8964
@sanjayjain8964 4 ай бұрын
मैं स्वयं जैन वर्ग से हूं.. इसके बाद भी उपरोक्त साधु जी का में समर्थन नहीं करता हूं.. एक साधु के रूप में यह निंदनीय आचरण है. आज यह महाराज भले ही साधु के वेश में है.. लेकिन कहीं ना कहीं यह उनके अंदर की दबी राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही है.. जो इस कथित उपदेश के रूप में बाहर आई
@pareshshah1166
@pareshshah1166 4 ай бұрын
मुनि नहीं मुनीम बने हुवे है
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@vardhmanenterprises2311
@vardhmanenterprises2311 4 ай бұрын
हमारे जैन संतो द्वारा मोदी जी के महिमा मंडन का हम समर्थन नही करते। हम मुनि श्री की इन बातो के लिए क्षमाप्रार्थी है।
@PramodkumarYadav-tk3gi
@PramodkumarYadav-tk3gi 4 ай бұрын
Aapke channel ka swagat hai
@govindraghav5236
@govindraghav5236 3 ай бұрын
पाठक जी, अज्ञानी सब जगह हैं। मुनि, संत, बापू जैसी उपमा लग जाने से ये बैरागी या तृष्णामुक्त नही हो जाते। इनकी दमित इच्छाएं ही इनसे ये सब करवाती हैं। ये तो खुद संसार अपने अंदर लिए घूम रहे हैं ये भला अपने भक्तों को संसार सागर से क्या पार कराएंगे। सहानुभूति है इनके तर्कशील भक्तों से जिनकी प्रेरणा "जिन" है। अंधभक्तों से मेरा कोई बैर नहीं है। उन्हे मेरी शुभकामनाएं कि भवसागर उनके लिए उनके अज्ञान जितना ही लंबा चौड़ा हो जाए। 💐🙏🙏
@user-ng4sj9dk1p
@user-ng4sj9dk1p 4 ай бұрын
Jain Muni Ko Kuchh karod rupaye Mil Gaye Honge
@DeepakJain-ed1xl
@DeepakJain-ed1xl 4 ай бұрын
दिगम्बर मुनियों के मुंह से ऐसी बात शोभा नही देती
@ramansandhu1650
@ramansandhu1650 4 ай бұрын
No vote for Modi ji
@anantparkash2013
@anantparkash2013 4 ай бұрын
यह मुनि नहीं मोदी का मुनीम है, मोदी ने लगता है इसे भी काफी बड़ा मनी बैग पकड़ा दिया है
@aghoranand104
@aghoranand104 4 ай бұрын
चुनाव के समय इस नौटंकी की कोई जरूरत नहीं थी। वैसे भी 4 जून को जनता बता ही देगी।
@sdmrkc21
@sdmrkc21 4 ай бұрын
मैं अब तक जैन धर्म को सबसे अलग और अच्छा धर्म मानता रहा हूँ , लेकिन इस जैन मुनि ने आज मुझे अन्यथा सोचने को मजबूर कर दिया है । इस मुनि नेशासक की चरणबद्धता की सारी सीमाएँ लांघ दी हैं और अपनी बुद्धिहीनता का परिचय दिया है । लानत है इतनी चमचागिरी पर ।
@dr.gajendrajain9020
@dr.gajendrajain9020 4 ай бұрын
खोट धर्म में नहीं, मानने वालों में है।
@dwarikaprasad1788
@dwarikaprasad1788 4 ай бұрын
आप लोगों को ऐसे टॉपिक पर डिबेट ही नहीं करनी चाहिए क्योंकी ये लोग यही चाहते हैं।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@govindraghav5236
@govindraghav5236 3 ай бұрын
मेरे विचार से "चक्रवर्ती" की उपाधि नरेंद्र मोदी जैसे महामानव एवं युगपुरुष के लिए छोटी है क्योंकि यह इतिहास में एक ही बार एक बेहद छोटे सम्राट अशोक के लिए इस्तेमाल की गई थी। मुनिराज अगर न्याय करें तो श्री मोदी को "तीर्थंकर" की उपाधि से विभूषित करें। पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। 🙏
@gogojogi2964
@gogojogi2964 4 ай бұрын
आजकल संत योगी कम सत्ता के चाटुकार ज्यादा है
@nazeerkhan41
@nazeerkhan41 4 ай бұрын
कैलाशराज सिंघवी जी जोधपुर वालों का में हृदय से आभारी हूं
@ramkishorbairwa6149
@ramkishorbairwa6149 4 ай бұрын
80000 RUPEY KI MASROOM AK TIME M KHATA H GARIBO KO SADA RASAN DILVATA H BEIMAN H UPADHI LAYAK THODE HI H
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
बस यही एक उपाधि कि कम्मि थि वह भी पूरि होगया।
@user-jc5gv1zh9c
@user-jc5gv1zh9c 4 ай бұрын
The BJP Surat seat is another Chandigarh Manipulation, We have to remember the BJP 10% EFC Reservation and Modi ji today talking about Muslim, tomorrow Christian Sikh Jain Buddhist SC ST Dalits adivasi OBC and finally Rajput then only RSS and Brahmin can Rule the nation by Manuscript, people must understand the BJP is only working for Some Corporate and Brahmin. The Elections commission must take a necessary action against Modi and take him to good hospital for treatment. The PM is not only for Hindu Brahmin, he is PM for Hindu SC, Hindu ST, Hindu Dalits ,Hindu adivasi, Hindu OBC, Hindu Rajput, Hindu Parsi, Hindu Muslim, Hindu Christian, Hindu Sikh, Hindu Jain, Hindu Buddhist and Hindu Dravidian. Hindu means Hindustani.
@subhashchandra249
@subhashchandra249 4 ай бұрын
जैन समाज के लोग बनिए थे हैं और रहेंगे, और बनिए संघ की मानसिकता के लोग हैं, हिन्दू मुसलमान करते हैं
@shelasingh4483
@shelasingh4483 4 ай бұрын
बनिए और पंडित तो मोदी के नीचे की दो अनमोल गोलियां है।
@MisplacedAaMe
@MisplacedAaMe 4 ай бұрын
Mujhe bhi lagta hai.
@dr.gajendrajain9020
@dr.gajendrajain9020 4 ай бұрын
आप अपनी गरिमा का ख्याल तो रख ही सकते हैं। जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।
@shelasingh4483
@shelasingh4483 4 ай бұрын
@@dr.gajendrajain9020 हम कैसे गरिमा रखे हमारे समाज में इन परजातियों ने जहर घोल दिया। देख खोखला हो गया।देश कर्ज में डूब गया।अगली पीढ़ी बीरोजगार कर दी।फेंकू को शर्म ही नही प्रधानमंत्री है वो
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@shelasingh4483
@shelasingh4483 4 ай бұрын
@@dr.gajendrajain9020 हम जैन भाई कैसे मोन बैठे 10 साल हो गए हिंदू मुस्लिम सुनते,टपोरी हरकतें मोदी की,80 करोड़ लोग 5 किलो राशन पर आ गए 140 करोड़ में से देश पर कर्ज 4 गुणा अकेले ने बड़ा दिया,देश ढूंढता नही देखा जा रहा। शहीद भी दो तरह के कर दिए। RSS ने जहर घोल दिया।व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी चल रही झूठी न्यूज की
@arjunsinghbhartiyb.j.p2197
@arjunsinghbhartiyb.j.p2197 4 ай бұрын
खूबी तो यह है कि भगवान महावीर की जयंती पर महावीर पीछे छूट गए और प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का गुणगान बहुत ऊपर पहुंच गया!! लग तो यह रहा था कि महावीर के अनुयाई सभी प्रमुख लोग मोदी जी के चुनाव प्रचार में लग गए हैं??---
@santoshkatiyar750
@santoshkatiyar750 4 ай бұрын
मुनि महाराज मोदी को चक्र वर्ति मोदी बेकार कहे। सीधे भारत के चक्र वर्ती सम्राट कह देते।
@NishantChoudharyJi
@NishantChoudharyJi 4 ай бұрын
मेरे अपने आत्मन, हमारे गुरु भगवन एवं साध्वी माताजी जी ( श्वेतांबर अथवा दिगंबर) कठोरतम तपस्या करते हैं जो अपने आप में संपूर्ण विश्व में हमारे जैन धर्म को सर्वश्रेष्ठ बनता है। हमारे महान गुरु भगवन एवं साध्वीया जी नवकार मंत्र के पंच पदों में किसी एक में आते हैं और पंच परमेष्ठी प्रभु एवं जीन शासन देव की प्रभावना करते हैं। हमारे गुरु भगवान की वाणी में माता सरस्वती का निवास रहता है और यदि उन्होंने किसी को चक्रवर्ती की उपाधि दी है तो निसंदेह यह जिन शासन की आज्ञा के अनुसार ही हुआ होगा। वीतराग गुरु भगवान एवं साध्वी माताजी द्वारा प्रदान किया हुआ आशीर्वाद, प्रवचन,व्याख्यान एवं मांगलिक के लिए देवी देवता भी तरसते हैं । यदि उन्होंने किसी को सुपात्र समझा होगा अथवा उसके पूर्व जन्मों के पुण्यवान और प्रारब्ध का उदय एवं सौभाग्य के सूचक शुभ लक्षणों को देखकर ही चक्रवर्ती सम्राट की उपमा दी होगी। हर चीज में तर्क और वितृक की बहुत ज्यादा संभावना रहती । इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमारे 24वें तीर्थंकर श्रवण भगवान महावीर स्वामी ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के बाद सबसे महत्वपूर्ण *सिद्धांत अनेकांतवाद* प्रतिपादित किया एवं अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से अनेकांतवाद की बात कही है , *जिसमें स्पष्ट रूप से अपनी देशना में उन्होंने कहा है कि आप भी सही हो सकते हो, मैं भी सही हो सकता हूं* मेरे अपने दृष्टिकोण से अब एक महत्वपूर्ण नियम संरक्षण हेतु यह सिद्ध होगा की हमारे गुरु भगवान ने हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जो उपमा चक्रवर्ती प्रदान की है उसके बाद *अब हमारे तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी और गिरनार जी की रक्षा सुरक्षा एवं जैन धर्म को पालन करने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा पूर्णतया सुरक्षा एवं संरक्षण देना अब भारत सरकार और स्थानीय सरकारों का नैतिक दायित्व और कर्तव्य बन गया है*। जय जिनेन्द्र🙏 *निशान्त चौधरी सुपुत्र श्री राम सिंह जी चौधरी* भीलवाड़ा, राजस्थान, भारत
@abdulqadeer3016
@abdulqadeer3016 3 ай бұрын
आम लोगो को धर्म कि मालूमात है। लेकिन एक साधु होने के बाद भी इसको धर्म की मालूमात नहीं
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PM Modi's speech at 2550th Bhagwan Mahavir Nirvan Mahotsav
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