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Diwani Lakh Data Di ,
कभी दीवार हिलती है, कभी डर कांप जाता है,,,अली का नाम सुनकर, अब भी ख़हबर कांप जाता है,,,शाह-ऐ-मर्दान अली, शेर-ऐ-यजदान अली,,,या अली हक अली,,,तेरी दिवानी,,,