(विश्व के सभी मानवों के लिए सम्पूर्ण धर्म ----यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा, ध्यान और समाधि,इन शब्दों के बाहर अन्य कोई धर्म नहीं है।) धर्म की परिभाषा----- यतो अभ्युदय नि:श्रेयस सिद्धि स: धर्म:।।यत:=जितने कार्य करके,अभ्युदय=किसी भी मानव के जन्म और जन्म के समय उसकी मोक्ष से दूरी को, नि:श्रेयस=तय ,सिद्धि= किया जा सकता है, स:=किसी मानव के उतने ही कार्य उसका ,धर्म:=धर्म कहलाते हैं। नोट---(उक्त रेखांकन तभी सही है जब रेखांकन कर्ता धर्म की परिभाषा को ठीक ठीक जानता हो।)
@purusottambhoi72182 жыл бұрын
Very nice acharya ji apko mera namaste🙏 ap odisha ate hain kya?