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किसी ने सही कहा है कि अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप लेकिन कहते है कि दो शब्द पिछले कुछ वर्षों से मौसम की चाल को कंट्रोल करते हैं....अल-नीनो आए तो सूखा ही सूखा और ला-नीना आए तो बाढ़। अब मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अल-नीनो का प्रभाव खत्म हो रहा है। लेकिन इस बार का अल-नीनो अब तक का सबसे गर्म अल-नीनो था जिसने विश्व भर में गर्मी के औसत तापक्रम को रिकॉर्ड ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया। आज समझेगें कि आखिर अलनीनो है क्या.. ये मौसम पर कैसे असर डालता है औऱ भारत में मॉनसून पर इसका असर कितना होता है और क्या अब अलनीनो का असर खत्म हो गया..क्या अब मॉनसून रफ्तार पकड़ेगा.
Guest: Prof. C.K. Varshney, Environmentalist and Former Dean, School of Environment Sciences, JNU,
Dr. Dushmanta Ranjan Pattanaik, Scientist E, IMD,
Arun Srivastava, Assistant Professor, School of Environmental Sciences, JNU,
Anchor: Kavindra Sachan