Chandra Bhan sir is absolutely correct this is reaction to radicalization of 15 percent Hindus. All other communities should join forces to save Indian Constitution.
@pintoobaudhh80062 жыл бұрын
Dilip Mandal sar ji great
@piyushdhore6 жыл бұрын
RSS may not look at caste during entry level, cause they like their numbers, but leadership positions are reserved for upper caste only, if a Dalit person is pushed up, he is not given significant roles, he is looked at as a place holder only to talk to Dalits only, not as a leader of Nation. FOr that role only upper castes or middle castes can go.
@sachithrao63533 жыл бұрын
Who's the president of india
@zahidkamal6933 Жыл бұрын
President is nominal.. kathputli as any one can observe
@jastech39196 жыл бұрын
Jai bhim jai Bharat jai moolniwasi
@PrakashParmar-wt1cx5 жыл бұрын
Jay bhim 🙏
@ajitkumarchp78246 жыл бұрын
Mujhe aafra ji bahot achchi lagti
@DEEPAKKUMAR-kh8cp6 жыл бұрын
Jai bhim sir
@bahujannayakkanshiram34653 жыл бұрын
आरएसएस भारत वर्ष के विभाजन का मुख्य कारक रहा है आरएसएस की तरफ से जो अपने पक्ष में बात रखते हुए जो कह रहे हैं कि दलितों के मुद्दों को सिर्फ दलित ही नहीं बल्कि गैर दलित भी उठा सकते हैं तो ७० वर्षों से जगजीवन राम से कठेरिया तक ने कांग्रेस और भाजपा से उम्मीदें लगाई पर क्यों आज तक क्यों दलितों के उत्पीड़न में कमी नहीं आई ? क्योंकि जाके पांव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई
@ashishkumarbharti88186 жыл бұрын
Jay bhim
@pavankumarlodi65646 жыл бұрын
Jay bheem
@ArvindKumar-rc6mj5 жыл бұрын
real topic Nice debate
@rammehargrover39094 жыл бұрын
Jay bim
@erbalramyadav84687 жыл бұрын
Josh mein bolo JAI BHIM
@Masterofmultiverse6 жыл бұрын
The 22 Vows (Pratigyaein) of Buddhism delivered by Babasaheb Dr. Ambedkar are: 1 मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा 2 मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा 3 मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा 4 मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ 5 मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ 6 मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा 7 मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा 8 मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा 9 मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ 10 मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा 11 मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा 12 मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितों का पालन करूँगा 13 मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा 14 मैं चोरी नहीं करूँगा 15 मैं झूठ नहीं बोलूँगा 16 मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा 17 मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा 18 मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा 19 मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ 20 मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है 21 मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा हूँ (इस परिवर्तन के द्वारा) 22 मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा Jai Bhim Jai Bharat
@raushanraz34815 жыл бұрын
Tum toh na hi bolo OBC ke mashiha v.p Singh hai jisne OBC Ko 27% reservation diya
@permalsllk398 жыл бұрын
bahut achhi jawab fya pro itihaskara sahiba ne ki ager tumhari maa hai to sb kuch khud gau rakshak kre marne per jslaye puja kre khilaye pilaye kyo dalit ko clean krne ke lye bulate h
@sagararya163 жыл бұрын
आरफा ख़ानम शेरवानी - वो भी क्या दिन थे 😂
@rajkotreporter8 жыл бұрын
No body in India uses Manusmriti as a social guidence but only Dalits are clinging on to manusmriti to make a point because Baba saheb did it.
@ArvindKumar-ln5hb7 жыл бұрын
SC/ST/OBC and minorites ek ho jaye to bharat ke Rajniti mein naye aayam hohenge.
@Masterofmultiverse6 жыл бұрын
Correct!
@raushanraz34815 жыл бұрын
OBC,minorty hamesha se swarno ke saath Raha hai aur rahega
@arunverma67316 жыл бұрын
संघ के विचार कथनी करने में अन्तर
@ratneshmohan92068 жыл бұрын
RSS's ideology is very clear. It would be foolish to expect that RSS will ever change its position on the caste structure of Hindu religion. I myself as a Hindu rejects RSS ideology because it is perpetuating the Brahministic structure of society. If RSS really wants to change the society then it will have to promote inter-caste marriage. Not just RSS, but the whole Indian society have this responsibility to end caste-based discrimination.
@raushanraz34815 жыл бұрын
Ek Baar Kashmir me jakar jai Bheem bolo dalit-muslin unity ki hawa Nikal jayegi
@SanjeevKumar-px9rj5 жыл бұрын
Raushan Raz are yar mai up ka hu par bihar ke alava kahi bhi jao log hame chutiya samjhate hai .tu nahi janta to kisi pade-likhe samajhdar se puchh.log bhaiya bolte hai kyo ki o ise ek upahas ke rup me karte hai .jabki hindu,muslim,dalit sabko ek hi tarazu me toote hai.
@Apnastore652 жыл бұрын
Very nice and very right action
@jaswantsinghsaimal45305 жыл бұрын
All sc,St, obc community ko ek hona padega...jabhi kuchh solution ho sakta..
@piyushdhore6 жыл бұрын
Why only 30 min for such an important topic, other news channels are not even covering it, you guys are treating it as a non event.
@sidh00717 жыл бұрын
This is the truth that SC are voted for Modi and BJP but JATAV community are not voted for the BJP. Because JATAV community were very honest and near with the Baba Sehab Dr. Bheem Rao Ambedekar and struggled for the Baba Sehab and other than Jatav community are taking the benefit of SC/ST reservations and voted for the BJP.
@knowledge_forever8 жыл бұрын
well done Sandeep Mahapatra. he raised the most important issue which was utterly ignored by the anchor. we, those who study sociology, are well aware of it but common public rarely delves deeply. he said "those jatavs who gained upwards mobility brought other Dalits from MP, UP etc. to do these kind of jobs." This highlights the fact that Brahmins or savarns alone cannot be blamed for the inability of caste to disappear or rot in modern times. Caste or feudal hierarchical mindset is deeply entrenched in the society. Those who gain power/ rise in hierarchy through reservation or even dalit politics consider themselves to be a separate group. The so called dalit leaders and left parties including congress, etc. are equally to blame, they are stuck in pre independence era, as correctly epoused by prof mridula who highlighted that current movement focuses more on economic rights rather than social.
@ashwingphusey5 жыл бұрын
Great aarfa nice job
@munnimunni95165 жыл бұрын
Rstv ke madhym se mai aapako suchit karta hun ki Rss ke siniar ne juniar ko kaha ki gurjar ke gurjar rahoge
@mansoormnsri30263 жыл бұрын
Only Sp Vijay BhawaOnly Sp Vijay BhawaOnly Sp Vijay Bhawa
@radhakrishnadevaraju73276 жыл бұрын
RStv ko kyu darr lagta shri VAMAN MESHRAM ko charcha me shamil karneme? Vaman Meshram ek bahuth badi dalith chintak hi. Godi media kyu unko charcha me shamil nhi kartha?
@shantanus20194 жыл бұрын
Kyuki Waman meshram Anbedkar ji k baare me aadhi baate batata hai. Ambedkar ji ne Islam ki kitni buraayi ki hai apni books me ye Waman Meshram kabhi nai batata taki dalit to buddhu banaya ja sake. Unn books ka naam hai: 1. "PAKISTAN AND PARTITION OF INDIA". 2. AMBEDKAR ON ISLAM. KZbin pe ye naam likh k check kr kena...
@AjayKumar-ld5dv6 жыл бұрын
good debat
@prateekagrawal3898 жыл бұрын
Very nice anchoring....due time was given to those who matter!
@mansoormnsri30263 жыл бұрын
Only Sp Vijay BhawaOnly Sp Vijay Bhawa
@SANDIPKUMAR-gm5ob4 жыл бұрын
Sandeep Patra se ye puchho ki aaj tak dalit RSS ka mukhiya Bana hai Main bat yahe hai kai Sandeep me manuesmarti ki bu aa Rahi hai
@satya56702 жыл бұрын
जय भीम
@veejendrayadav15873 жыл бұрын
दलित और OBC के लिए मनरेगा और महापात्रा के लिए कुछ और? दलित और OBC के भविष्य का निर्धारण भी महापात्रा करेंगे, क्यों? क्या लोगों ने इसका ठेका इन्हें दे रखा है?
@ranjitbiswas63513 жыл бұрын
Agar sangh manusimriti ko nehi mante to ajtak sangh me koi dalit ko mukhia kinu nehi danya
@prashantkumarparmanu7 жыл бұрын
आरएसएस की स्थापना चितपावन ब्राह्मणों ने की और इसके ज्यादातर सरसंघचलक अर्थात् मुखिया अब तक सिर्फ चितपावन ब्राह्मण होते आए हैं. क्या आप जानते हैं ये चितपावन ब्राह्मण कौन होते हैं ?चितपावन ब्राह्मण भारत के पश्चिमी किनारे स्थित कोंकण के निवासी हैं. 18वीं शताब्दी तक चितपावन ब्राह्मणों को देशस्थ ब्राह्मणों द्वारा निम्न स्तर का समझा जाता था. यहां तक कि देशस्थ ब्राह्मण नासिक और गोदावरी स्थित घाटों को भी पेशवा समेत समस्त चितपावन ब्राह्मणों को उपयोग नहीं करने देते थे।दरअसल कोंकण वह इलाका है जिसे मध्यकाल में विदशों से आने वाले तमाम समूहों ने अपना निवास बनाया जिनमें पारसी, बेने इज़राइली, कुडालदेशकर गौड़ ब्राह्मण, कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण और चितपावन ब्राह्मण, जो सबसे अंत में भारत आए, प्रमुख हैं. आज भी भारत की महानगरी मुंबई के कोलाबा में रहने वाले बेन इज़राइली लोगों की लोककथाओं में इस बात का जिक्र आता है कि चितपावन ब्राह्मण उन्हीं 14 इज़राइली यहूदियों के खानदान से हैं जो किसी समय कोंकण के तट पर आए थे.चितपावन ब्राह्मणों के बारे में 1707 से पहले बहुत कम जानकारी मिलती है. इसी समय के आसपास चितपावन ब्राह्मणों में से एक बालाजी विश्वनाथ भट्ट रत्नागिरी से चलकर पुणे सतारा क्षेत्र में पहुँचा. उसने किसी तरह छत्रपति शाहूजी का दिल जीत लिया और शाहूजी ने प्रसन्न होकर बालाजी विश्वनाथ भट्ट को अपना पेशवा यानी कि प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. यहीं से चितपावन ब्राह्मणों ने सत्ता पर पकड़बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह समझ गए थे कि सत्ता पर पकड़ बनाए रखना बहुत जरुरी है. मराठा साम्राज्य का अंत होने तक पेशवा का पद इसी चितपावन ब्राह्मण बालाजी विश्वनाथ भट्ट के परिवार के पास रहा।एक चितपावन ब्राह्मण के मराठा साम्राज्य का पेशवा बन जाने का असर यह हुआ कि कोंकण से चितपावन ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में पुणे आना शुरू कर दिया जहाँ उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जाने लगा. चितपावन ब्राह्मणों को न सिर्फ मुफ़्त में जमीनें आबंटित की गईं बल्कि उन्हें तमाम करों से भी मुक्ति प्राप्त थी. चितपावन ब्राह्मणों ने अपनी जाति को सामाजिक और आर्थिक रूप से ऊपर उठाने केइस अभियान में जबरदस्त भ्रष्टाचार किया. इतिहासकारों के अनुसार 1818 में मराठा साम्राज्य के पतन का यह प्रमुख कारण था. रिचर्ड मैक्सवेल ने लिखा है कि राजनीतिक अवसर मिलने पर सामाजिक स्तर में ऊपर उठने का यह बेमिसाल उदाहरण है. (Richard Maxwell Eaton. A social history of the Deccan, 1300-1761: eight Indian lives, Volume 1. p. 192)चितपावन ब्राह्मणों की भाषा भी इस देश के भाषा परिवार से नहीं मिलती थी. 1940 तक ज्यादातर कोंकणी चितपावन ब्राह्मण अपने घरों में चितपावनी कोंकणी बोली बोलते थे जो उस समय तेजी से विलुप्त होती बोलियों में शुमार थी. आश्चर्यजनक रूपसे चितपावन ब्राह्मणों ने इस बोली को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया. उद्देश्य उनका सिर्फ एक ही था कि खुद को मुख्यधारा में स्थापित कर उच्च स्थान पर काबिज़ हुआ जाए. खुद को बदलने में चितपावन ब्राह्मण कितने माहिर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने जब देश में इंग्लिश एजुकेशन की शुरुआतकी तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने वालों में चितपावन ब्राह्मण सबसे आगे थे.इस तरह अत्यंत कम जनसंख्या वाले चितपावन ब्राह्मणों ने, जो मूलरूप से इज़राइली यहूदी थे, न सिर्फ इस देश में खुद को स्थापित किया बल्कि आरएसएस नाम का संगठन बना कर वर्तमान में देश के नीति नियंत्रण करने की स्थिति तक खुद को पहुँचाया, जो अपने आप में एक मिसाल है।प्रस्तुति-: आर्यपुत्र निगमेंद्रअब समझ सकते हैं ये हमारे वाले ब्राह्मण नही हैं इसलिए सनातन धर्म ग्रंथो को खराब करने में ये हिचक भी नही रहे और हिन्दू का रट्टा लगाए हुए हैं। जबकि अब सबलोग जानने लगे हैं कि हमारे सनातन धर्म को हिन्दू धर्म कहने का क्या औचित्य है? आखिर क्यों हिन्दू नाम जोड़ा गया जो इस्लाम का शब्द है। अरबी भाषा की गाली है। क्यों देश भर जातिवाद और भेदभाव बढ़ता जा रहा है। सब जानते है। इज़राइल बहुत ही कट्टर और इस्लाम विरोधी होते हैं। और वही कट्टरता सबको सीखा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। और इसके लिए राम नाम की आस्था की आड़ लेकर आर्यों को हिन्दू बनाकर गुमराह कर रहे हैं। और साथ ही अपने को राष्ट्रवादी कहने का प्रचार भी साथसाथ करते जा रहे हैं। जबकि आज़ादी की लड़ाई आरएसएस कभी लड़ा नही। इज़राइल के ब्राह्मण की आस्था सनातन धर्म में नही हो सकती तभी नकली नाम से धर्म खड़ा करके सनातन धर्म को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है और लोग आज तक इस साज़िश को समझ ही नही पाये।
@dharampalsingh54436 жыл бұрын
गजब की जानकारी रखते हो मित्र परन्तु प्रमाणित भी होना चाहिए कोई book का raference
@utpaltripathi63006 жыл бұрын
Mandal ki pathsala ya phir national dastak se liya gaya Gyan..ye sab kaun si book me hai..aur kitna authentic hai
@nitishtantu83333 жыл бұрын
Nice
@fazalmalik42324 жыл бұрын
Dilip Mandal Saheb. Baba ssheb burnt Manu Smirti but things do not change But if RSS burn Manu smirty as said to day in discussion by dalit leader , than it will bring change.
@gautam1612918 жыл бұрын
Gujarat me aajkal jyada hi hungama ho raha hai.Model pe doubt ho raha hai ab to. There is an urgent need to reform indian system of caste and past evil wrongs. RSS must show that they are with dalits at this junction and will mount pressure on govt. to implement SC/ST atrocities act in letter and spirit.
@b.r.gautam13262 жыл бұрын
Best debete
@abhaypratapsingh27305 жыл бұрын
Reservation rahna hi chahiye
@rajkotreporter8 жыл бұрын
I do not believe this, where in India is there a government law against Dalit community ?
@anshu29185 жыл бұрын
Government always give special protection to those ,who has been exploited and discrimination for thousand years...
@MHS0248 жыл бұрын
Al the gow rakshaks belong to RSS. No denying.
@vibhorsrivastava84493 жыл бұрын
mahatma gandhi was also a gaorakshak
@ASHOK2510586 жыл бұрын
radicalised hindu.............only for caste. shame shame
@surajkrishnams25568 жыл бұрын
Very bad anchoring. The host was biased and gave unequal time slots to the participants and intervened, interrupted only one speaker.
@MHS0248 жыл бұрын
You are saying it because she belongs to minority.
@suhaslamkhade52658 жыл бұрын
20% is not minority buddy...
@ravibhokal9146 жыл бұрын
Nothing wrong with anchoring.....maybe u r biased towards RSS
@fazalmalik42324 жыл бұрын
Root ideology of RSS is Varn Dharm.
@ranjitbiswas63513 жыл бұрын
Sriman chandrbhan ji ko balit chintak kahakr sambodhit karneke wajaye samaj chintak kinunehi kahtehaen maf kijiega in mahapuruson ko apkedwara sambodhit krane ka tarikese mujhe apatti hae
@TheRisingdalits8 жыл бұрын
India is controlled by So-called Upper Castes-Brahmins. They are against Dalits-Muslims & OBCs. They have owning 90% of Judiciary,Government,Media and Businesses. Muslims should understand,when they talk about India or Indians should exclude 85% of people which have nothing any common with so-called upper castes-brahmins. This is a Appeal to Muslims should come together with Dalits-backwards to crush Brahminical oppressions. Days are coming nearer when these upper castes-brahmins will be minority in India.
@sehrawats8 жыл бұрын
sad that u r not talking about upliftment of dalits..but crushing the brahmins...those who have power oppress weak ...you will not be any different from oppressive brahmins...
@sehrawats8 жыл бұрын
brother it is more about rich and poor....a rich dalit don't sit with poor dalit...even those dalits who sits at powerful or economically sound position opposes the concept of creamy layer in reservation...don't u think ..why does a son of dalit IAS officer need reservation? ...I have seen ex chairman of ugc debating ,who was dalit, defending right to reservation for his son is equal to reservation rights of poor dalit son...today most of the reservation of sc n st goes to the rich dalits who from generation to generation relishing the fruit of reservation n denying to share with fellow poor dalits members...
@sehrawats8 жыл бұрын
+sehrawats chander bhan parsad did not sound logical...more n more allegation... n RSS bashing without any proof..his comment about Hinduism "Hinduism without cast is hollow vessel" is unscholarly n prejudiced.
@mittu123vik8 жыл бұрын
+sehrawats I think you need to revisit history. Ambedkar had requested for a separate electoral for dalits(which meant dalit leader would be chosen by dalits only and no upper caste) your beloved Gandhi sat on hungerstrike because of this and result was Poona Pact. Dalits never asked for reservations it was provided for by your beloved people, we had requested for self governance. Reservations are given on the basis of social backwardness not Economic backwardness, have you ever seen a poor upper caste brahmin denied entry into temple and beaten. When Britishers introduced Indian civil services, Indians were not allowed in it, why were Indians butthurt at that time for appointment. Go and read about Ilbert bill, you will get lot of answers.
@mittu123vik8 жыл бұрын
+sehrawats go and read Economic Survey 2015-16. If you are so concerned that reservations don't reach poor, just read volume 1 of this survey. And reservations are out constitutional right and if you are really concerned then do something about inequality in Hindu society first.
@ashishranjan52645 жыл бұрын
Tum ekdam sexy look lag rahi hai....Bolne kaa wajah to ekdam sexy .....
@bholanathpaswan70955 жыл бұрын
Tumhare shang ne kitne apradhio ko tumne shajay jihne Dalito ke Upar jin logone Julm keya
@aryasachchidanand57517 жыл бұрын
गधे लोग क्या जाने मनुस्मृति क्या है। हीरे की परख जौहरी ही जानता है।
@Masterofmultiverse6 жыл бұрын
hahahaha, arre gandu! brahmin Bharat chhodo!
@sudamanetam41976 жыл бұрын
मनुस्मृति मतलब समाज विषमता ।
@SanjeevKumar-px9rj5 жыл бұрын
Arya Sachchidanand hame nahi chahiye aisa heera tumhe mubarak ho........
@bhawanisingh9774 жыл бұрын
Constitution to abhi 60 yrs me hua hai...... Issse phle manusamriti hi Puri duniya ko chlata tha
@trilochanbehera66716 жыл бұрын
Bolte raho jay bhim
@dhainchand16434 жыл бұрын
Sandeep ji se hi POOCHH Lo Ki JAAT/PAAT Kaise KHATAM ho sakti hai ?? RSSS ne Jaat/ Paat KHATAM Krne ke Liey Koi ANDOLAN chalaeya Hai ?????
@mkmansuri49378 жыл бұрын
ab sirf jai bheem jai Mulniwashi
@SANDIPKUMAR-gm5ob4 жыл бұрын
Sandeep kanhe Ko Kanha kahe diya
@bhawanisingh9774 жыл бұрын
India ko to ye muslim or dalit le bethe .....kya krre Bhai Inka sbb kuch de rkha h inko fir bhi ...
@VickySharma-te9xk6 жыл бұрын
Tum logo ko kuche pata he nhi ब्रह्मण kon tha or tumare purvaj se pucho ब्रह्मण kyu पूजने k lea he
@exoticindiaa3 жыл бұрын
Brahmin ki ladkiyo ka dalit se vivah karna hi unki sachi pooja hai