जनाब, नमस्ते। आज का प्रोग्राम अच्छा लगा, उसमे विभाजन जैसी बातेँ भी आयीं, ग़ालिब का भी जिक्र आया। मेरे को भी ग़ालिब के शेर की एक लाइन याद आ गयी - आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसा होना। पर दुनिया ऐसे ही चलती रहती है, but we should strive to be good human beings! 🙏
@aazadieizhaar53944 күн бұрын
आप की सब बातें से मु्तफिक हैं बहुत बडिया बातें हैं आप की ग़ुलाम मुहम्मद वामिक़ पाकिस्तान
@dharampalmalik82074 күн бұрын
Thank you very much Bhai ji .
@chmaliadlgali970712 күн бұрын
Haryanvi loog chichak ko "maata " boltey thay. sorry to say ,there are misunderstandings about Islamic values /knowledge.
@surendersheoran734815 күн бұрын
Janab ye sher galib ka nahi lagta isko correct karo
@aazadieizhaar53944 күн бұрын
आप की सब बातें से मु्तफिक हैं बहुत बडिया बातें हैं आप की ग़ुलाम मुहम्मद वामिक़ पाकिस्तान