एकाग्रता ध्यान का स्वाभाविक परिणाम है, जैसे एक पुष्प में उसकी की खुशबू समाहित है ध्यान का अर्थ करना नही उसमें जीना है जो सिर्फ साक्षी भाव से संभव है! साक्षी भाव अनंत आनंदित है इसके पश्चात कुछ और लालसा ही नहीं रहती
@shivoham77723 күн бұрын
❤❤❤❤❤ Nice and clear explanation....but I am not able to do it....please help me, how can I attach to my inner self .
@SitaPanwar-uu9cg23 күн бұрын
Unable se able ka safar sirf "CONSISTENCY" ki Bus se kiya ja sakta hai jisme satat rahe to able is possible only focus on consistency @@shivoham777
@SitaPanwar-uu9cg23 күн бұрын
@@shivoham777आपने भी कभी सूई में धागा पिरोया है तब आपके सेंसर्स उसमे इंगेज्ड रहते नैनो सेकंड्स यही ध्यान है वह कार्य जिसमे हम मन, बुद्धि, चित्त तल्लीन हो वही ध्यान है!
@SitaPanwar-uu9cg23 күн бұрын
ध्यान के लिए स्थिर मन, स्थिर मन के लिए विचार सुन्यता, विचार सुन्यता के लिए साक्षी भाव, साक्षी भाव के लिए स्वास ध्यान यही सिद्ध होने का उपाय है