शूद्र गरीब क्यों ? मनुस्मृति / संविधान । वर्ण तो चार हैं लेकिन धन के स्रोत तीन ही हैं।

  Рет қаралды 919,296

Pankaj Vidhi Pravah 26k Views . 2 hour ago

Pankaj Vidhi Pravah 26k Views . 2 hour ago

Күн бұрын

Пікірлер: 2 900
@vipindia8668
@vipindia8668 10 ай бұрын
अंग्रेज तो चले गए लेकिन उनके तलवे चाटने वाले यही रह गए यही कारण है छुआछूत और गरीबी का😢
@Laxmanlal7742Damor
@Laxmanlal7742Damor 2 ай бұрын
Write brother 😂
@theinnocentdevil6695
@theinnocentdevil6695 28 күн бұрын
Study history😂😂😂.......Brahman exploits local people
@anilanil-kz1rx
@anilanil-kz1rx 5 күн бұрын
अंग्रेज भारत नहीं आते तो आज भी सारे लोग किसी शासक के यहां अपनी 😂😂😂😂😂😂 क्या क्या करते समझ जाएं।
@G.K_WITH_ME_
@G.K_WITH_ME_ 10 ай бұрын
आगे बढ़ना है तो पढ़ना है और एक दूसरे को सपोर्ट करना है। जय भीम जय संविधान 🙏🙏🙏🙏
@SurinderKumar-qn1wg
@SurinderKumar-qn1wg 6 ай бұрын
Right
@vishalgautam6333
@vishalgautam6333 5 ай бұрын
​@@SurinderKumar-qn1wg11qqqqqq
@SivpujanVerma
@SivpujanVerma 4 ай бұрын
❤😂😂🎉🎉🎉😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😮😮😮😅😅
@RaviKumar-ud7gm
@RaviKumar-ud7gm 2 ай бұрын
Salut h sir apko
@SrinivasTadingi
@SrinivasTadingi Ай бұрын
Super program sir jay sambidhan
@shivkartik_9
@shivkartik_9 9 ай бұрын
बाबा साहब ने मनुस्मृति जला कर बहुत बढ़ा पुन्न कर्म किया था जय भीम जय संविधान 💙
@sudhirsingh1563
@sudhirsingh1563 5 ай бұрын
बहुत गलत किया कोई अध्ययन नही था
@MithileshMishra-pw6iz
@MithileshMishra-pw6iz 4 ай бұрын
😂
@sonughoyal
@sonughoyal 4 ай бұрын
मनुस्मृति अगर सही होती तो अंबेडकर नहीं जलाते, क्योंकि उनके पास 32 डिग्री थी। उन्होंने पूरा अध्यन कर के ही उसे जलाया। उसके बाद में ही मनुवादियों के कच्छे के पीछे से धुएं निकलने सुरू हुए। 🤣🤣🤣🤣🤣🤣
@RaviranjanKumar-fw4le
@RaviranjanKumar-fw4le 4 ай бұрын
Manusmriti aek jahar se ghatiya hai manushya kiye manVata ke liye khatra hai ​@@sudhirsingh1563
@gammers6990
@gammers6990 4 ай бұрын
​@GLogicalFantasticTeamun 200 ko puja karo😂😂😂
@mahaveermeena7370
@mahaveermeena7370 6 ай бұрын
अधिकार वंचित समाज की आवाज उठाना,संविधान की बात करना त्रिपाठी जी आपको बहुत बहुत साधुवाद
@SurinderKumar-qn1wg
@SurinderKumar-qn1wg 6 ай бұрын
मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 🥲🥲🥲
@jayprakash.meghwanshi
@jayprakash.meghwanshi 3 ай бұрын
Ha
@samarbahadur4316
@samarbahadur4316 Жыл бұрын
,, शुद्रो को सदियों से सताया गया है इसलिए यह गरीब है
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/mYPdXmiEo5h4j9U भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??
@JitendraYadav-hu8li
@JitendraYadav-hu8li Жыл бұрын
Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi
@JitendraYadav-hu8li
@JitendraYadav-hu8li Жыл бұрын
Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi
@VinodKohli-qh4vg
@VinodKohli-qh4vg 8 ай бұрын
​@@pvplawindiaobc chhod diye dar lagta hai sc obc ko ek karne me beta jis din sc obc jag gaya na to samhj lena
@हनुमानशरण-ग7श
@हनुमानशरण-ग7श 8 ай бұрын
गरीब वो है जो कामचोर है
@blchouhan9720
@blchouhan9720 Жыл бұрын
ब्रम्हा ने इन चारों वर्णों को केवल भारत में ही पेदा किया। विदेशों में नहीं।
@bhupindersinghkanwar5681
@bhupindersinghkanwar5681 Жыл бұрын
Everywhere Verna exist but they stated slavery system of killing theirs shudra and capturing trurs land
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
यही तो सबको समझना होगा।
@satyendramishra7877
@satyendramishra7877 Жыл бұрын
ब्रम्हा ने चार वर्ण नहीं पैदा किये बल्कि मनु द्वारा विभाजित चार कार्य को ब्रम्हा के चार अंगों से तुलना किया गया है l ब्राम्हण कार्य को मष्तिष्क से, क्षत्रिय कार्य को बाहु से, वैश्य कार्य को उदर से, सेवा कार्य को पैर से l
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
@@satyendramishra7877 ऋग्वेद के दशम मंडल के पुरूष सुक्त में पढ लीजिए।और अगर मनु ने लिखा तो मनु भी तो ब्रह्मा के पुत्र हैं।मत्स्य पुरान पढ लीजिए जिसमें ब्रह्मा ने सरस्वती को पैदा किया और अपनी कन्या सरस्वती से ही मनु को पैदा किया । जिन की रचना मनुस्मृति है । अगर ब्रह्मणों पर आरोप लगता है तो क्या संगठित रूप में ब्र्हमणों ने मनुस्मृति का आज तक विरोध किया ? वैन किया? आज तो हिन्दू राष्ट्र बनाकर यही संविधान लागू होगा । जब संविधान बना था तिलक ने कहा था इस में मनुस्मृति का कुछ भी अंश नहीं है यह 10 साल में खत्म हो जाएगा और RSS 50साल तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया ।
@sureshkushwaha8852
@sureshkushwaha8852 9 ай бұрын
त्रिपाठी जी आप की बात जल्दही समझ में आ जाती है आप को बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕 ❤
@ShayarSameer-jq8cj
@ShayarSameer-jq8cj 16 күн бұрын
बहुत ईमानदारी से आपने अपनी बात रखी हैं बहुत बहुत धन्यवाद 😊
@gorelalsuryvanshi1808
@gorelalsuryvanshi1808 4 ай бұрын
जिसमें ईश्वर के नाम पर धन का लेनदेन किया जाता हो वह धर्म नही, धंधा है। ईश्वर तो सर्व व्यापक है, उसे वह भी देखता जो अंधा है।।
@SSSV7741
@SSSV7741 3 ай бұрын
Tune dekha hai kya ishwar ko ghochu.
@sbpyadav6507
@sbpyadav6507 Жыл бұрын
संविधान सर्वोपरि, देश संविधान से चलेगा , जहां सब का सम्मान हो, सब के लिए समान कानून हो,कोई हेरा फेरी नही हो, मनुस्मृति को खारिज करो अब जरूरत नहीं ।
@santramkushwaha3398
@santramkushwaha3398 6 күн бұрын
तुम लोग कौन से संविधान की बात करते हो जिसके अंदर एक कानून वक्फ बोर्ड विराजमान है
@CHANDNIKUMARI-vz3mj
@CHANDNIKUMARI-vz3mj Жыл бұрын
दलित समाज से आती और इतनी मेहनत करने के बाद में भी आज भी स्थिति अच्छी नहीं है आज इसका में कारण जान के बहुत खुशी हुई लेकिन मैं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को एक अच्छी दिशा देने के लिए दिन रात मन लगाकर कठिन से कठिन परिश्रम कर रही हूं सर आपको ऐसी वीडियो बनाने के लिए बहुत बहुत
@yashwantraogedam287
@yashwantraogedam287 Жыл бұрын
Chutium phosphate 10:52 10:52 manusmuti ki kitab kabki hai.kalparsoki ya 100,hajar do hajar sal pahle ki hai. Sadiyose OBC ke log jo Bheja shir khud ka hai lekin bramnoke akkal se chalte aaye hai .
@RockyBhai-fw1dt
@RockyBhai-fw1dt Жыл бұрын
​@@yashwantraogedam287सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे सरकार तो बाभन बनिया सब औकात में आ जाएंगे
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
संविधान ने दलितों के लिए स्कूल और मंदिर दोनों के द्वार खोले। उनका किससे कितना विकास हुआ ??? kzbin.info/www/bejne/h3SmeYx6jNt3q7Msi=8-brMcoCOSPX1tan
@ar02816
@ar02816 Жыл бұрын
@@RockyBhai-fw1dt विद्रोह हो जायेगा
@rajendraPratap-ks6qg
@rajendraPratap-ks6qg Жыл бұрын
मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 👈👈👈👈👈👈
@HaridevSharma-rc1jv
@HaridevSharma-rc1jv 6 ай бұрын
मनु स्मृति में जन्म से सभी शूद्र होते हैं संस्कार होने से द्विज अर्थात दूसरा जन्म विद्या माता गुरु पिता वेद पढ़े तब विप्र और ब्रह्म जाने तब ब्राह्मण बनता है।। शरीर की शोभा चारों अंगो से होती है इसी प्रकार चारों वर्णौ से ही एक मानव, समाज की शोभा है।। धन्यवाद। आर्य पुत्र।।
@VihanshKumar
@VihanshKumar 6 ай бұрын
Agar ha varn vyavastha chod da Kay ho jayga Bharat ko chodkar duniya jitna dash ha kahi bhi varnvad nahi ha khub tarkki kar raha Japan American chin( jai manvta)
@studywithlakhendra
@studywithlakhendra 6 ай бұрын
आज की वास्तविकता से बहुत दूर है
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।
@vijaykhillare9349
@vijaykhillare9349 5 ай бұрын
Shudra ka bramhane mu me liya tha esliy shudra bana​@@HaridevSharma-rc1jv
@Sahabsingh-j8e
@Sahabsingh-j8e 9 ай бұрын
मनुस्मृति मानव जीवन के लिए काला कानून जो देश में ❤असमानता। जातिवाद और पाखण्ड और विषमता और नफरत फैलाता है। जय संविधान ❤❤
@rajeshranjan957
@rajeshranjan957 2 ай бұрын
मनुस्मृति पर थूकने और जलाने के बदले आप prachar कर रहे हैं। आप समाज के दुश्मन हैं। थू थू
@RajeshKumar-jr4co
@RajeshKumar-jr4co 4 ай бұрын
ये सही है लेकिन इस बात का पूरा श्रेय आपके पूर्वजों को जाता है।साहब आप भी आज इस मंच पर 2 पैसे के लिए आए हो।
@dineshwarmanjhi5055
@dineshwarmanjhi5055 Жыл бұрын
शुद्रों का कर्म और धर्म था बाकी तीनों वर्ण की सेवा करना। चूंकि उनके पास न जमीन थी न व्यवसाय था न कोई हस्तशिल्प का काम था। इसलिए टैक्स लगाने की गुंजाइश कम थी। अतः स्तन पर टैक्स लगाया गया। हाय रे! इंसान, हाय रे! इंसानी सभ्यता।
@satyendramishra7877
@satyendramishra7877 Жыл бұрын
जिस मनुस्मृति मे महिलाओं के लिये यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता कहा गया है उसमे स्तन कर की बात नहीं हो सकती है l केरल का क्रूर राजा था जिसने ऐसा कर लगाया l
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@KantijiMotivation2005
@KantijiMotivation2005 Жыл бұрын
​@@satyendramishra7877right❤
@maheshsinghmunnusingh5494
@maheshsinghmunnusingh5494 Жыл бұрын
सारा उत्पादन शूद्र के पास था तो गरीब केसे हो गया
@suganchand5157
@suganchand5157 Жыл бұрын
​@@pvplawindia0:54
@user-yaksh
@user-yaksh Жыл бұрын
मनु स्मृति बनाने वाले ब्रह्मा को आज भी कोई नहीं पूजता है l सब जानते हैं l उसने तो अपनी बेटी को ही अपनी पत्नी बना लिया था l भगवान शिव और विष्णु की ही पूजा की जाती है l वो जमाना गया l आज देश संविधान से चलता है l मेरा तो सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ हमारा संविधान है जो हमेशा अमर है l जय संविधान l जय भारत l जय भीम l
@SKSingh-ln4qs
@SKSingh-ln4qs 4 ай бұрын
💙💙जय भीम जय संविधान
@rajni-z9t
@rajni-z9t 4 ай бұрын
💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
@kewalsingh8487
@kewalsingh8487 3 ай бұрын
Isliye bol raha. Faida hai usne apja
@Ravisharmavaishnav
@Ravisharmavaishnav 3 ай бұрын
Tum 4 number 😂😅
@Ravisharmavaishnav
@Ravisharmavaishnav 3 ай бұрын
​@@SKSingh-ln4qs4number h😂😅
@RAHULSINGH-j7t5m
@RAHULSINGH-j7t5m Жыл бұрын
ना मनोस्मृति से ना गीता से ना कुरान से भारत चलेगा तो सिर्फ़ संविधान से 🤟🤟💯
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
गीता कोई नियम कानून की किताब नही वो सिर्फ यूनिवर्स की जानकारी h उसको मनुस्मृति और कुरान बाइबिल रामायण से तुलना न करे
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰
@jaibharat4999
@jaibharat4999 Жыл бұрын
Desh sambidhan se nahi chalta jish ke pas paisa hai wo bikau shambidhan ko chalate hai
@nitinchoubey6272
@nitinchoubey6272 Жыл бұрын
O Bhai Geeta ji ki tulna kishi bhi cheej se karne ke pehle use samjho dear geeta ji koi rajnitik nhi hai.
@rambabusingh3110
@rambabusingh3110 Жыл бұрын
तो संविधान में ही लिखा है कि मुस्लिम अपना जीवन यापन सरिया के अनुसार करेगा. और हिन्दू,हिंदू धर्म के आधार पर.
@jagannathrao5607
@jagannathrao5607 6 ай бұрын
शुद्रो के गरीबी का प्रमुख कारण मनुस्मृति है ।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
@madhavsingh1437
@madhavsingh1437 4 ай бұрын
Manusmriti padi hai tumhen
@indrajeetsingh1384
@indrajeetsingh1384 3 ай бұрын
1000% sahi hea ji
@RanjeetKumar-nq6nn
@RanjeetKumar-nq6nn 5 ай бұрын
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी अमर रहे।संविधान जिंदाबाद
@jagatpal4547
@jagatpal4547 Жыл бұрын
ब्रहम्हा जी ने भारत मे चार र्वण बनाए लेकिन चीन अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया और भी बहुत से देस मे एक ही र्वण बना के हमारे साथ ना इनसफी की है ब्रहम्मा जी ने
@meenakshiverma4865
@meenakshiverma4865 Жыл бұрын
कोई ब्रह्मा जी नहीं थे
@Gyan693-w7m
@Gyan693-w7m Жыл бұрын
ब्रह्मा एक काल्पनिक किरदार है जिसका प्रयोग बाह्मणो ने फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाया | ताकि भारत के लोगों को जाति में बाँट कर राज कर सके।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@prakashdawar3173
@prakashdawar3173 Жыл бұрын
आपने तो धर्म हु परिवर्तन कर लिया है...
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰
@sajjankumar3650
@sajjankumar3650 Жыл бұрын
Constitution of India is better book of India ❤ Dr. baba saheb Ambedakar is great person of India ❤
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@SamyakAtheist-f4t
@SamyakAtheist-f4t Жыл бұрын
​@@pvplawindiatunniyo type video banaya aapne ekdam Bakloli wala
@nareshnayak9995
@nareshnayak9995 Жыл бұрын
ekad bar padha v h 😂
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰
@dayanandtandi8939
@dayanandtandi8939 Жыл бұрын
लेकिन नौकरी करने के लिए क्यों छटपटाहट है ब्राह्मण
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@umeshprasad5561
@umeshprasad5561 4 ай бұрын
.मनुस्मृति मानव जीवन के लिए और भारत देश के लिए कलंक है l
@vijaykantgaikwad1509
@vijaykantgaikwad1509 2 күн бұрын
👍👍👍👍👍👍👍
@sundeutsch
@sundeutsch 5 ай бұрын
बहुत खूब। वर्ण तो चार हैं मगर धन के स्रोत केवल तीन हैं। सही कहा।
@snehanshkumar8481
@snehanshkumar8481 11 ай бұрын
इसलिए अंबेडकर ने किताब जलाई ❤
@arunkumardas9645
@arunkumardas9645 10 ай бұрын
जय भीम जय संविधान
@vikrantchelakchakwe5974
@vikrantchelakchakwe5974 6 ай бұрын
Ambedkar ne sudro ko bodh dharm apnane ko kaha lekin ye samaj se dur ho gya o b c samaj
@samikshatuitioncenter
@samikshatuitioncenter Жыл бұрын
ब्राह्मण में कभी भी न्यायिक प्रकृति नहीं होती है
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@sharanlalparmal5260
@sharanlalparmal5260 9 ай бұрын
Right
@amirmakwana1076
@amirmakwana1076 6 ай бұрын
100% Right 🔔
@AnandKumar-kb4ca
@AnandKumar-kb4ca 5 ай бұрын
फिर भी जज ये ही लोग बने हुए हैं।
@shashiram7491
@shashiram7491 Жыл бұрын
बिलकुल सही बात कही है सर आपने । इसमें कहीं से कोई गलत टिप्पणी नहीं है। इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
@ramuji6041
@ramuji6041 10 ай бұрын
आपने मनुस्मृति के षड्यंत्र को सरल भाषा में समझाने का पूर्ण प्रयास किया है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼 संविधान सबको समानता में लाने का निरंतर प्रयास करता रहता है । 🙏🏼बाबा साहब के चरणों में सत् सत् नमन 🙏🏼
@Rajakiduniyadari
@Rajakiduniyadari 6 ай бұрын
मनुस्मृति एक सर्वोत्तम ग्रंथ है इसीलिए अंबेडकर ने अंग्रेजों के साथ मिलकर मनुस्मृति को जलाया क्योंकि मनुस्मृति में लिखा है जन्म से सभी शूद्र हैं कर्म के हिसाब से लोग ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र बनते हैं लेकिन अंबेडकर का लिखा कानून भारत के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह कानून पूरी तरह से अंग्रेजी है इस कानून में हमे आपस में लड़वाने की पूरी व्यवस्था है यह कानून भारत के लिए बहुत ही विनाशकारी है कृपया मोदी जी से अनुरोध है की मनुस्मृति को लागू करें जय श्री राम जय मनुस्मृति
@shaileshmishra6070
@shaileshmishra6070 5 ай бұрын
Desh ki azadi ke bad sabse jyada pradhanmantri Brahman jivani iske pahle vah Raja nahin hote azadi ke bad Brahman ek pradhanmantri bane sanvidhan se sabse jyada labh Brahman ko hi Mila Jay Ho Ambedkar ki
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
@sheoprakash5935
@sheoprakash5935 Ай бұрын
छत्रपति शाहू जी महाराज ने समाज का उद्धार किया। डॉक्टर आंबेडकर जी को पढ़ाया जो आगे चलकर नया भारत बनाया।
@somputra1004
@somputra1004 Жыл бұрын
जिनके पास शिक्षा का अधिकार था उन्होने स्वलाभ लेने के लिए सबको मूर्ख बनाया... ये ईश्वर का न्याय नही हो सकता..... 🙏
@GhanshyamKoshal
@GhanshyamKoshal 11 ай бұрын
g.m❤
@DoraraDorara-mm5mw
@DoraraDorara-mm5mw 11 ай бұрын
Bilkul sahi baat hai🎉
@sudhirsingh1563
@sudhirsingh1563 5 ай бұрын
शिक्षा का अधिकार छिने क्यो नही क्योकि लम्पट रहना था क्यो कि पढ़ाई जो कठिन होती है किसी के पास कोई अधिकार ईश्वर ने अपने तरफ से नही दिया था जो कि तुम मान गये वे लोग अपने परिश्रम एवं साहस से प्राप्त किया था बाबा साहब ज्योतिबा फूले रैदास ने परिश्रम किया था पहले जिनके पास शक्तिया थी उनकी आलोचना के बजाय उनसे सीखो भारतीयो को यूरोप से सिखनी चाहिए न की घृणा करनी चाहिए घृणा करके उनका कुछ नही उखाङ पाओगे बल्कि अपनी ही विवेक को नष्ट कर देगो
@chandermohan1134
@chandermohan1134 5 ай бұрын
Dollar paid bourgeoise scholar is unnecessarily indulging in subjective talk and exaggerating the things beyond limits. SfiRam.
@sukhdeoram1914
@sukhdeoram1914 Жыл бұрын
त्रिपाठी साहब आप ने तो चारो वर्णों का कार्य व्यवहार बहुत ही ढंग से समझाया इससे प्रतीत होता है कि शूद्रों को मनुस्मृति के अनुसार सामाजिक व्यवस्था में ब्रह्मा जी कितना अत्याचारी थे जो शूद्रों को जीने‌का अधिकार ही छीन लिया है और के वल कर्तव्य को निस्वार्थ भाव से करना कहा गया है बाकी वर्णों को स्वार्थी शुरू से ही बना दिया है जो स्वार्थ से बसीभूत शूद्रों पर अत्याचार जुल्म और शोषण करता रहा अतः यही कारण है कि वे भगवान के पूजते हैं और अब शूद्रों पूजने से बहिष्कार कर दिया है जो विल्कुल ठीक किया है।
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰
@pankajkumarpritam1596
@pankajkumarpritam1596 Жыл бұрын
बिल्कुल सही कहा आपने सर।
@arunkumardas9645
@arunkumardas9645 10 ай бұрын
जय भीम जय संविधान
@Abcdefghijk_12367
@Abcdefghijk_12367 6 ай бұрын
Shudra ka garibi ka karan yeah bhi ki shudron dwara apne apko Brahmin Kshatriya vaishya varn ke jo wastvik log hai unme me se apne aap ko ek manna tau swabhavik hai yha ke shudra ka gulami se nikalna Impossible hai
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
@krrishchumber2509
@krrishchumber2509 Жыл бұрын
इस समस्या की जड़ जातिवाद है, जो ब्राह्मण धर्म से आती है. आजकल बहुत nautnki चल रही है, के जाति जन्‍म से नहीं करम से होती है
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
सच्चाई ये है कि समाज में जाति जन्म से ही मानी जाती है। मैंने आजतक किसी किताब में जाति-व्यवस्था को कर्म पर आधारित नहीं पाया। मुझसे जो लोग कहते हैं कि ये पहले कर्म पर आधारित थी उनसे मैं पूछता हूँ कि ऐसा कब था ?? और किस ग्रंथ में लिखा है?? लेकिन वे कभी इन प्रश्नों का जवाब नहीं देते।
@prakharshankar3064
@prakharshankar3064 Жыл бұрын
@@pvplawindia Geeta Padho Durga Das Rathod kshtriya the Aaj Rathod teli he isliye samaj main Nikalakar research karo
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@KantijiMotivation2005
@KantijiMotivation2005 Жыл бұрын
​@@pvplawindiaकिसी भी ग्रंथ में ऐसा लिखा नही है कि जाति या वर्ण जन्म से होगा ,, आपकी हिम्मत हो तो सबूत दिखा दीजिए ,, हम आपको सैकड़ों सबूत पेश कर देंगे जहां वर्ण को कर्म के अनुसार माना गया है,, आज के अज्ञानी मूर्ख लोग जिन्हें संस्कृत का स भी नहीं पता , वे ग्रंथों पर सवाल उठाते है ये हास्यप्रद है 😂
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
दलित/OBC के मित्र और शत्रु !! कांग्रेस या बीजेपी kzbin.info/www/bejne/qZybeYSFqpijsNE
@hemantji-sb8uc
@hemantji-sb8uc 3 ай бұрын
Exellant sir ❤❤
@aap2.1k92
@aap2.1k92 Ай бұрын
Aur jankari chahiye to sri acharya prashant ji real hero and philosopher of modern india ek sahi rah dikha rhe hai usko mai dil se pranam
@RockyBhai-fw1dt
@RockyBhai-fw1dt Жыл бұрын
सरकार सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे तो सभी बुराइयां स्वतः समाप्त
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
सनातन दक्ष धर्म - जनसंख्या संतुलन आज की जरूरत l औसतन प्रति दम्पति दो बच्चे समय की मांग l A - कुछ दम्पति के कोई सन्तान नहीं होती है = 0 B - कुछ दम्पति तो एक ही संतान पैदा करते हैं = 1 C - ज्यादा तर दम्पति दो संतान पैदा करते हैं = 2 D - कुछ ही दम्पति तीन संतान पैदा करते हैं = 3 E - बहुत कम दम्पति चार संतान पैदा करते हैं = 4 सबका औसत निकालते हैं तो प्रति दम्पत्ति दो बच्चे ही आता है l औसत = 0 +1 +2 +3 +4 =10/5 = 2 दो लेकिन अब धर्म पंथ दीन सम्प्रदाय को बढ़ाने के नाम पर जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं है l किसी मध्य कालीन साम्प्रदायिक गुरु की किताब पढ़कर माइंड सेटिंग्स करवाते हुए अपने ऊपर वाले इश्वर अल्लाह गॉड के नाम पर अब लॉकतन्त्र विज्ञान युग में जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं कही जा सकती है l अब हर दम्पत्ति को जनसंख्या संतुलन का ध्यान अवश्य रखना चाहिए l वेद ऋषि ज्ञान अनुसार एक स्त्री से दस बच्चे तक पैदा करना कहा गया था लेकिन वो उस समय काल की मांग थी युद्घ होते थे बीमारी ज्यादा होती थी l लेकिन आजकल दो बच्चो के साथ ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है l पांच ज़न l जय सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म l ॐ l
@bdbaria
@bdbaria Жыл бұрын
आप कोई भी लीपा पोथी कीजिए शूद्रो की बेहाली का मुख्य कारण ब्राह्मण ही है।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@kshemendratripathi98
@kshemendratripathi98 Жыл бұрын
Brahman jimmedar hai to Angrez aur Mughal aap ke ristedar the
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
@@kshemendratripathi98 मुगल काल में ब्रह्मण बैठ के अल्ला उपनिषद लिख रहे थे ,अकबर को शंकराचार्य का पुरवज बताकर बूरह्मण भाई कहा ।भविष्य पुराण पढ लीजिए। सभी अबर के दरवारी थे। जब पता था मुगल ने राम का मंदिर तोडा तो अकबर के दरवार में मलाई खा रहे थे । कोई ब्रह्मण विरोध क्यों नहीं किया? और ना ही लिखा ,चाहे तुलसी ही कायों न हो । ब्रह्मण ही चार वर्ण बनाकर केवल 2.5 % लोगों को लडने व रक्षा करने का अधिकार दिया। ब्रह्मण,वैश्य, और शूद्र को इस से दूर रखा गया फलतः हम मुगल और अंग्रेज के गुलाम हो गये । कोई 33 कोटि काल्पनिक देवी देवता बचाने नहीं आये । आज उन देवी देवताओं की भारत में कोई जखरूरत नहीं है । जब पूरी दुनिया में कोरोना फैला था तो ईश्वर,अल्लाह,God कहाँ भाग गये थे ? सब जगह ताला लगा था, 2 साल तक पूजा ,इवादत बंद रहा । यदि विज्ञान ,चिकित्सा विज्ञान समाधान नहीं ढूंढता तो मानव पृथ्वी से समाप्त हो जाते । आवश्यकता है आज धर्म से ऊपर उठने की। जय विज्ञान जय संविधान ।
@anilsahu8899
@anilsahu8899 Жыл бұрын
100% true , mere kuch rajput friend hai wo bhi yahi bolte hai in logo ne Raja logo ulte sidhe Kam karwe or Raja logo ko khub loota , Aaj India jitni bhi kuritiya hai inki hi den hai , temple inki dukan hai or aam janta ko Katha suna kar 1000 cror dan me lete hai ac , gadiya , luxury house , sandar sadiya sab bhakto ke paiso se chal Raha hai , pujari bhi only Brahman hi hota hai or koi nahi why ??. Ye smartly sabko chutiya banate hai dharm ki aad me , bagut Kuch Hai bolne ko mere pas , Sabse Jayda castism inme Hai but show Nahi dete .
@SubhashChandra-wo7rz
@SubhashChandra-wo7rz Жыл бұрын
सेवा के बदले धन मिलता था , आज भी मिलता है बासी-जूठन , फटे चिथड़े , अपमान - तिरस्कार गालियां
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@PremprakashShukla-r5l
@PremprakashShukla-r5l Жыл бұрын
To dena kaun chahta hai sab sale madharchod the na isiliye to sambandh ke dwara isa khoota gand me dal Diya Jo aaj bhi bawaseer ki tarh dard ho Raha hai Jai bheem jai samvidhan namo budhay thanks you saheb ji amar rahe
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@parradgerminatesthedemocra2979
@parradgerminatesthedemocra2979 6 ай бұрын
हिंदू धर्म (सही नाम-ब्राह्मणवाद ) में प्रोपेगंडा तो बहुत ही सुन्दर आकर्षक और लावण्यपूर्ण होता है लेकिन जमीनी हकीकत सिर्फ उल्टी ही नहीं होती, बहुत वीभत्स भी होती है। मिसाल के लिए नारी के सम्मान में कसीदे तो बहुत पढ़ें जाते हैं, उसे देवी भी कहा जाता है,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत में नारी हत्या, दहेज-हत्या, बालात्कार सामुहिक बालात्कार दहेज प्रताड़ना, कन्या -भ्रूण हत्या, कन्याओं की खरीद -फरोख्त,देह व्यापार में ढकेला जने के आंकड़े बहुत बहुत अधिक है।
@mkdewda
@mkdewda Ай бұрын
एक दिन ऐसा आएगा ये सब वर्ण उल्टे होंगे आगे का पीछे मतलब आप समझ ही गए होंगे,,, जय भील प्रदेश
@AmitRaj-d3h
@AmitRaj-d3h Жыл бұрын
ब्रम्हा जी सती प्रथा भी लिखे और दलित महिलाओ को निर्वस्त्र रहना
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
ऐसी अतार्किक बातों के चलते ही भारत ग़ुलाम रहा और आज भी विकसित नहीं हो पा रहा है। जबतक सभी जाति और धर्म के लोग शिक्षित और तार्किक नहीं होंगे तब तक भारत से ये बुराइयाँ दूर नहीं होंगी।
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@RAJKUMAR-ut9yv
@RAJKUMAR-ut9yv 11 ай бұрын
​@@pvplawindia तुम सबसे घटिया आदमी है ओबीसी को भड़का रहा है एससी एसटी को शूद्र बताना चाहता है।। ओबीसी ही शूद्र है एससी एसटी अति शूद्र है।।।।
@anishgkworld
@anishgkworld Жыл бұрын
मनुस्मृति इतना अच्छा होता तो गुलाम ही क्यों होते केवल क्षत्रिए युद्ध कर रहे थे बाकी सब देख रहे थे
@kamina646
@kamina646 Жыл бұрын
Aaj bhi to keval sena hi ladti hai aam aadmi nahi
@anishgkworld
@anishgkworld Жыл бұрын
Bro Sena me sabi jaati ke log hain sirf chattriye nahi
@kamina646
@kamina646 Жыл бұрын
@@anishgkworld gandu vahi to kshtriya hai
@satyendramishra7877
@satyendramishra7877 Жыл бұрын
क्षत्रीय वर्ण भी सभी जात के मजबूत शक्तिशाली लोगो से ही बना था l
@anishgkworld
@anishgkworld Жыл бұрын
@@satyendramishra7877 तो आज जो चमार है और वो सेना में है उसे क्षत्रिय जैसा व्यवहार क्यो नहीं होता उसकी जाती क्यो नही बदलती ???? और भी बहुत सारे प्रश्न हैं केवल बोलने से नहीं होता अपनी सोच बदलो और खुद को ब्राम्हण नही इन्सान बनाओ जय हिन्द
@KaushilyaDevi-fx7zk
@KaushilyaDevi-fx7zk Жыл бұрын
मनुस्मृति किसी भी स्तर से उचित नहीं है इसने हमेशा ही जाति विशेष के वर्चस्व को बनाए रखा है, जबकि संविधान सबको बराबरी देने की बात करता है। जब संविधान द्वारा इसको अमान्य कर दिया गया है फिर भी मनुस्मृति का महिमा मंडल क्यों?
@हरेकृष्णा-व7द
@हरेकृष्णा-व7द 10 ай бұрын
भाई जी एक बार पढ़ लो
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@gkentertainment5141
@gkentertainment5141 11 ай бұрын
Sir bahut acche se aapne explain kiya aapne
@RamSingh-yn8oc
@RamSingh-yn8oc 10 ай бұрын
ब्रहम्हा जी ने भारत में चारों वण नाही बनाया है भारत के इन्सान ने बनाया है 😊😊😊😊❤❤❤❤ 21:46
@TARACHAND-yv7cp
@TARACHAND-yv7cp 3 ай бұрын
Bhai yeh Brahma Vishnu Mahesh brahman the yeh koi bhagwan nahi the yeh 100 percent reservation Wale the isliye haramio ko 15 percent mein bhi dard hota hain. Yeh Dharti ke sabse gire hua log hai .
@shailendrasinghyadav91
@shailendrasinghyadav91 Жыл бұрын
Congratulations 🙏 👍 हम तो पहले से जातिवाद छुआ छूत के खिलाफ था
@anand_mishra155-e4d
@anand_mishra155-e4d Жыл бұрын
bihar me sabse jayada yadav log sc/st act me jail me hai
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ? kzbin.info/www/bejne/mYPdXmiEo5h4j9Usi=LOjED92eEVeWZqs7
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ? kzbin.info/www/bejne/mYPdXmiEo5h4j9Usi=LOjED92eEVeWZqs7
@KAMALAYODHYAVLOG
@KAMALAYODHYAVLOG Жыл бұрын
ब्रह्मा जी का जन्म कैसे हुआ और ब्रह्मा जी के माता पिता कौन थे, कृपया साक्ष्य के साथ उत्तर दें सर
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
@HariOm-vy3yy
@HariOm-vy3yy Жыл бұрын
ब्राह्मण का चरित्र न्यायिक नहीं होता
@prakharshankar3064
@prakharshankar3064 Жыл бұрын
😂 chutiya kuchh bhi mat bola kar
@prakharshankar3064
@prakharshankar3064 Жыл бұрын
Subhash Chandra Bose, Laxmi Bai Ram Prasad Bismil ,
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@rajendrapandey3598
@rajendrapandey3598 Жыл бұрын
ये अंग्रेजों की भाषा है।
@vaibhavjatav9340
@vaibhavjatav9340 Жыл бұрын
Bhai aise comment mat kiya karo
@PranavRaghavendranRao-y7b
@PranavRaghavendranRao-y7b 3 ай бұрын
त्रिपाठी जी आज मंदिरों में सबसे ज्यादा दान शूद्रों चढ़ावा इन्हीं के द्वारा दिया जाता है ।
@vishal73882
@vishal73882 10 ай бұрын
संविधान को और संविधान लिखने वाले महान व्यक्ति को बहुत बहुत धन्यवाद... जय bham
@lovearmy7016
@lovearmy7016 Жыл бұрын
मानसिक गुलामी भी गरीबी का एक कारण है
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@harinamsinghverma8387
@harinamsinghverma8387 Жыл бұрын
ब्राह्मण, छत्री वैश्य, का बच्चा प्राथमिक विद्यालय में जब प्रवेश के लिए जाता है उसकी जाति न लिख कर वर्ण क्यों लिखा जाता है ।जब पिछङे व दलित विद्यालय में प्रवेश के लिए जाता है, तो उसका वर्ण न लिख कर, जाति लिखी जाती है ,क्यों ?उत्तर स्पष्ट है शूद्रों को जातियो में बाँट कर ऊन्च नीच करके छूत व अछूत बना कर आपस में लङाओ और इन पर राज करो ।मनुस्मृति में वैश्य कर्म मे कृषि कर्म, पशुपालन ,बाद जोड़ा गया है, बहुजनो सावधान रहना तुम्हे बाँटने की साजिश की जा रही ।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@VinodKumar-jn5pr
@VinodKumar-jn5pr Жыл бұрын
Good verma ji yahi chal hai nalayako ki jay ho SC OBC st muslim ki jay
@BRAJESHKUMAR-tv2ur
@BRAJESHKUMAR-tv2ur 5 ай бұрын
Manusmriti likhi kisne
@arjunjogwanshi5656
@arjunjogwanshi5656 Жыл бұрын
मनुस्मृति को बनाने वाला और इसको लागू करवा कर शूद्रों का शोषण करने वाला,ये सभी मानवता के लिए कलंक थे,हैं और आगे भी रहेंगे।
@krishnak9305
@krishnak9305 10 ай бұрын
Aapka Gyan ka dil se koti koti nmn sir
@mewa556
@mewa556 25 күн бұрын
Apka Bahut bahut aabhar sir . Sachchai batane ke lie.
@Shalini_videoshorts
@Shalini_videoshorts 11 ай бұрын
ऊँचे कुल का जनमिया,करनी ऊँची ना होए।सवर्ण कलश सुरा भरा,साधु निन्दा होए।।मनुवादी ब्राह्मणों के द्वारा शूद्र शोषण और अत्याचार से पीड़ित थे।जब बाबा साहेब जी ने मनुस्मृति को पढ़ा और उन्हें समझ आ गया कि ना रहेगी स्मृति ना रहेगें।ना मनुवादी ब्राह्मण।जय भीम🙏🙏☝📘
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@meglapersad1481
@meglapersad1481 Жыл бұрын
पंकज कुमार त्रिपाठी जी ! आपको नमन है कि आपने समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग को नायक बनाकर विवेचना शुरू किये है । आधुनिक जमाने मे यह कार्य परोपकारी कार्यो मे सबसे आगे श्रेष्ठ और प्रथम सोपान पर है । हम सृष्टी का सृजन , पालन और संहार करने वाली परम शक्ति से प्रार्थना करते है कि इस पुनीत कार्य के लिये आपको मोक्छ प्रदान करे ।
@pankajkumarpritam1596
@pankajkumarpritam1596 Жыл бұрын
😂😂😂
@AdityaKumar-q7p8y
@AdityaKumar-q7p8y Жыл бұрын
छमा करिये मै मनुस्मृति को नही मानता हूं क्यूंकि ये अभद्र शब्द केवल दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव करने के लिए रणनीति बनाऐ है लोग इसलिए मै संविधान का आदर करता हुं संविधान हमारे लिए ग्रंथ है बाकी सब पंत है बाबा साहेब जी ने एक सुंदर संविधान बनाये है जिससे पुरा भारत देश चलता और ऐसे महापुरुषों का बहुत समान करता हुं the power of Constitution jay bhim👏👏👏💙💙💙💙 15:12
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@GulabSingh-me5jq
@GulabSingh-me5jq 11 ай бұрын
Jai Bhim Jai Savidhan❤❤
@VidyaDevi-k9u
@VidyaDevi-k9u 4 ай бұрын
Sir aap ne ache se Samjaya hai thanks so much 😊👏👏💐bhut hi giyan wali video hai 😊
@samasyasamadhanparishad
@samasyasamadhanparishad Жыл бұрын
सर आपने बहुत ही अच्छे ढंग इसके लिए आपको बहुत बहुत कोटि कोटि धन्यवाद
@KantijiMotivation2005
@KantijiMotivation2005 Жыл бұрын
गजब दोगलापन है,,, आज के समय मनुस्मृति के अनुसार 99% लोग शुद्र ही हैं 😊
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@KantijiMotivation2005
@KantijiMotivation2005 Жыл бұрын
@@thelogicalindian99 शुद्र की बदौलत तुम भी अपने channel पर veiws खींच रहे हो,, वरना तुम्हारी 1k veiws लाने की भी औकात नहीं थी 😂🙏🚩🚩🇮🇳🌹 I am also belongs to a OBC category,, But before I am a Sanatani Hindu 🙏🚩🇮🇳🌹💯✨♥️💜💙
@SureshKumar-s9i7f
@SureshKumar-s9i7f Жыл бұрын
सरकार को चाहिए सब की जमीन बराबर कर दे सभी को सामान होकर अधिकार दे दे जमीन को ध्रुवीकरण करके बटवारा करके सभी को एक बराबर बांट दे तभी यह सब बंद हो जाती व्यवस्था समाप्त हो जाती
@shaileshmishra6070
@shaileshmishra6070 5 ай бұрын
Sabse jyada Nasha aapki jaati mein log karte Hain meet mujra ka Sevan karke pita ke dhan ko barbad karke jo bhi yah kam Karega uske pas Dhan Na Hoga Brahman mein abhi bhi 80% log nasa ka Sevan nahi karte hain garibi ki vajah
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@ChandrakantKakde-cl8sv
@ChandrakantKakde-cl8sv 3 ай бұрын
वाह क्या बात है ला जवाब जानकारी आपको दिल से जय भिम 👈🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@SantLal-ok6ve
@SantLal-ok6ve 5 ай бұрын
Tripathi ji,, aapko Mera pyar bhara Sadar pranam,,,, our aapse hamara vinamra nivedan hai ki aap hamare our hamare samaj ke bich uprokat jaisi vidambnaye jaisi sachchi kahani,ya our koi chije bhejte ya dohrate rahe, taki sarv samaj es pakhandvad se alage va door hoker apne va apne bachchon ko sahi shikchha ki disha dikhaker unhen Gyan de our dila sake,,,,,🌹 Sonu Baudh 🌹
@RajKumar-cr9vk
@RajKumar-cr9vk Жыл бұрын
ये देखो आज के obc को वैश्य सावित करना चाहते हैं। यदि obc वैश्य है तो इनका विवाह वैश्य में क्यों नहीं होता।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
विवाह तो एक ब्राह्मण का दूसरे ब्राह्मण से भी वर्जित किये बैठे हैं… सरयूपारिण ब्राह्मण का विवाह कान्यकुब्ज या गौड़ ब्राह्मण से नहीं होता। OBC में बहुत सी उन जातियों को रखा गया है जिन्हें मनुस्मृति में वैश्य कहा गया है… मैंने सिर्फ़ मनुस्मृति का उल्लेख किया है।
@venaysingh5509
@venaysingh5509 Жыл бұрын
Bahe hum bahe hai sc st obc may obc hu mene sc kast may shade ke hai mere kaye kamboj kast valo nay sc ladkio say shade ke hai humne se parkar kaye sc Loko nay obc ke ladkio say be shade ke may Punjab Kay Ferozepur ka rehane vala hu
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
@@pvplawindia सीधी सी बात है " जाति तोड़ो भारत जोड़ो"
@sadow115
@sadow115 Жыл бұрын
​@@pvplawindiakheti to sab log kar rhe hai or pasu palan bhi sc obc or Muslim bhi ,to kaise vaish hai obc, obc shudra hai
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@meenakshiverma4865
@meenakshiverma4865 Жыл бұрын
शूद्रो का गरीबी का कारण ब्राह्मणवाद ब्रह्मा जी
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
महाशय, किस किस चीज से सेवा की जाती थी? अछूत तो सेवा करते नहीं थे क्योंकि वो तीनों वर्ण को छू नहीं सकते थे अर्थात उन्हें वर्ण कुव्यवस्था में रखा ही नहीं गया । तो फिर शूद्र कौन है ।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
कहाँ सो रहें हैं? सवर्ण महिलाओं को बच्चों पैदा करवाने और मालिश करने का काम कौन करता था ? सारे शूद्र सभी प्रयोजनों के लिए अछूत नहीं थे।
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
@@pvplawindia मैं नहीं सोया हूँ आप अध्ययन कीजिए । महिला "शूद्र वर्ण "में आती है । महाभारत पढ लीजिए ,गीता पढ लीजिए,,रामयण पढ लीजिएया जो पढा रहे हैं मनुस्मृति पढ लीजिए । बस एक प्रश्न पूछा कि मिर्ची लग गई और कह रहे हैं कहाँ सोये हैं? ,youtube चलाते हैं तो दिमाग शान्त रखिए। मैं ने अपनी जिज्ञासा जाहिर की थी ।
@babitarohani4226
@babitarohani4226 Жыл бұрын
SC/ST Verna System Me Hai Hi Nahi , Yah Baat Baba Saheb Dr. Ambedkar Ke Sath - Sath Gandhi Ji Ne Bhi Mani Thi, Esliye Ve Enhe Pancham Kaha Karte The, Arthat Jo Verna System Se Bahar Hai.
@motorambhilawekar7112
@motorambhilawekar7112 Жыл бұрын
​@@pvplawindiaAs per brahman dharm literatures, women are shudra & paapyoni.
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
मुझे आपकी जिज्ञासा से लगाव है। मैं तो आपसे जुड़नेवाली मित्रवत् शैली में “कहाँ सो रहें हैं” लिखा था, फिर भी यदि आपको मेरी भाषा चुभी हो तो मैं क्षमा चाहूंगा। महिलाओं को शूद्र जैसा माना गया है लेकिन ब्राह्मण वर्ण की महिला और शूद्र वर्ण की महिला को एक समान नहीं माना गया है। महाभारत में विदुर को दासी पुत्र होने के नाते ही राजा नहीं बनने दिया गया। रामायण में भी विवाहोपरांत सीता जी के साथ जिन सैकड़ों दासियों को अयोध्या भेजने का उल्लेख है क्या वे और सीता जी एक समान थी? आप सुझाव कि मैं यू ट्यूब पर हूँ तो दिमाग़ शांत रखूँ, मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा जैसे कोई मुझे बहुत Care करने वाला हो
@AmbsonsPower
@AmbsonsPower 27 күн бұрын
अच्छा विश्लेषण है पंकज जी, भारत में सामाजिक लोकतन्त्र आवश्यक है
@VinodVerma-gx4le
@VinodVerma-gx4le 10 ай бұрын
आपके कहने का अर्थ है कि वे तमाम जातियां जो विभिन्न प्रकार के धंधा वाले कार्य करते है, जेसे नाई, धोबी, कुम्हार, चमार, बरार, बड़ाई, लुहार , यादव, लोधी, कुर्मी , गडरिया आदि सभी वैश्य हे तो फिर शुद्र कौन सी जातियां है। क्योंकि सभी तो कुछ न कुछ कर्म करते ही थे । वर्तमान में संविधान आने से वर्ण व्यवस्था का कोई औचित्य ही नही है। इसलिए मनु स्मृति निरर्थक हे।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।
@AshokKumar-to2bs
@AshokKumar-to2bs Жыл бұрын
सर मनुस्मृति में तो सूद्र को धन रखने का अधिकार नहीं था और ना ही कोई धन दे रहा था बल्कि शूद्रो का रखा हुआ सबकुछ छीनकर नष्ट कर दिया जाता था।
@jipsum
@jipsum Жыл бұрын
मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
@ramraji1748
@ramraji1748 Жыл бұрын
Agar BHARAT me manusmriti nahi hota tho sabka adhikar brabar hota na hi unch neech hota our nahi angrejo ka aakrman hota jai Bhim Jai samvidhan Jai Bharat
@Amankumar-wn1xb
@Amankumar-wn1xb Жыл бұрын
Sahi batt,,,
@Kushmund
@Kushmund Жыл бұрын
Akdom 100/right
@govindram5054
@govindram5054 Жыл бұрын
बहुत ईमानदार विश्लेषण किया है।धन्यवाद।
@subhshchandradomkundwar5156
@subhshchandradomkundwar5156 Жыл бұрын
Manusmriti kb se lagu hui thi , ttha kb tk lagu thi ? Please answer .
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@dhaniyadevilifevlogs
@dhaniyadevilifevlogs Жыл бұрын
पंकज जी, बहुत बहुत धन्यवाद, जनहित में बहुत ही अच्छा विषय पर जानकारी सहज रूप में उपलब्ध कराया है। आप के विषय में कहा जा सकता है की आप उन लोगों मे से एक है जो लकीर के फकीर नहीं हैं। सही को सही और गलत को गलत कहने वाले आज के दुर्लभ प्रजातियों में से आप एक हैं , अभिनंदन स्वीकार करें। सवर्ण जातियों में आप जैसे 25प्रतिसत हों जाए तो भारत का स्वर्णिम विकास संभव है।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
हौसला अफजाई के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया बंधु ।
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@mangalprasad7108
@mangalprasad7108 3 ай бұрын
मनुस्मृति बनाने वाला पूरा का पूरा हैवान था।
@crackitnow.6371
@crackitnow.6371 3 ай бұрын
पुराणी व्यवस्था.. मनुस्मृती.. तथा ब्रम्हाजी का सदैव निषेध करते.... संविधान हि सत्ये है... वर्णव्यस्था आज बाहर निकलना आसान है.. जय संविधान
@12.sanjeevranjan77
@12.sanjeevranjan77 Жыл бұрын
अब भी वक्त है मनुष्य सिर्फ अपने को मनुष्य समझे.अब सिर्फ. ......
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@12.sanjeevranjan77
@12.sanjeevranjan77 11 ай бұрын
@@pvplawindia वाचक अनुत्तरित।
@jogendrasinghjogendrasingh6104
@jogendrasinghjogendrasingh6104 Жыл бұрын
Jay bhim great bhai ji
@kumarsinghlader1936
@kumarsinghlader1936 3 ай бұрын
आदरणीय पंकज सर, भगवान बुद्ध ने चार आर्य सत्य का खोज सबसे पहले किया था। पहली आर्य सत्य में कहा कि दुःख है दूसरा आर्य सत्य में कहा कि दुःख का कारण है तिसरे आर्य सत्य में कहा कि दुःख का निवारण है और चौथे आर्य सत्य में कहा कि दुःख निवारण के उपाय है।इस प्रकार से भगवान बुद्ध पहले आर्य पुरुष हैं और भगवान बुद्ध के राह पर चलने वाले ही आर्य हैं। हिंदू धर्म कापी पेस्ट है। बुद्ध धम्म का
@phoolchandra1366
@phoolchandra1366 Ай бұрын
त्रिपाठी जी , आपका विश्लेषण सटीक है फिर भी शूद्रों के आय के सार्वभौमिक साधन का अन्य तीन वर्णों की भांति व्यवस्था न मनुस्मृति के अनुसार और न संविधान के अनुसार की गई और न ही मान सम्मान से जीने के अवसर उपलब्ध कराए गए । अब आरक्षण से जो थोड़ा बहुत अवसर मिला वह भी निजीकरण की वजह से निष्प्रभावी हो जाएगा । शूद्रों स्थिति फिर पहले जैसी हो जाएगी ।
@harishchandramaurya5893
@harishchandramaurya5893 Жыл бұрын
मनुस्मृति कब.लिखी गयी यह भी बताया जाय मनुस्मृति मे इंन्सान को चार क्रमिक उंच नीच वर्ण मे बांटना अमानवीय षडयंत्रकारी कदम था वर्ण जन्म से हि है
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@sudhagupta3557
@sudhagupta3557 Жыл бұрын
मनु हर युग मे होते है, मनु अपने युग मे मनुष्यो के नेता होते है
@pankajkumarpritam1596
@pankajkumarpritam1596 Жыл бұрын
हरीश चंद्र मौर्य जी बिल्कुल सही कहा आपने।
@KundanYadav-rn1uc
@KundanYadav-rn1uc Жыл бұрын
​ 5:17
@pankajkumarpritam1596
@pankajkumarpritam1596 11 ай бұрын
@@sudhagupta3557 Manu jaise log kele ka chilka hote hai. Manu ke anusar to sabhi baniya ko sirf kharid bikri ka Kam karna chahiye. Tum log to manusmriti ke anusar na shikshak ban sakte ho aur usse uche pad par soch bhi nahi sakte the. Kar kam manusmriti ke anusar.
@drpcyadav
@drpcyadav Жыл бұрын
आप तो राहुल सान्कृत्यागन निकले। सर जी।
@नमस्तेसदावत्सलेमातृभूमे-य7छ
@नमस्तेसदावत्सलेमातृभूमे-य7छ Жыл бұрын
राहुल सांकृत्यायन भूमिहार थे इन दुष्ट ब्राह्मणों ने भूमिहारो को भी काफी अपमानित किया है।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@tekramkumar2914
@tekramkumar2914 Жыл бұрын
शुदर अपना वोट 'नोट 'स्फोट अपने दुशमन सवर्ण को दे देते हैं 'ग़रीब तों रहेंगे
@bapushayedme1388
@bapushayedme1388 Жыл бұрын
ब्रम्हा इतना अन्यायी था .
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@slove567
@slove567 Жыл бұрын
​@@bapushayedme1388😂😂😂
@arunkumardas9645
@arunkumardas9645 10 ай бұрын
शूद्र समाज को शिक्षित करना चाहिए और पद, विभाग, संस्थानो में मौका मिलना चाहिए
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।
@ajivaklok
@ajivaklok 6 ай бұрын
बहुत बढ़िया समझाया परंतु उत्तर नहीं मिला। आगे उत्तर हम बताते हैं। संविधान लागू होने का बाद भी आज शूद्र लोग गरीब, परेशान, लाचार केवल दो कार्य करने हैं कि ये लोग दान करते हैं और दूसरों की सेवा करते हैं। इनकी भलाई केवल इनको इन्हीं दो कार्यों को छोड़ने से हों जायेगी। अर्थात इन्हें मानव बनना होगा और अपने संसाधनों को अपने हित में प्रयोग करना होगा।
@48038
@48038 5 ай бұрын
मंदिर मे दान देने से जाति व्यवस्था सताएगी सरकार को टैक्स देने से नेता मंत्री सरकारी तंत्र बाहुबली सताएगे
@SantLal-ok6ve
@SantLal-ok6ve 5 ай бұрын
Bade bhaiya ji,,ko sader pranam, Namo buddhay 🌹🌹 jai bhim 🙏🏻🙏🏻 jai samvidhan 💙💙 jai shree manyver Kanshiram ji 🇪🇺🇪🇺 Jai bhim aarmi jindabad 🇷🇴🇷🇴🐘🐘🇮🇳🇮🇳💐💐🌹🌹🥀🥀💯💯🙏👍🏻👍
@KrishanKumar-vl5jb
@KrishanKumar-vl5jb Жыл бұрын
जब बाहमणो का काम पढाना पुरोहित मंदिरों में दान लेना यज्ञ करना करना है तो एस पी डी एस पी कनृल जृनल मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री जज पत्रकार क्यों बनते हैं अपने वर्ण के हिसाब से मांग के ही खाएं।
@prakharshankar3064
@prakharshankar3064 Жыл бұрын
Varna change ho jate the 1600 ke Rathod 2000 main teli he 😅
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Жыл бұрын
​@@pvplawindiabahut sahi likha aapne Jay ho
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Жыл бұрын
Pandit ji balmiki ramayan me kya likha hai uski shiksha kyo nahi dete
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh
@BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh Жыл бұрын
Balmiki ramayan ke sabd bhagwan se aaye phir usko kyo nahi padhte pakhand kyo phela rahe ho
@VIPINKUMAR-dy4ev
@VIPINKUMAR-dy4ev Жыл бұрын
अधिकार मांगने से नहीं मिलता चीन से मिलता है क्योंकि सूत्रों में जीना है मेरे बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने पढ़ाई और यश के बल पर बहुजन का अधिकार संविधान के थ्रू मिला है बल्कि मनुस्मृति के के अनुसार नहीं मार्शमैलो की सिर्फ गुलामी और गुलामी एक दूसरे को एक à हमारे बाबा साहब ने मनुस्मृति को जलाकर बहुत अच्छा किया जय भीम नमो
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/mYPdXmiEo5h4j9U भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??
@santramsid1976
@santramsid1976 Жыл бұрын
संविधान ही अच्छी हैं
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@sunilkumaryadav5168
@sunilkumaryadav5168 4 ай бұрын
Isiliye To Ham Bharat ke Mul nivasi Babasaheb ko sat sat Naman karte hain aur Yad Karte rahte hain
@ramprasadahirwar9748
@ramprasadahirwar9748 Ай бұрын
Bahut achha laga Jai hind jai samvidhaan
@s.k.indian2052
@s.k.indian2052 Жыл бұрын
बहत ही बढ़िया जानकारी है और Analysis है।
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@SinghanuBind-gq7wn
@SinghanuBind-gq7wn Жыл бұрын
ब्राह्मण से बढ़ कर कोई भी झुठा नहीं।।। ब्राह्मण से बढ़ कर कोई भी भिखारी नहीं
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@RajeshSrivastava-fr7qz
@RajeshSrivastava-fr7qz Жыл бұрын
सिर्फ भारतीय परिपेक्ष्य मे....
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।
@Ajeetkumar-jp9tk
@Ajeetkumar-jp9tk Жыл бұрын
संविधान से पहले किसी शूद्र को शिक्षा नहीं दी जाती थी
@ShrawanSaazOfficial
@ShrawanSaazOfficial Жыл бұрын
@@satyendramishra7877 महर्षि बाल्मीकि ब्रह्मण थे ,ब्रह्मा के पुत्र प्रचेता और प्रचेता के पुत्र बाल्मीकि ब्रह्मण थे । वेद व्यास पराशर ऋषि जो एक ब्रह्मण था के पुत्र थे । बाबा साहब को अंग्रेज आने के बाद भी बच्चों के साथ पढने नहीं दिया और संस्कृत का स तक नहीं । अंग्रेज 1835 में education लाया और 1854 में kolkata,Madras और मुंबई में विश्वविद्यालय खोला जो सभी वर्गो के लिए थी । क्या ब्रह्मणों ने कोई गुरूकुल खोला था जहाँ सभी पढ सके ? नाम बताइए
@slove567
@slove567 Жыл бұрын
​@@satyendramishra7877baba sahib india me education kab liye😂😂😂
@teach369
@teach369 Жыл бұрын
kzbin.infoKPjORvkecTo?si=ER0o26SC3Yw-MDzt
@teach369
@teach369 Жыл бұрын
kzbin.infoKPjORvkecTo?si=ER0o26SC3Yw-MDzt
@SunnySunny-pi2nq
@SunnySunny-pi2nq Жыл бұрын
​@@satyendramishra7877ye log ya to angreji shashn me ya mugal shashn me ye mukaam hasil kiye hain na kii chritrhin nyayik chritra se shnya brahamn ya manuvadiyon ke shashn me samjhe mahoday
@digital_marketing2022
@digital_marketing2022 4 ай бұрын
Defence, education, services, business, maybe following with this strategy in all over in the world. everyone labour in own profession, every work ever done by brain. everything depends on other one. but must and important things that, all arrangement depand on karm, not on birth.
@sunitasinghup8603
@sunitasinghup8603 Жыл бұрын
सभी को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए आपने बहुत अच्छी जानकारी बताएं धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@thelogicalindian99
@thelogicalindian99 Жыл бұрын
बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzbin.info/www/bejne/hYmwnHh8qt-shbs
@kanchanshaniww2wwwwwwwwww795
@kanchanshaniww2wwwwwwwwww795 Жыл бұрын
जब तक इस देश में ब्राह्मण का राज चलेगा जब तक इस देश में ब्राह्मण को पढ़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा तब तक हमारा हमारा भारत विकास नहीं हो सकता है
@ASLANKIT
@ASLANKIT Жыл бұрын
😂😂😂
@KantijiMotivation2005
@KantijiMotivation2005 Жыл бұрын
😂😂😂😂😂
@rajupathri6389
@rajupathri6389 Жыл бұрын
Brahman ki tedhi buddhi h .
@ASLANKIT
@ASLANKIT Жыл бұрын
@@rajupathri6389 aur chamar ki
@kushadehury8045
@kushadehury8045 Жыл бұрын
Jay bhim sir great work
@pvplawindia
@pvplawindia Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/e2LLnKp4jKxpb68si=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻
@readytohelp30
@readytohelp30 2 ай бұрын
great Ambedkar ji
@jitendrayadav-gs1ci
@jitendrayadav-gs1ci 3 ай бұрын
आपके बताने के तरीका से पता चल रहा है। की आप भी मनु के हो लरघस है।आज ब्रह्मा भीम राव अम्बेडकर
@imamudeenbhatti9683
@imamudeenbhatti9683 6 ай бұрын
जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय संविधान !
@rambabusingh3110
@rambabusingh3110 Жыл бұрын
अब गरीब नहीं है. क्योंकि संविधान ने शूद्र को इतनी ताकत दी कि क्षत्रिय भी भयभीत हैं.
@gopiram-oc1dv
@gopiram-oc1dv Жыл бұрын
हां ईतने भयभित कि,जज बनाना,प्रशासनिक सेवा देना ,न्याय दिलाना, ऊंच निच नही मानना,ऐवं बेटी रोटी के लिये ओफंर दे रहे हैं।खोई सम्पति लोटा रहे हैं।आंख ना कान भगवनीया हैं नाम।
@Akhilesh-l4l3n
@Akhilesh-l4l3n Жыл бұрын
Sahi hai bhai i am OBC sudra ❤🇮🇳
@rambabusingh3110
@rambabusingh3110 Жыл бұрын
कौन कहता है judge नहीं बन रहे?.ये झूठा प्रचार है. हमारे गाँव के पासवान,धोबी को भी 1895 के सर्वे में जमीन था और आज भी है. लेकिन सभी के पास नहीं है जो बाद में आकर बसे. धोबी और लोहार के पास भी ट्रैक्टर है. मैं अपना खेत उसी से जताया. क्योंकि मैं ट्रैक्टर खरीदने योग नहीं है. सहनी यादव का बात ही नहीं कर रहा हूं.
@budhprakash9200
@budhprakash9200 5 ай бұрын
हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।
БАБУШКА ШАРИТ #shorts
0:16
Паша Осадчий
Рет қаралды 4,1 МЛН
Andro, ELMAN, TONI, MONA - Зари (Official Audio)
2:53
RAAVA MUSIC
Рет қаралды 8 МЛН
БАБУШКА ШАРИТ #shorts
0:16
Паша Осадчий
Рет қаралды 4,1 МЛН