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Tabla: Pranav Gurav; Harmonium: Abhinav Ravande
BANDISHES:
राग नंद
विलंबित तीनताल
स्थायी
ए बारे सैंया तोहे सकल बन बन ढुंढू
अंतरा
बिधना तेहारी कोऊ ये ना जानू देहो दरस मोहे अपनो प्यारे
दृत तीनताल
स्थायी
मोहे करन दे रे बतियां
देर भई सैंया रे
मत कर मान गुमान
अंतरा
एक तो बैरन ननदिया
दूजे संग की सखियां
छेडत बिलामावत अकुलावत
राग मालकौंस
मध्यलय झपताल
आदिदाता अंत दयावंत
तू ही जगत करतार
तू ही निराकार
तू ही जीव कामरूप
मन बुद्धी आत्मा
ब्रह्मादिक मुनी तेरो
पायो न पार
दृत तीनताल
आये पी मोरे मंदरसो
सबरंग सो जागे भाग
बहुत दिनन में प्रभू दया किनी
मोरे सब दुःख दीनो त्याग
झूला - मिश्र तिलक कामोद पर आधारित
झूला धीरे से झुलावो
बनवारी रे सावरिया
झूलत झूलत मोरा जियरा डरत है
लचके कदंबवा की डारी रे सावरिया
ताल केहरवा