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सुरेंद्र बिष्ट नहीं रहे, वो ही सुरेंद्र बिष्ट, जो कि वर्ष 1987 में पहाड़ के तमाम ज्वलंत विषयों पर आधारित अपनी फिल्म उदंकार लेकर आए थे। इस फिल्म के सपने को साकार करने के लिए उन्हें संघर्षों के लंबे सिलसिले से गुजरना पड़ा था। उनके संघर्षों का उस स्तर पर मूल्यांकन नहीं हो पाया, जितना अपेक्षित था, फिर भी उत्तराखंड में गंभीर तरह के सिनेमा को लेकर वो सामने आए थे। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए ये वीडियो उन्हें समर्पित है।
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