Рет қаралды 178
💐प्रिया-प्रियतम की जय-जयकार 💐
🌷भक्ति-विलास🌷
इस चैनल पर अति सुन्दर दिव्य-रसिक पदों का संग्रह किया गया है I जो बहुत ही भावमयता , परंपरागतता और सरलता से प्रस्तुत किये गये हैं I जो आज कल की कृत्रिमता से अतिदूर हैं I इस चैनल का उद्देश्य आपको युगल-केलि-विलास का आनंद दिलाने की कोशिश है , जो एक ब्रजवासी बहिन अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन अनुभव करती हैं I नित्य विभिन्न पूज्य संतो द्वारा रचित पदों का गायन करती हैं और अपने प्रिया-प्रियतम को रिझाती हैं I ये पद मात्र गायन नहीं हैं , प्रिया-प्रियतम से प्रत्यक्ष वार्तालाप हैं I इन पदों को सुनकर आप सांसारिक विलासिता को त्याग कर भक्ति-विलास में अवगाहन करें, यही हमारी प्रार्थना है |
लिरिक्स
मधु-रस-निर्झर
पृष्ठ-संख्या:289
राग : हमीर
दिन रात बधाई बाजै री।
ब्रजवासी बन ठन चलि आये।
मंगल द्रव्य लिये मन भाये ।।
दल अपनो अपनो साजै री ।
दिन रात बधाई बाजै री ।।
सज धज ब्रजनारी जुरि आईं।
वसनाभरण भेंट महँ लाई ।।
वृषभानु कुँवरि के काजै री।
दिन रात बधाई बाजै री ।।
सखिन्ह मध्य राजतीं नवेली ।
प्राण प्रिया, श्यामा अलबेली ।।
छबि लखि उपमा सब लाजै री ।
दिन रात बधाई बाजै री ।।
अछन अछन आ चौंका दीन्हीं ।
रसिक किशोर भुजनि भरि लीन्हीं ।
नभ महँ जनु चन्दा राजै री |
दिन रात बधाई बाजै री ।।
(भक्तिमती पूज्या ऊषा बहिनजी रचित)
🙇♀️तुम ही बोले भर सुर मुझ में
मुखरा-से मैं तो शून्य मौन 🙇♀️